हल्द्वानी: उत्तराखंड को देवभूमि कहा जाता है. ऐसे में अब सरकार पर्यटन के साथ-साथ तीर्थाटन को बढ़ावा देने के लिए मंदिरों को सर्किट के रूप में विकसित करने जा रही है. जिससे कि यहां पर लोग तीर्थाटन के लिए आ सके और यहां के मंदिरों और धार्मिक स्थल का महत्व को समझ सके. तीर्थाटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार भगवान शिव और भगवान विष्णु के 12-12 मंदिर कुमाऊं और गढ़वाल में सर्किट के रूप में विकसित करने जा रही है.
हल्द्वानी पहुंचे पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया प्रदेश सरकार उत्तराखंड में तीर्थाटन को बढ़ावा देने के लिए 12 मंदिर भगवान शिव के गढ़वाल मंडल में जबकि 12 मंदिर कुमाऊं मंडल में बनाने जा रही है. इसी तरह भगवान विष्णु के 12 मंदिर कुमाऊं मंडल और 12 मंदिर गढ़वाल में बना इन मंदिरों को सर्किट के रूप में विकसित करने जा रही है. जिससे कि यहां पर भारी संख्या में तीर्थयात्री आकर तीर्थाटन कर सकते हैं.
सतपाल महाराज ने कहा कि कटारमल मंदिर, सूर्य मंदिर, शनि मंदिर और राहुल मंदिर और बृहस्पति मंदिर को भी सर्किट के रूप में विकसित करने जा रही है, जिससे कि यहां पर तीर्थयात्री आकर यहां के प्राचीन मंदिरों के संबंध में जानकारियां लें सके. साथ ही कुमाऊं मंडल के न्याय के देवता भगवान गोल्ज्यू देवता और नाग देवता के मंदिर को भी सर्किट के रूप में विकसित की जाएगी.
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पर्यटन मंत्री ने कहा कि दुनिया के तीन अध्यात्म उर्जा के क्षेत्र में उत्तराखंड में कई ऐसे अध्यात्म केंद्र है. जहां अध्यात्म ऊर्जा शक्तियां हैं, जो 500 साल पुरानी बताई जाती है. उसको भी सर्किट रूप में स्थापित की जाएगी.