हल्द्वानी: उत्तराखंड में चारधाम यात्रा में अभी तक 32 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है. ऐसे में सरकार की व्यवस्थाओं और कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े होने शुरू हो गए हैं. यात्रा मार्ग पर श्रद्धालुओं की मौत का संज्ञान पीएम मोदी भी ले चुके हैं. ऐसे में अब चारधाम यात्रा में लगातार हो रही यात्रियों की मौत पर अब विपक्ष भी सवाल खड़ा करना शुरू कर दिया है.
हल्द्वानी विधायक सुमित हृदयेश (Haldwani MLA Sumit Hridayesh) ने चारधाम यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में श्रद्धालुओं की मौत को सरकार और उत्तराखंड के लिए कलंक बताया है. उनका कहना है कि सरकार चारधाम में व्यवस्थाएं ठीक करने के बजाय पूरा ध्यान चंपावत उपचुनाव (Champawat by election) पर लगा रही है.
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विधायक सुमित हृदयेश ने कहा है कि सरकार को पहले से अनुमान था कि 2 साल के कोरोना महामारी के बाद भारी संख्या में श्रद्धालु चारधाम यात्रा (Chardham Yatra in Uttarakhand) को आएंगे, लेकिन सरकार को पता होने के बावजूद भी यात्रियों के लिए कोई ठोस व्यवस्था नहीं की. जबकि, गढ़वाल मंडल विकास निगम को 7 करोड़ रुपए व्यवस्थाओं के लिए सरकार ने दिए. उसके बावजूद भी काम नहीं हुआ.
यात्रियों की मौत एक कलंक, जागे सरकारः उन्होंने कहा कि 32 यात्रियों की मौत (Chardham pilgrims died) सरकार, सरकारी मशीनरी और प्रदेश के लिए कलंक है. लगातार हो रही मौतों के बाद भी सरकार अभी भी नींद में हैं. ऐसे में सरकार को जागने की जरूरत हैं. नहीं तो कोई बड़ा नुकसान हो सकता है. क्योंकि, जिस तरह से वहां पर व्यवस्थाएं खराब हो चुकी है. भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं, कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है.
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चारधाम में व्यवस्थाएं जुटाने की बजाए चंपावत उपचुनाव में जुटी सरकारः सुमित हृदयेश ने राज्य सरकार पर आरोप लगाया है कि सरकार और मशीनरी वहां पर व्यवस्थाओं को ठीक करने के बजाय चंपावत उपचुनाव पर ध्यान दे रही है. उन्होंने कहा कि सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था ठीक करने की दावा तो कर रही है, लेकिन वहां पर किसी भी तरह की व्यवस्थाएं नहीं है. जिसके चलते श्रद्धालुओं को परेशानी उठानी पड़ रही है. ऐसे में सरकार चुनाव के बजाय चारधाम पर फोकस करना चाहिए.