हल्द्वानीः हल्दीचौड़ स्थित 'हरे कृष्णा-हरे रामा' गौ सेवा आश्रम में गोवर्धन पूजा धूमधाम से मनाई गई. इस दौरान वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत बनाया गया. साथ ही करीब 2000 गायों की पूजा की गई.
गौ सेवा आश्रम के महाराज रामेश्वर दास ने बताया कि आश्रम में दो हजार से ज्यादा गायों की कृष्ण भक्ति के रूप में सेवा की जाती है. साथ ही सभी गायों की अच्छी तरह से देखभाल भी की जाती है. कार्तिक शुक्ल पक्ष प्रतिपदा के दिन गोवर्धन की पूजा की जाती है और इसके प्रतीक के रूप में गाय के गोबर से पर्वत बनाया जाता है. जहां पर गोवर्धन पूजा के साथ-साथ गौ माता की पूजा की गई.
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उन्होंने बताया कि मान्यता है कि गोवर्धन पूजा में गोधन यानि गाय की विशेष पूजा का महत्व होता है. शास्त्रों के अनुसार गौ माता में 36 करोड़ देवी-देवताओं का वास होता है. साथ ही मां लक्ष्मी का स्वरूप भी माना जाता है. महाराज ने कहा कि गाय की सेवा से सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है.
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पौराणिक मान्यताओं के अनुसार बृज वासियों को मूसलाधार बारिश से बचाने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को 7 दिन तक अपनी सबसे छोटी उंगली पर उठाकर रखा था. सातवें दिन कृष्ण ने गोवर्धन को नीचे रखा और हर साल गोवर्धन पूजा कर अन्नकूट उत्सव मनाने की आज्ञा दी थी. उसके बाद से ही यह उत्सव अन्नकुट के नाम से भी जाना जाता है.