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HC में हल्द्वानी रेलवे भूमि अतिक्रमण मामले में सुनवाई, कोर्ट ने पीड़ितों को पक्ष रखने का दिया समय

हल्द्वानी में रेलवे की अतिक्रमण भूमि मामले पर हाईकोर्ट ने प्रभावितों को अपना पक्ष रखने के लिए दो हफ्ते का समय दिया है. साथ में सभी से अपने वैध कागजात दिखाने को भी कहा है.

Hearing in HC on Haldwani Railway's land encroachment case
हल्द्वानी रेलवे की भूमि अतिक्रमण मामले पर HC में सुनवाई
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Published : May 18, 2022, 3:29 PM IST

नैनीताल: हाईकोर्ट ने आज हल्द्वानी में रेलवे की 29 एकड़ भूमि पर किए गए अतिक्रमण के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खण्डपीठ ने कहा कि जो लोग इससे प्रभावित हैं, वे दो सप्ताह के भीतर अपना पक्ष समस्त कागजात के साथ कोर्ट में उपस्थित हो सकते हैं. इस संबंध में कोर्ट ने हाईकोर्ट रजिस्ट्रार को आदेश दिए हैं कि वे समाचार पत्रों में एक पब्लिक नोटिस प्रकाशित करें. मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी.

हाईकोर्ट ने रविशंकर जोशी की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए 10 हफ्तों के भीतर रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था. कोर्ट ने कहा था कि जितने भी अतिक्रमणकारी हैं, उनको रेलवे पीपीएक्ट के तहत नोटिस देकर जनसुनवाई करें. आज रेलवे की तरफ से कहा गया कि हल्द्वानी में रेलवे की 29 एकड़ भूमि पर अतिक्रमण किया गया है. जिनमे करीब 4365 लोग मौजूद हैं.

पढे़ं- चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की लापरवाही जान पर पड़ रही भारी! सरकार की खामियां भी जिम्मेदार

हाईकोर्ट के आदेश पर इन लोगों को पीपीएक्ट में नोटिस दिया गया. जिनकी रेलवे ने पूरी सुनवाई कर ली है. किसी भी व्यक्ति के पास जमीन के वैध कागजात नहीं पाए गए हैं. इनको हटाने के लिए रेलवे ने जिला अधिकारी नैनीताल से दो बार सुरक्षा दिलाए जाने हेतु पत्र दिया. जिसपर आजतक कोई जवाब नहीं दिया गया.

दिसंबर 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को दिशा निर्देश दिए थे कि अगर रेलवे की भूमि पर अतिक्रमण किया गया है तो पटरी के आसपास रहने वाले लोगों को दो सप्ताह और उसके बाहर रहने वाले लोगों को 6 सप्ताह के भीतर नोटिस देकर हटाया जाए. जिससे रेलवे का विस्तार हो सके. इन लोगों को राज्य में कहीं भी बसाने की जिमेदारी जिला प्रशासन एवं राज्य सरकारों की होगी. अगर इनके सभी पेपर वैध पाए जाते हैं तो राज्य सरकार, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत इनको आवास मुहैया कराएं.

नैनीताल: हाईकोर्ट ने आज हल्द्वानी में रेलवे की 29 एकड़ भूमि पर किए गए अतिक्रमण के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई की. मामले को सुनने के बाद न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खण्डपीठ ने कहा कि जो लोग इससे प्रभावित हैं, वे दो सप्ताह के भीतर अपना पक्ष समस्त कागजात के साथ कोर्ट में उपस्थित हो सकते हैं. इस संबंध में कोर्ट ने हाईकोर्ट रजिस्ट्रार को आदेश दिए हैं कि वे समाचार पत्रों में एक पब्लिक नोटिस प्रकाशित करें. मामले की अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी.

हाईकोर्ट ने रविशंकर जोशी की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए 10 हफ्तों के भीतर रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था. कोर्ट ने कहा था कि जितने भी अतिक्रमणकारी हैं, उनको रेलवे पीपीएक्ट के तहत नोटिस देकर जनसुनवाई करें. आज रेलवे की तरफ से कहा गया कि हल्द्वानी में रेलवे की 29 एकड़ भूमि पर अतिक्रमण किया गया है. जिनमे करीब 4365 लोग मौजूद हैं.

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हाईकोर्ट के आदेश पर इन लोगों को पीपीएक्ट में नोटिस दिया गया. जिनकी रेलवे ने पूरी सुनवाई कर ली है. किसी भी व्यक्ति के पास जमीन के वैध कागजात नहीं पाए गए हैं. इनको हटाने के लिए रेलवे ने जिला अधिकारी नैनीताल से दो बार सुरक्षा दिलाए जाने हेतु पत्र दिया. जिसपर आजतक कोई जवाब नहीं दिया गया.

दिसंबर 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को दिशा निर्देश दिए थे कि अगर रेलवे की भूमि पर अतिक्रमण किया गया है तो पटरी के आसपास रहने वाले लोगों को दो सप्ताह और उसके बाहर रहने वाले लोगों को 6 सप्ताह के भीतर नोटिस देकर हटाया जाए. जिससे रेलवे का विस्तार हो सके. इन लोगों को राज्य में कहीं भी बसाने की जिमेदारी जिला प्रशासन एवं राज्य सरकारों की होगी. अगर इनके सभी पेपर वैध पाए जाते हैं तो राज्य सरकार, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत इनको आवास मुहैया कराएं.

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