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अतिथि टीचरों के सामने नौकरी का संकट, सरकार से लगाई गुहार

प्रदेश के अलग-अलग डिग्री कॉलेजों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए सरकार ने अतिथि शिक्षकों की तैनाती की थी. पिछले साल शिक्षकों की कमी को देखते हुए उच्च शिक्षा विभाग द्वारा 40 से अधिक अलग-अलग विषयों के अतिथि शिक्षकों की तैनाती की गई थी.

Haldwani
अतिथि टीचरों के सामने नौकरी का संकट
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Published : Apr 10, 2021, 9:43 AM IST

Updated : Apr 10, 2021, 1:27 PM IST

हल्द्वानी: प्रदेश के डिग्री कॉलेजों में पढ़ाने वाले कई अतिथि शिक्षकों के सामने नौकरी का संकट खड़ा हो गया है. अतिथि शिक्षक पिछले तीन महीनों से बेरोजगार घूम रहे हैं. ऐसे में इन टीचरों ने सरकार से उनको वापस काम पर रखने की गुहार लगाई है.

अतिथि टीचरों के सामने नौकरी का संकट
प्रदेश के अलग-अलग डिग्री कॉलेजों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए सरकार ने अतिथि शिक्षकों की तैनाती की थी. पिछले साल शिक्षकों की कमी को देखते हुए उच्च शिक्षा विभाग द्वारा 40 से अधिक अलग-अलग विषयों के अतिथि शिक्षकों की तैनाती की गई थी. लेकिन एक साल बाद इन शिक्षकों को अब बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. अतिथि शिक्षकों का आरोप है कि सरकार ने एक साल काम कराने के बाद अब उनको बाहर कर दिया है. पिछले फरवरी माह से वह लोग बेरोजगार हो चुके हैं.

पढ़ें- मुख्यमंत्री ने 100 बेड के चिकित्सालय का लोकार्पण किया, स्वास्थ्य योजनाओं के लिए किया बजट जारी

ऐसे में अब उनके आगे रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. शिक्षकों ने सरकार से गुहार लगाई है कि कॉलेज में शिक्षकों की कमी को देखते हुए उनको वापस रखा जाए जिससे कि कॉलेजों में पढ़ाई के साथ-साथ उनको रोजगार भी मिल सके. इस पूरे मामले में उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत का कहना है कि सरकारी डिग्री कॉलेजों में 95% शिक्षकों की तैनाती कर दी गई है. किसी भी तरह के अतिथि शिक्षकों को बाहर नहीं किया जाएगा. इसको लेकर उच्च शिक्षा निदेशक को कमेटी गठित करने के निर्देश दिए गए हैं. कमेटी के माध्यम से अतिथि शिक्षकों को अलग-अलग कॉलेजों में रखने का काम किया जाएगा.

हल्द्वानी: प्रदेश के डिग्री कॉलेजों में पढ़ाने वाले कई अतिथि शिक्षकों के सामने नौकरी का संकट खड़ा हो गया है. अतिथि शिक्षक पिछले तीन महीनों से बेरोजगार घूम रहे हैं. ऐसे में इन टीचरों ने सरकार से उनको वापस काम पर रखने की गुहार लगाई है.

अतिथि टीचरों के सामने नौकरी का संकट
प्रदेश के अलग-अलग डिग्री कॉलेजों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए सरकार ने अतिथि शिक्षकों की तैनाती की थी. पिछले साल शिक्षकों की कमी को देखते हुए उच्च शिक्षा विभाग द्वारा 40 से अधिक अलग-अलग विषयों के अतिथि शिक्षकों की तैनाती की गई थी. लेकिन एक साल बाद इन शिक्षकों को अब बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. अतिथि शिक्षकों का आरोप है कि सरकार ने एक साल काम कराने के बाद अब उनको बाहर कर दिया है. पिछले फरवरी माह से वह लोग बेरोजगार हो चुके हैं.

पढ़ें- मुख्यमंत्री ने 100 बेड के चिकित्सालय का लोकार्पण किया, स्वास्थ्य योजनाओं के लिए किया बजट जारी

ऐसे में अब उनके आगे रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. शिक्षकों ने सरकार से गुहार लगाई है कि कॉलेज में शिक्षकों की कमी को देखते हुए उनको वापस रखा जाए जिससे कि कॉलेजों में पढ़ाई के साथ-साथ उनको रोजगार भी मिल सके. इस पूरे मामले में उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत का कहना है कि सरकारी डिग्री कॉलेजों में 95% शिक्षकों की तैनाती कर दी गई है. किसी भी तरह के अतिथि शिक्षकों को बाहर नहीं किया जाएगा. इसको लेकर उच्च शिक्षा निदेशक को कमेटी गठित करने के निर्देश दिए गए हैं. कमेटी के माध्यम से अतिथि शिक्षकों को अलग-अलग कॉलेजों में रखने का काम किया जाएगा.

Last Updated : Apr 10, 2021, 1:27 PM IST
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