नैनीताल: उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने व प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य, शिक्षा रोजगार की बेहतर व्यवस्था को लेकर अपनी धरोहर संस्था 24 अप्रैल से गोलज्यू यात्रा का आयोजन कर रही है. 2 हजार किलोमीटर लंबी यात्रा का शुभारंभ मुनस्यारी के बोंन गांव से किया जाएगा. ये यात्रा कुमाऊं के सभी जिलों से होते से होते हुए देहरादून, ऋषिकेश, कर्णप्रयाग समेत उत्तराखंड के अन्य जिलों में होते हुे वापस 5 मई को घोड़ाखाल मंदिर में समाप्त होगी.
संस्था के सचिव विजय भट्ट ने बताया संस्था का उद्देश्य उत्तराखंड में बेहतर स्वास्थ्य सेवा शिक्षा और पहाड़ों में रोजगार को बढ़ावा देना है. जिसके लिए अपनी धरोहर संस्था गोलज्यू संदेश यात्रा शुरू की है. ये यात्रा उत्तराखंड के सभी जिलों में जाएगी. सभी स्थानों पर गोलज्यू पंचायत का आयोजन कर क्षेत्रीय समस्याओं की जानकारी एकत्र कर उन समस्याओं के निस्तारण का प्रस्ताव बनाकर राज्य सरकार तक ले जाएगी. जिससे क्षेत्रीय समस्याओं का समाधान किया जा सके.
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संस्था के सचिव विजय का कहना है कि उनकी संस्था उत्तराखंड में बेहतर स्कूली शिक्षा देने के लिए बदहाल हो चले स्कूलों में शिक्षकों की व्यवस्था कराेंएग, जो आधुनिक तरीकों से छात्र छात्राओं को शिक्षा देंगे.
यात्रा प्रदेश के विभिन्न पड़वों को पूरा करते हुए 5 मई को नैनीताल पहुंचेगी. जहां उसका भव्य स्वागत किया जाएगा. इस दौरान महिलाओं के द्वारा कलश यात्रा राम सेवक सभा में सांस्कृतिक कार्यक्रम समेत अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. जिसके बाद शाम को यात्रा का समापन भवाली स्थित घोड़ाखाल मंदिर में कर दिया जाएगा.