हल्द्वानीः एक ओर जहां पूरे देशभर में 71वें गणतंत्र दिवस की धूम है. वहीं, दूसकी ओर हल्द्वानी के बिंदुखता में रहने वाला स्वतंत्रता सेनानी आश्रित परिवार धरने पर बैठने को मजबूर है. यहां पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी नारायण दत्त पंत के पोते शंकर दत्त पंत सरकार और प्रशासन के उदासीन रवैया के चलते अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें सरकार की ओर से कोई भी सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं.
स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बलिदान के बदौलत ही देश को आजादी मिली थी और 26 जनवरी 1950 को देश को अपना संविधान मिला था, लेकिन स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रितों को सरकार और प्रशासन की ओर से दी जाने वाली सुविधाएं शंकर दत्त पंत और उनके परिवार को आज तक नहीं मिल पाई है. शंकर दत्त पंत का कहना है कि उनके दादाजी नारायण दत्त पंत स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे और उनका देश की आजादी में बड़ा योगदान रहा. जिसे देखते हुए भारत सरकार से उन्हें ताम्रपत्र भी मिला था, लेकिन अब उनके दादाजी तो नहीं है, लेकिन उनके आश्रित परिवार को सरकार की ओर से कोई भी सुविधा नहीं दी जा रही है.
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शंकर दत्त पंत का कहना है कि वे स्वतंत्रता संग्राम परिवार से हैं. ऐसे में उन्हें प्रदेश सरकार से अभी तक कोई सुविधा नहीं मिली है. आश्रित परिवार के हक के लिए वे बीते कई सालों से लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी कोई सुध नहीं ले रही है. ऐसे में अब उन्हें मजबूरन अनशन पर बैठना पड़ा है. उन्होंने कहा कि सरकार और जिला प्रशासन की उपेक्षा से खिन्न होकर गणतंत्र दिवस के मौके पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं. वहीं, उन्होंने मांगें पूरी नहीं होने तक अपना अनशन जारी रखने की चेतावनी दी.