हल्द्वानी: चार लाख की आबादी वाला कुमाऊं मंडल का सबसे बड़ा नगर निगम हल्द्वानी हर साल स्वच्छता सर्वेक्षण की रैंकिंग में पिछड़ता जा रहा है. स्वच्छता रैंकिंग में हल्द्वानी नगर निगम 400 शहरों में 350 पायदान पर पहुंच गया. हल्द्वानी की गिनती देश के सबसे गंदे शहरों में की जाने जाने लगी है. लेकिन अब निगम प्रशासन इसमें सुधार करने की तैयारी कर रहा है. ताकि स्वच्छता सर्वेक्षण में उसे अच्छी रैंकिंग मिल सकें.
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स्वच्छता सर्वेक्षण में अपनी रैंकिंग को सुधराने के लिए निगम प्रशासन शहर में सीवरेज लाइन और एसटीपी प्लांट लगाने की तैयारी कर रहा है. इसके लिए टेंडर प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है.
बता दें कि स्वच्छता सर्वेक्षण रैंकिंग में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के साथ-साथ शहर में सीवरेज सिस्ट्म और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन को विशेष तवज्जों दी जाती है. हल्द्वानी शहर में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन तो है लेकिन उनके ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए प्लांट नहीं लगा है. साथ ही शिविर लाइन भी अब तक नहीं बिछ पाई है. लिहाजा, इस बार के वित्तीय वर्ष में नगर निगम ने इस पर काम करने जा रही है. ताकि स्वच्छता सर्वेक्षण में नगर निगम हल्द्वानी को अच्छी रैंकिंग मिल सकें.
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हल्द्वानी मेयर जोगेंद्र पाल सिंह रौतेला ने बताया कि इस बार एचटीपी और सीवरेज लाइन सहित ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के मामले में टेंडर प्रक्रिया पूरी करा निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा. डोर टू डोर कलेक्शन हल्द्वानी में हर स्थान पर हो रहा है. जिससे स्वच्छता सर्वेक्षण में हल्द्वानी की स्वच्छता रैंकिंग सुधरेगी.