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वन विकास निगम में लकड़ी नीलामी में लाखों की हेराफेरी, तीन कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई

Haldwani Forest Development Corporation वन विकास निगम में लाखों रुपए का घपला सामने आने के बाद विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. विभाग के अधिकारी मामले में सख्त कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं. साथ ही मामले में संलिप्त कर्मियों के खिलाफ अग्रिम कार्रवाई गतिमान है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 23, 2023, 11:57 AM IST

हल्द्वानी: वन विकास निगम में लकड़ी नीलामी के बाद ठेकेदार और कर्मचारियों के बीच मिलीभगत कर करीब ₹10 लाख की हेराफेरी का मामला सामने आया है. पूरे मामले में वन विभाग ने हेराफेरी के मामले में संलिप्त तीन कर्मचारियों के खिलाफ अग्रिम कार्रवाई के निर्देश जारी किए हैं.

मिलीभगत से हुआ लाखों का घपला: क्षेत्रीय प्रबंधक वन विकास निगम महेश चंद्र आर्य ने बताया कि मामला लालकुआं स्थित वन विकास निगम के डिपो नंबर 5 का है, जहां ठेकेदार और वन विकास निगम के कर्मचारियों ने मिलीभगत कर नीलाम हुई लकड़ी के दाम को कम दर्शाते हुए करीब 10 लाख रुपए की गड़बड़ी की है. उन्होंने बताया कि लालकुआं स्थित डिपो संख्या 5 में बड़े घपले की गोपनीय सूचना मिलने के बाद हरकत में आए वन विकास निगम के अधिकारियों ने आनन-फानन में मामले की जांच बैठाई है. जिसमें प्रभागीय विपणन प्रबंधक द्वारा की गई जांच में प्रथम दृष्टया में नीलामी की निर्धारित कीमत से कम रकम का बिल बनाने का घोटाला सामने आया है.

मामले में विभाग गंभीर: पता चला कि विभागीय कर्मचारी और अधिकारी आपसी साठगांठ के चलते विभाग को लाखों रुपए चूना लगा चुके हैं. प्रथम चरण की जांच में सामने आया है कि जून माह में 19 लाख रुपए की एक लकड़ी की लॉट की नीलामी हुई थी. लेकिन कर्मचारियों ने मिलीभगत कर कागजी कार्रवाई में ₹9 लाख रुपए दिखाकर ठेकेदार से पैसे जमा करा लिए. पूरे मामले की जांच की गई तो मामला उजागर हो गया. इसके बाद तीन कर्मचारियों के खिलाफ आगे की कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने कहा कि घपले की जांच कर विस्तृत रिपोर्ट मुख्यालय को भेज दी गई. उन्होंने कहा कि वन विकास निगम की नीलामी के प्रपत्र में कूटरचित तरीके से छेड़छाड़ कर कम रकम का बिल बनाने के मामले को विभाग ने गंभीरता से लिया है. जिस पर विभागीय एवं कानूनी कार्रवाई होनी तय है.
पढ़ें-देहरादून वन मुख्यालय की बत्ती गुल, एसी कमरों में भी पसीना बहा रहे अफसर

क्या कह रहे विभागीय अधिकारी: क्षेत्रीय प्रबंधक महेश चंद्र आर्य ने कहा कि मामले में सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. फिलहाल निलंबन एवं मुकदमे की कार्रवाई गतिमान है. जल्द ही बड़े स्तर की कार्रवाई विभाग द्वारा की जाएगी. उन्होंने कहा कि इसी के साथ अन्य डिपो में भी इस तरह की हरकत ना हुई हो, इस आशंका को लेकर जांच टीम विस्तृत जांच करेगी. इधर प्रभागीय विपणन प्रबंधक अनिल कुमार सिंह के अनुसार उन्होंने प्रथम दृष्टया जांच पूरी कर रिपोर्ट मुख्यालय को भेज दी है. तीन अधिकारी एवं कर्मचारियों के खिलाफ कूटरचित तरीके से किए गए घोटाले को लेकर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नैनीताल को तहरीर भेज दी है.
पढ़ें-उत्तराखंड में नदी-नालों पर भी कब्जा, 29 हजार एकड़ भूमि से हटेगा अतिक्रमण, गरजेगा धामी का बुलडोजर

उच्च अधिकारियों को मामले से कराया अवगत: वन विकास निगम में घपले का मामला सामने आने के बाद कर्मचारी एवं अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है. फिलहाल बताया जा रहा है कि घपला बड़े स्तर पर हो सकता है, लेकिन पहले चरण की जांच में करीब दस लाख की घपले की बात सामने आई है. क्षेत्रीय प्रबंधक महेश चंद्र आर्य ने बताया कि घपले में संलिप्त कर्मचारियों की निलंबन की कार्रवाई भी जल्द की जाएगी.

हल्द्वानी: वन विकास निगम में लकड़ी नीलामी के बाद ठेकेदार और कर्मचारियों के बीच मिलीभगत कर करीब ₹10 लाख की हेराफेरी का मामला सामने आया है. पूरे मामले में वन विभाग ने हेराफेरी के मामले में संलिप्त तीन कर्मचारियों के खिलाफ अग्रिम कार्रवाई के निर्देश जारी किए हैं.

मिलीभगत से हुआ लाखों का घपला: क्षेत्रीय प्रबंधक वन विकास निगम महेश चंद्र आर्य ने बताया कि मामला लालकुआं स्थित वन विकास निगम के डिपो नंबर 5 का है, जहां ठेकेदार और वन विकास निगम के कर्मचारियों ने मिलीभगत कर नीलाम हुई लकड़ी के दाम को कम दर्शाते हुए करीब 10 लाख रुपए की गड़बड़ी की है. उन्होंने बताया कि लालकुआं स्थित डिपो संख्या 5 में बड़े घपले की गोपनीय सूचना मिलने के बाद हरकत में आए वन विकास निगम के अधिकारियों ने आनन-फानन में मामले की जांच बैठाई है. जिसमें प्रभागीय विपणन प्रबंधक द्वारा की गई जांच में प्रथम दृष्टया में नीलामी की निर्धारित कीमत से कम रकम का बिल बनाने का घोटाला सामने आया है.

मामले में विभाग गंभीर: पता चला कि विभागीय कर्मचारी और अधिकारी आपसी साठगांठ के चलते विभाग को लाखों रुपए चूना लगा चुके हैं. प्रथम चरण की जांच में सामने आया है कि जून माह में 19 लाख रुपए की एक लकड़ी की लॉट की नीलामी हुई थी. लेकिन कर्मचारियों ने मिलीभगत कर कागजी कार्रवाई में ₹9 लाख रुपए दिखाकर ठेकेदार से पैसे जमा करा लिए. पूरे मामले की जांच की गई तो मामला उजागर हो गया. इसके बाद तीन कर्मचारियों के खिलाफ आगे की कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने कहा कि घपले की जांच कर विस्तृत रिपोर्ट मुख्यालय को भेज दी गई. उन्होंने कहा कि वन विकास निगम की नीलामी के प्रपत्र में कूटरचित तरीके से छेड़छाड़ कर कम रकम का बिल बनाने के मामले को विभाग ने गंभीरता से लिया है. जिस पर विभागीय एवं कानूनी कार्रवाई होनी तय है.
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क्या कह रहे विभागीय अधिकारी: क्षेत्रीय प्रबंधक महेश चंद्र आर्य ने कहा कि मामले में सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. फिलहाल निलंबन एवं मुकदमे की कार्रवाई गतिमान है. जल्द ही बड़े स्तर की कार्रवाई विभाग द्वारा की जाएगी. उन्होंने कहा कि इसी के साथ अन्य डिपो में भी इस तरह की हरकत ना हुई हो, इस आशंका को लेकर जांच टीम विस्तृत जांच करेगी. इधर प्रभागीय विपणन प्रबंधक अनिल कुमार सिंह के अनुसार उन्होंने प्रथम दृष्टया जांच पूरी कर रिपोर्ट मुख्यालय को भेज दी है. तीन अधिकारी एवं कर्मचारियों के खिलाफ कूटरचित तरीके से किए गए घोटाले को लेकर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नैनीताल को तहरीर भेज दी है.
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उच्च अधिकारियों को मामले से कराया अवगत: वन विकास निगम में घपले का मामला सामने आने के बाद कर्मचारी एवं अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है. फिलहाल बताया जा रहा है कि घपला बड़े स्तर पर हो सकता है, लेकिन पहले चरण की जांच में करीब दस लाख की घपले की बात सामने आई है. क्षेत्रीय प्रबंधक महेश चंद्र आर्य ने बताया कि घपले में संलिप्त कर्मचारियों की निलंबन की कार्रवाई भी जल्द की जाएगी.

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