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Ganesh Chaturthi 2023: घर-घर इस दिन विराजेंगे बप्पा, जानें गणेश चतुर्थी तिथि व शुभ मुहूर्त - Ganesh Chaturthi date

Ganesh Chaturthi 2023 गणेश महोत्सव को लेकर लोगों में खासा उत्साह देखा जा रहा है.भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर घर-घर भगवान गणपति विराजेंगे. आइये जानते हैं पूजा की विधि और शुभ मुहूर्त के बारे में, जिससे भगवान गणपति की कृपा आप पर बनी रहेगी.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 17, 2023, 9:59 AM IST

Updated : Sep 17, 2023, 10:56 AM IST

घर-घर विराजेंगे बप्पा

हल्द्वानी: गणेश चतुर्थी का पर्व की तैयारियां जोरों पर है. भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को इस उत्सव की शुरुआत होती है और अनंत चतुर्दशी पर इसका समापन होता है.इस साल गणेश चतुर्थी 19 सितंबर को मनाई जाएगी. इस दिन से गणेश उत्सव की शुरुआत होगी. मुख्य रूप से गणेश महोत्सव 10 दिनों तक चलता है, जबकि अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान गणेश को विदा किया जाता है.

ज्योतिष आचार्य डॉ. नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 18 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 40 मिनट पर शुरू होगी और 19 सितंबर को दोपहर 1 बजकर 45 मिनट तक रहेगी. ऐसे में गणेश चतुर्थी का पर्व 19 सितंबर को मनाया जाएगा. भगवान गणपति की स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 10:55 मिनट से दोपहर 03:00 बजे तक रहेगा.गणेश चतुर्थी पर्व का समापन अनंत चतुर्दशी के दिन किया जाएगा.पंचांग के अनुसार गणेश विसर्जन गुरुवार, 28 सितंबर को किया जाएगा.
पढ़ें-गणेश चतुर्थी पर बढ़ी मूर्तियों की डिमांड, गुलजार हुए हल्द्वानी के बाजार

ऐसी मान्यता है कि गणेश चतुर्थी के दिन गणपति का जन्म हुआ था. गणेश जी की पूजा से सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.गणेश चतुर्थी के दिन ढोल-नगाड़ों के साथ विघ्नहर्ता को धूमधाम से घर लाना चाहिए. मूर्ति स्थापना से पहले एक सुंदर चौकी पर पीला वस्त्र बिछाएं, उसके ऊपर भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें. भगवान गणेश का मुख उत्तर दिशा की ओर रखें.गणपति को सुंदर वस्त्र, आभूषण, कलावा, अक्षत, पुष्प, माला मुकुट आदि से श्रृंगार करें.लाल चंदन का तिलक करें.लड्डू या मोदक के साथ पंचामृत, पांच फल,दूर्वा और पंचमेवा का भोग लगाएं.विधि विधान के साथ भगवान गणेश की आराधना करें.

घर-घर विराजेंगे बप्पा

हल्द्वानी: गणेश चतुर्थी का पर्व की तैयारियां जोरों पर है. भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को इस उत्सव की शुरुआत होती है और अनंत चतुर्दशी पर इसका समापन होता है.इस साल गणेश चतुर्थी 19 सितंबर को मनाई जाएगी. इस दिन से गणेश उत्सव की शुरुआत होगी. मुख्य रूप से गणेश महोत्सव 10 दिनों तक चलता है, जबकि अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान गणेश को विदा किया जाता है.

ज्योतिष आचार्य डॉ. नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 18 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 40 मिनट पर शुरू होगी और 19 सितंबर को दोपहर 1 बजकर 45 मिनट तक रहेगी. ऐसे में गणेश चतुर्थी का पर्व 19 सितंबर को मनाया जाएगा. भगवान गणपति की स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 10:55 मिनट से दोपहर 03:00 बजे तक रहेगा.गणेश चतुर्थी पर्व का समापन अनंत चतुर्दशी के दिन किया जाएगा.पंचांग के अनुसार गणेश विसर्जन गुरुवार, 28 सितंबर को किया जाएगा.
पढ़ें-गणेश चतुर्थी पर बढ़ी मूर्तियों की डिमांड, गुलजार हुए हल्द्वानी के बाजार

ऐसी मान्यता है कि गणेश चतुर्थी के दिन गणपति का जन्म हुआ था. गणेश जी की पूजा से सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.गणेश चतुर्थी के दिन ढोल-नगाड़ों के साथ विघ्नहर्ता को धूमधाम से घर लाना चाहिए. मूर्ति स्थापना से पहले एक सुंदर चौकी पर पीला वस्त्र बिछाएं, उसके ऊपर भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें. भगवान गणेश का मुख उत्तर दिशा की ओर रखें.गणपति को सुंदर वस्त्र, आभूषण, कलावा, अक्षत, पुष्प, माला मुकुट आदि से श्रृंगार करें.लाल चंदन का तिलक करें.लड्डू या मोदक के साथ पंचामृत, पांच फल,दूर्वा और पंचमेवा का भोग लगाएं.विधि विधान के साथ भगवान गणेश की आराधना करें.

Last Updated : Sep 17, 2023, 10:56 AM IST
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