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हल्द्वानी: राशन डीलरों ने एसडीएम कोर्ट के बाहर किया विरोध-प्रदर्शन

राशन डीलरों ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान सरकारी राशन विक्रेताओं द्वारा लोगों के घरों तक राशन पहुंचाया जा रहा है. दुकानदारों द्वारा ईमानदारी के साथ काम किया जा रहा है. लेकिन कुछ लोगों द्वारा सरकारी राशन विक्रेताओं को बेईमान बताकर अपमानित किया जा रहा है.

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Published : Jun 9, 2020, 6:03 PM IST

हल्द्वानी: खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा बनभूलपुरा क्षेत्र से एक ट्रक से भारी मात्रा में राशन जब्त करने और राशन डीलरों के खिलाफ गलत खबर प्रसारित करने के खिलाफ डीलरों में खासा रोष है. विक्रेताओं ने आज हल्द्वानी के एसडीएम कोर्ट ने प्रदर्शन कर कहा है कि बीते दिन खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा पकड़ा गया राशन सरकारी सस्ते-गल्ले का नहीं था.

राशन विक्रेताओं ने एसडीएम कोर्ट के बाहर प्रदर्शन करते हुए सरकार से उनके द्वारा बांटे गए राशन का जल्द भुगतान करने की मांग की. डीलरों का कहना है कि बीते दिन खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा पकड़ा गया राशन सरकारी सस्ते-गल्ले का राशन नहीं था. इसकी खाद्य विभाग जांच भी कर चुका है, लेकिन कुछ लोगों और अखबारों द्वारा सस्ता-गल्ला राशन विक्रेताओं को बिना तथ्यों के कालाबाजारी करने का आरोप लगाया जा रहा है, जो उचित नहीं है. वहीं जिसको लेकर उनके दुकानों पर छापेमारी करने की कार्रवाई भी की जा रही है.

पढ़ें: गैरसैंण बनी उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी, राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने दी स्वीकृति

राशन डीलरों ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान सरकारी राशन विक्रेताओं द्वारा लोगों के घरों तक राशन पहुंचाया जा रहा है. दुकानदारों द्वारा ईमानदारी के साथ काम किया जा रहा है. लेकिन कुछ लोगों द्वारा सरकारी राशन विक्रेताओं को बेईमान बताकर अपमानित किया जा रहा है.

हल्द्वानी: खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा बनभूलपुरा क्षेत्र से एक ट्रक से भारी मात्रा में राशन जब्त करने और राशन डीलरों के खिलाफ गलत खबर प्रसारित करने के खिलाफ डीलरों में खासा रोष है. विक्रेताओं ने आज हल्द्वानी के एसडीएम कोर्ट ने प्रदर्शन कर कहा है कि बीते दिन खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा पकड़ा गया राशन सरकारी सस्ते-गल्ले का नहीं था.

राशन विक्रेताओं ने एसडीएम कोर्ट के बाहर प्रदर्शन करते हुए सरकार से उनके द्वारा बांटे गए राशन का जल्द भुगतान करने की मांग की. डीलरों का कहना है कि बीते दिन खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा पकड़ा गया राशन सरकारी सस्ते-गल्ले का राशन नहीं था. इसकी खाद्य विभाग जांच भी कर चुका है, लेकिन कुछ लोगों और अखबारों द्वारा सस्ता-गल्ला राशन विक्रेताओं को बिना तथ्यों के कालाबाजारी करने का आरोप लगाया जा रहा है, जो उचित नहीं है. वहीं जिसको लेकर उनके दुकानों पर छापेमारी करने की कार्रवाई भी की जा रही है.

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राशन डीलरों ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान सरकारी राशन विक्रेताओं द्वारा लोगों के घरों तक राशन पहुंचाया जा रहा है. दुकानदारों द्वारा ईमानदारी के साथ काम किया जा रहा है. लेकिन कुछ लोगों द्वारा सरकारी राशन विक्रेताओं को बेईमान बताकर अपमानित किया जा रहा है.

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