हल्द्वानीः उत्तराखंड के जंगलों को वनाग्नि से बचाने के लिए हल्द्वानी के पर्यावरण व वन्य जीव प्रेमी चंदन नयाल ने एक मुहिम की शुरुआत की है. हल्द्वानी के ओखल कांडा के चंदन नयाल ने जंगलों व वन्य जीवों को वनाग्नि से बचाने के लिए नैनीताल के ओखल कांडा व भीमताल के जंगलों में 3 हजार से ज्यादा पोखर (छोटे तालाब) बनाए हैं. इन तालाबों में बारिश का पानी इकट्ठा होता है, जो वन्यजीवों के लिए गर्मी में प्यास बुझाने का माध्यम बनता है जबकि फायर सीजन में जंगलों को बचाने के लिए वन विभाग व ग्रामीणों के लिए मददगार बन रहे हैं.
पर्यावरण प्रेमी चंदन नयाल पिछले 16 सालों से पर्यावरण व वन्यजीव संरक्षण के लिए काम कर रहे हैं. इसी के तहत फायर सीजन में जलती वन संपदा और वनाग्नि में विलुप्त होते वन्यजीवों को बचाने के लिए उन्होंने नैनीताल के ओखल कांडा और भीमताल के जंगलों में करीब 3 हजार से ज्यादा छोटे-छोटे तालाब बनाए हैं. ये तालाब हर 200 मीटर की दूरी पर बनाए गए हैं. इन तालाबों की मदद से वन विभाग व ग्रामीण जंगलों की आग को कम करने का काम कर रहे हैं. इसके अलावा गर्मी के दौरान इन तालाबों से वन्यजीव अपनी प्यास बुझाने का काम भी करते हैं.
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चंदन नयाल का कहना है कि गर्मियों में जंगल में आग लगती है और आग से हरे-भरे पौधे नष्ट हो जाते हैं. लेकिन इन तालाबों में हम बरसात का पानी एकत्रित करते हैं और जंगल में लगी आग को उसी पानी से बुझाने का काम करते हैं. पर्यावरण प्रेमी चंदन नयाल का कहना है कि आने वाली पीढ़ी के लिए पेड़-पौधों का बचना बहुत जरूरी है. उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को पौधे लगाने और उनका संरक्षण करने का संकल्प लेना चाहिए. तभी पर्यावरण स्वच्छ रह सकेगा और लोगों को बीमारियों से भी बचाया जा सकेगा.