हल्द्वानी: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर अपना वीडियो जारी कर मुख्यमंत्री को तीन सुझाव दिये हैं. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के चलते उद्योग धंधे बंद हो चुके हैं. परिवार के कमाने वाले लोग अब घर आ चुके हैं. उसके और उसके परिवार के सामने रोजी-रोटी का संकट है. इसको लेकर प्रदेश सरकार को सोचने की जरूरत है.
हरीश रावत ने कहा है कि लॉकडाउन और आगे जाने की उम्मीद जताई जा रही है. ऐसे में रोजगार पर आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. प्रदेश सरकार को किसानों की भी चिंता करनी चाहिए. गन्ने किसानों के गन्ने की पेराई नहीं हो पा रही है. उनका पिछला बकाया भुगतान भी अभी तक नहीं मिल पाया है. साथ ही उनकी गन्ने की खरीद भी नहीं हो पा रही है और उनके गन्ने खराब होने के कगार पर हैं. ऐसे में अब प्रदेश सरकार को गन्ना किसानों को मुआवजा भी देनी चाहिए.
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यही नहीं हरीश रावत ने मुख्यमंत्री को यह भी सुझाव दिया है कि पहाड़ के किसान को पारंपरिक खेती करने के लिए सरकार को प्रेरित करना चाहिए. जिससे पहाड़ी उत्पादन हो ताकि मंडवा, झींगोरा और अन्य खेती को बढ़ावा मिल सके. साथ ही सरकार को पहाड़ के किसानों को मनरेगा के तहत भुगतान भी दिया जाना चाहिए, जिससे कि किसान आर्थिक रूप से मजबूती हो सके.
सोशल मीडिया पर पोस्ट किये वीडियो में हरीश रावत ने होटल व्यवसायियों पर भी चिंता व्यक्त की. हरदा ने कहा कि लॉकडाउन के चलते प्रदेश में होटल व्यवसाय पूरी तरह से खत्म हो चुका है. ऐसे में सरकार को होटल व्यवसाय की कार्य योजना के तहत आगे भी काम करने की जरूरत है.