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विधायक सुमित हृदयेश ने गैरसैंण सत्र को बताया 'मोदी मय', कहा- विपक्षी विधायकों से हुआ पक्षपात, बोलने तक का मौका नहीं दिया - गैरसैंण बजट सत्र 2023

गैरसैंण में संपन्न हुआ साल 2023 का विधानसभा बजट सत्र काफी हंगामेदार रहा. कांग्रेस ने तमाम मुद्दों को लेकर धामी सरकार को घेरने की जो स्ट्रैटजी बनाई थी, वो काफी हद तक कामयाब भी रही. सत्र के पहले दिन से ही जो कांग्रेस के तेवर थे वो आखिरी दिन तक कायम रहे. वहीं, सत्र के बाद भी कांग्रेस विधायक उसी लय में नजर आ रहे हैं. इसी कड़ी में हल्द्वानी पहुंचे विधायक सुमित हृदयेश ने सत्र पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है.

Haldwani MLA Sumit Hridayesh
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Published : Mar 18, 2023, 5:17 PM IST

Updated : Mar 18, 2023, 7:53 PM IST

कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश ने सत्र को बताया निराशाजनक.

हल्द्वानी: उत्तराखंड विधानसभा के गैरसैंण सत्र में आवाज बुलंद करने वाले हल्द्वानी के विधायक सुमित हृदयेश विधानसभा सत्र खत्म होने के बाद हल्द्वानी पहुंचे, जहां उन्होंने विधानसभा सत्र में प्रस्तुत किए गए बजट और विपक्षी विधायकों के साथ गलत रवैया अपनाने पर प्रतिक्रिया दी. हृदयेश ने सत्र के दौरान हुई कार्यवाही को निराशाजनक बताया.

हल्द्वानी से कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश ने कहा कि जिस तरह से प्रदेश सरकार ने 2023-24 का बजट जारी किया है, वो पूरी तरह निराश करता है. विधानसभा सत्र के दौरान प्रदेश सरकार द्वारा ऐसे कोई भी खास मुद्दे विधानसभा सत्र में नहीं लाए गए, जिससे उत्तराखंड का विकास हो सके. उन्होंने कहा कि प्रदेश में 868000 बेरोजगार पंजीकृत हैं लेकिन वर्ष 2022-23 में मात्र 2299 लोगों को रोजगार दिया गया है.

हृदयेश ने सवाल उठाया कि एक ओर प्रदेश सरकार कर्ज के बोज तले दबी हुई है और राज्य को कर्ज का 6161 करोड़ रुपये का ब्याज देना पड़ रहा है और हालात ये हैं कि सरकार ब्याज देने के लिए फिर से कर्ज ले रही है. उन्होंने कहा कि राज्य की कुल आमदनी 35000 करोड़ रुपये है जबकि सरकार ने 77000 करोड़ रुपये से अधिक का बजट पास किया है, ऐसे में राज्य का घाटा कैसे पूरा होगा.
पढ़ें- Uttarakhand Politics: सरकार के इशारे पर काम करने वाले अधिकारियों को सबक सिखाएगी कांग्रेस, बीजेपी ने किया पलटवार

उन्होंने कहा कि विधानसभा सत्र के दौरान मुख्यमंत्री धामी केवल प्रधानमंत्री मोदी के नाम का गुणगान कर रहे थे. ऐसा लग रहा था कि मुख्यमंत्री कहीं अडानी का नाम न ले लें. उन्होंने आरोप लगाया कि विधानसभा सत्र के दौरान सरकार और विधानसभा अध्यक्ष ने साजिशन जल्दी से बजट सत्र को खत्म किया गया. यहां तक कि विधानसभा अध्यक्ष ने नियमों के विरुद्ध विधायकों का निलंबन भी किया. उन्होंने आरोप लगाया कि विधानसभा में विपक्ष के विधायकों के साथ पक्षपात किया गया, उनको बोलने तक का मौका नहीं दिया जा रहा था.

विपक्ष की आवाज को दबाने का आरोप लगाते हुए हल्द्वानी विधायक ने कहा कि जिस तरह से प्रदेश की सड़कें बदहाल हो चुकी हैं, बेरोजगारी चरम पर है और प्रदेश के अंदर हर काम के लिए गब्बर टैक्स वसूला जा रहा है, उससे साफ नजर आता है कि प्रदेश में भ्रष्टाचार चरम पर है, यहां नकल माफिया हावी हैं लेकिन प्रदेश सरकार केवल विपक्ष को दबाने में जुटी हुई है.

कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश ने सत्र को बताया निराशाजनक.

हल्द्वानी: उत्तराखंड विधानसभा के गैरसैंण सत्र में आवाज बुलंद करने वाले हल्द्वानी के विधायक सुमित हृदयेश विधानसभा सत्र खत्म होने के बाद हल्द्वानी पहुंचे, जहां उन्होंने विधानसभा सत्र में प्रस्तुत किए गए बजट और विपक्षी विधायकों के साथ गलत रवैया अपनाने पर प्रतिक्रिया दी. हृदयेश ने सत्र के दौरान हुई कार्यवाही को निराशाजनक बताया.

हल्द्वानी से कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश ने कहा कि जिस तरह से प्रदेश सरकार ने 2023-24 का बजट जारी किया है, वो पूरी तरह निराश करता है. विधानसभा सत्र के दौरान प्रदेश सरकार द्वारा ऐसे कोई भी खास मुद्दे विधानसभा सत्र में नहीं लाए गए, जिससे उत्तराखंड का विकास हो सके. उन्होंने कहा कि प्रदेश में 868000 बेरोजगार पंजीकृत हैं लेकिन वर्ष 2022-23 में मात्र 2299 लोगों को रोजगार दिया गया है.

हृदयेश ने सवाल उठाया कि एक ओर प्रदेश सरकार कर्ज के बोज तले दबी हुई है और राज्य को कर्ज का 6161 करोड़ रुपये का ब्याज देना पड़ रहा है और हालात ये हैं कि सरकार ब्याज देने के लिए फिर से कर्ज ले रही है. उन्होंने कहा कि राज्य की कुल आमदनी 35000 करोड़ रुपये है जबकि सरकार ने 77000 करोड़ रुपये से अधिक का बजट पास किया है, ऐसे में राज्य का घाटा कैसे पूरा होगा.
पढ़ें- Uttarakhand Politics: सरकार के इशारे पर काम करने वाले अधिकारियों को सबक सिखाएगी कांग्रेस, बीजेपी ने किया पलटवार

उन्होंने कहा कि विधानसभा सत्र के दौरान मुख्यमंत्री धामी केवल प्रधानमंत्री मोदी के नाम का गुणगान कर रहे थे. ऐसा लग रहा था कि मुख्यमंत्री कहीं अडानी का नाम न ले लें. उन्होंने आरोप लगाया कि विधानसभा सत्र के दौरान सरकार और विधानसभा अध्यक्ष ने साजिशन जल्दी से बजट सत्र को खत्म किया गया. यहां तक कि विधानसभा अध्यक्ष ने नियमों के विरुद्ध विधायकों का निलंबन भी किया. उन्होंने आरोप लगाया कि विधानसभा में विपक्ष के विधायकों के साथ पक्षपात किया गया, उनको बोलने तक का मौका नहीं दिया जा रहा था.

विपक्ष की आवाज को दबाने का आरोप लगाते हुए हल्द्वानी विधायक ने कहा कि जिस तरह से प्रदेश की सड़कें बदहाल हो चुकी हैं, बेरोजगारी चरम पर है और प्रदेश के अंदर हर काम के लिए गब्बर टैक्स वसूला जा रहा है, उससे साफ नजर आता है कि प्रदेश में भ्रष्टाचार चरम पर है, यहां नकल माफिया हावी हैं लेकिन प्रदेश सरकार केवल विपक्ष को दबाने में जुटी हुई है.

Last Updated : Mar 18, 2023, 7:53 PM IST
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