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आपदा से काश्तकारों पर पड़ रही दोहरी मार, बिगड़ा लोगों की रसोई का बजट

गौर हो कि पहाड़ के आलू में 20% की दामों में इजाफा हुआ है. मंडियों में आलू और सब्जियां नहीं पहुंचने से किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. वहीं कारोबारी भी मायूस दिखाई दे रहे हैं.

आपदा से काश्तकारों पर पड़ रही दोहरी मार.
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Published : Aug 20, 2019, 11:22 AM IST

हल्द्वानी: प्रदेश में आई आपदा और पहाड़ों पर हो रही लगातार बरसात से किसान दोहरी मार झेल रहे हैं. पर्वतीय क्षेत्रों के मार्ग बाधित होने से आलू और सब्जियां मंडी तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. जिसके चलते सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं. जिससे लोगों की रसोई का बजट गड़बड़ा गया है.

गौर हो कि पहाड़ के आलू में 20% की दामों में इजाफा हुआ है. मंडियों में आलू और सब्जियां नहीं पहुंचने से किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. वहीं, कारोबारी भी मायूस दिखाई दे रहे हैं. दरअसल, पहाड़ों पर लगातार हो रही बरसात और आपदा के चलते जगह-जगह सड़कें बाधित हैं. जिसका असर लोगों के साथ ही सब्जी मंडी में भी देखने को मिल रहा है.

आपदा से काश्तकारों पर पड़ रही दोहरी मार.

पढ़ें-दो दिनों से केदारनाथ हाई-वे बंद, मंडरा रहा भू-स्खलन का खतरा

पहाड़ों से आने वाली फल सब्जियां बरसात के चलते अधिकतर खेतों में ही खराब हो रहे हैं. कुछ बची हुई फल- सब्जियां मार्ग बाधित होने सेमंडियों तक नहीं पहुंच रही हैं. जिसका खामियाजा किसानों के साथ साथ व्यापारियों को भी उठाना पड़ रहा हैं. व्यापारियों का कहना है कि इस समय पहाड़ के नाशपाती और आलू का सीजन है बरसात के चलते आलू और नाशपाती खेतों में ही खराब हो रहे हैं.

पर्वतीय क्षेत्रों के कई रास्ते बंद हैं, रोजाना सैकड़ों क्विंटल बिकने वाले नाशपाती और आलू हल्द्वानी मंडी नहीं पहुंच पा रहे हैं. जिसका असर काश्तकारों की आर्थिक स्थिति पर पड़ रहा है. हल्द्वानी मंडी के फल सब्जी आढ़ती के अध्यक्ष जीवन चंद्र कार्की का कहना है कि पहाड़ों में आई आपदा और बरसात का असर मंडी पर पड़ा है.

चमोली घाट के आलू मंडी में खूब डिमांड होती थी. लेकिन बरसात और सड़क बंद हो जाने के चलते वहां के आलू हल्द्वानी के मंडी में नहीं पहुंच रहे हैं जिसके चलते आलू के दामों में 20% की वृद्धि हुई है. पहाड़ का आलू पहले रुपये 20 किलो बिकता था अब वह रुपये 30 किलो तक हो गया है.

हल्द्वानी: प्रदेश में आई आपदा और पहाड़ों पर हो रही लगातार बरसात से किसान दोहरी मार झेल रहे हैं. पर्वतीय क्षेत्रों के मार्ग बाधित होने से आलू और सब्जियां मंडी तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. जिसके चलते सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं. जिससे लोगों की रसोई का बजट गड़बड़ा गया है.

गौर हो कि पहाड़ के आलू में 20% की दामों में इजाफा हुआ है. मंडियों में आलू और सब्जियां नहीं पहुंचने से किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. वहीं, कारोबारी भी मायूस दिखाई दे रहे हैं. दरअसल, पहाड़ों पर लगातार हो रही बरसात और आपदा के चलते जगह-जगह सड़कें बाधित हैं. जिसका असर लोगों के साथ ही सब्जी मंडी में भी देखने को मिल रहा है.

आपदा से काश्तकारों पर पड़ रही दोहरी मार.

पढ़ें-दो दिनों से केदारनाथ हाई-वे बंद, मंडरा रहा भू-स्खलन का खतरा

पहाड़ों से आने वाली फल सब्जियां बरसात के चलते अधिकतर खेतों में ही खराब हो रहे हैं. कुछ बची हुई फल- सब्जियां मार्ग बाधित होने सेमंडियों तक नहीं पहुंच रही हैं. जिसका खामियाजा किसानों के साथ साथ व्यापारियों को भी उठाना पड़ रहा हैं. व्यापारियों का कहना है कि इस समय पहाड़ के नाशपाती और आलू का सीजन है बरसात के चलते आलू और नाशपाती खेतों में ही खराब हो रहे हैं.

पर्वतीय क्षेत्रों के कई रास्ते बंद हैं, रोजाना सैकड़ों क्विंटल बिकने वाले नाशपाती और आलू हल्द्वानी मंडी नहीं पहुंच पा रहे हैं. जिसका असर काश्तकारों की आर्थिक स्थिति पर पड़ रहा है. हल्द्वानी मंडी के फल सब्जी आढ़ती के अध्यक्ष जीवन चंद्र कार्की का कहना है कि पहाड़ों में आई आपदा और बरसात का असर मंडी पर पड़ा है.

चमोली घाट के आलू मंडी में खूब डिमांड होती थी. लेकिन बरसात और सड़क बंद हो जाने के चलते वहां के आलू हल्द्वानी के मंडी में नहीं पहुंच रहे हैं जिसके चलते आलू के दामों में 20% की वृद्धि हुई है. पहाड़ का आलू पहले रुपये 20 किलो बिकता था अब वह रुपये 30 किलो तक हो गया है.

Intro:sammry-प्रदेश में आई आपदा और बरसात से मंडियों में सब्जियां हुई महंगी किसानों को भी भारी नुकसान।

एंकर- प्रदेश में आई आपदा और पहाड़ों पर हो रही लगातार बरसात से किसान जहां दोहरी मार झेल रहे हैं। पहाड़ के रास्ते बंद हैं ऐसे में पहाड़ की आलू और सब्जियां मंडी तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। जिसके चलते सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं तो पहाड़ के आलू में 20% की दामों में इजाफा हुआ है। मंडियों में आलू और सब्जियां नहीं पहुंचने से जहां किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है तो कारोबारी भी मायूस है।


Body:दरअसल पहाड़ो पर लगातार हो रही बरसात और आपदा के चलते जगह-जगह सड़कें खराब होने से न सिर्फ वहां के लोगों को परेशानी उठानी पड़ रही है बल्कि इसका असर उत्तर भारत के सबसे बड़ा सब्जी मंडी बड़ी हल्द्वानी में भी देखने को मिल रहा है। पहाड़ों से आने वाली फल सब्जियां बरसात के चलते अधिकतर खेतों में ही खराब हो रहे हैं। कुछ बची हुई फल सब्जियां पहाड़ के रास्ते बंद हो जाने के चलते मंडियों तक नहीं पहुंच रही हैं जिसका खामियाजा वहां के लोगों के साथ साथ व्यापारियों को भी उठाना पड़ा रहा हैं। व्यापारियों का कहना है कि इस समय पहाड़ के नाशपाती और आलू का सीजन है बरसात के चलते आलू और नाशपाती खेतों में ही खराब हो रहे हैं पहाड़ के रास्ते बंद हैं। रोजाना सैकड़ों क्विंटल बिकने वाले नाशपाती और आलू हल्द्वानी मंडी में नहीं पहुंच रहे हैं।

बाइट - फल व्यापारी

हल्द्वानी मंडी के फल सब्जी आढ़ती के अध्यक्ष जीवन चंद्र कार्की का कहना है कि पहाड़ों में आई आपदा और बरसात के चलते हल्द्वानी मंडी के ऊपर बड़ा असर पड़ा है। चमोली जिले के घाट का आलू मंडी में खूब डिमांड होती थी लेकिन बरसात और सड़क बंद हो जाने के चलते वहां के आलू हल्द्वानी के मंडी में नहीं पहुंच रहे हैं जिसके चलते आलू के दामों में 20% की वृद्धि हुई है। पहाड़ का आलू पहले ₹20 किलो बिकता था अब वह ₹30 किलो तक हो गया है।

बाइट -जीवन चंद्र कार्की फल सब्जी आढ़ती यसियोशन अध्यक्ष हल्द्वानी मंडी


Conclusion:व्यापारियों का कहना है कि पहाड़ का काश्तकार दोहरी मार झेल रहा है ऐसे में सरकार को इन किसानों को उनके फसलों का मुआवजा देनी चाहिए।
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