हल्द्वानी: प्रदेश में आई आपदा और पहाड़ों पर हो रही लगातार बरसात से किसान दोहरी मार झेल रहे हैं. पर्वतीय क्षेत्रों के मार्ग बाधित होने से आलू और सब्जियां मंडी तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. जिसके चलते सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं. जिससे लोगों की रसोई का बजट गड़बड़ा गया है.
गौर हो कि पहाड़ के आलू में 20% की दामों में इजाफा हुआ है. मंडियों में आलू और सब्जियां नहीं पहुंचने से किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. वहीं, कारोबारी भी मायूस दिखाई दे रहे हैं. दरअसल, पहाड़ों पर लगातार हो रही बरसात और आपदा के चलते जगह-जगह सड़कें बाधित हैं. जिसका असर लोगों के साथ ही सब्जी मंडी में भी देखने को मिल रहा है.
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पहाड़ों से आने वाली फल सब्जियां बरसात के चलते अधिकतर खेतों में ही खराब हो रहे हैं. कुछ बची हुई फल- सब्जियां मार्ग बाधित होने सेमंडियों तक नहीं पहुंच रही हैं. जिसका खामियाजा किसानों के साथ साथ व्यापारियों को भी उठाना पड़ रहा हैं. व्यापारियों का कहना है कि इस समय पहाड़ के नाशपाती और आलू का सीजन है बरसात के चलते आलू और नाशपाती खेतों में ही खराब हो रहे हैं.
पर्वतीय क्षेत्रों के कई रास्ते बंद हैं, रोजाना सैकड़ों क्विंटल बिकने वाले नाशपाती और आलू हल्द्वानी मंडी नहीं पहुंच पा रहे हैं. जिसका असर काश्तकारों की आर्थिक स्थिति पर पड़ रहा है. हल्द्वानी मंडी के फल सब्जी आढ़ती के अध्यक्ष जीवन चंद्र कार्की का कहना है कि पहाड़ों में आई आपदा और बरसात का असर मंडी पर पड़ा है.
चमोली घाट के आलू मंडी में खूब डिमांड होती थी. लेकिन बरसात और सड़क बंद हो जाने के चलते वहां के आलू हल्द्वानी के मंडी में नहीं पहुंच रहे हैं जिसके चलते आलू के दामों में 20% की वृद्धि हुई है. पहाड़ का आलू पहले रुपये 20 किलो बिकता था अब वह रुपये 30 किलो तक हो गया है.