हल्द्वानी: शहर में पेयजल संकट लगातार गहराता जा रहा है. अधिकतर जगहों पर वर्षों पुरानी लाइनों से पेयजल का रिसाव होने से पानी की बर्बाद हो रही है. वहीं जल संस्थान की रिपोर्ट के मुताबिक हल्द्वानी में पेयजल संकट का मुख्य कारण मॉल, होटल और अस्पताल बताए जा रहे हैं. जोकि पेयजल विभाग का आधा पानी पी जा रहे हैं. जिससे लोगों को पर्याप्त पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है.
गौर हो कि शहर में पानी का संकट बढ़ने से लोग परेशान हैं. जिसकी मुख्य वजह शहर के बड़े होटल, मॉल और अस्पताल संचालक हैं. जल संस्थान ने पानी की समस्या को लेकर एक सर्वे कराया था, जिसके चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. बताया जा रहा है कि हल्द्वानी शहर में करीब 76 हजार पेयजल कनेक्शन हैं, जबकि शहर में सैकड़ों छोटे-बड़े मॉल और अस्पताल, और होटल हैं. जिनको जल संस्थान पानी उपलब्ध कराता है. जल संस्थान ने अपने सर्वे में मात्र 159 होटल, मॉल और अस्पतालों को चिन्हित किया है, जहां पानी की खपत काफी ज्यादा है.
जल संस्थान के अधिशासी अभियंता विशाल कुमार सक्सेना का कहना है कि होटल, मॉल और अस्पतालों द्वारा पानी की ज्यादा खपत करने की शिकायत के बाद इन सभी संस्थानों को चिन्हित किया गया है. जिनके यहां कनेक्शन लगे हैं, लेकिन मीटर नहीं हैं. अगर मीटर हैं तो वह खराब हो चुके हैं. ऐसे में सबसे ज्यादा पानी की बर्बादी इन संस्थानों द्वारा की जा रही है. अधिशासी अभियंता का कहना है कि इन संस्थानों से विभाग द्वारा पानी की खपत एवरेज के हिसाब से पैसा वसूला जाता है. वास्तव में यह संस्थान कितनाे पानी की खपत करता है. इसका सही पता नहीं चल पाता है.
अब विभाग इन सभी संस्थानों में नई मीटर लगाने का प्रक्रिया करने जा रहा है. जिससे पानी की बर्बादी को रोका जा सके और इन संस्थानों से खपत के अनुसार पानी की वसूली की जा सकें. बता दें कि फिलहाल जल संस्थान ने 159 संस्थानों को ही चिन्हित किया है, जो ज्यादा पानी की बर्बादी कर रहे हैं. ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है कि शहर में पानी का खेल किसकी शह पर चल रहा है?