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हल्द्वानी में ई-राशन कार्ड बनाने के ठेके के नाम पर 15 लाख की ठगी

ई-राशन कार्ड बनाने के ठेके के नाम पर लखनऊ की एक कंपनी ने हल्द्वानी के एक कारोबारी से 15 लाख रुपए ठग लिए. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है.

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Published : Jun 25, 2021, 9:51 AM IST

हल्द्वानी: ई-राशन कार्ड बनाने के ठेके के नाम पर शहर के कारोबारी से 15 लाख की ठगी का मामला सामने आया है. ठगी करने वालों ने खुद को लखनऊ की एक कंपनी का संचालक बताकर कारोबारी से पैसे हड़प लिए. इस मामले में पीड़ित ने मुखानी थाना में तहरीर दी है और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. तहरीर मिलने के बाद पुलिस ने इस पूरे प्रकरण की जांच शुरू कर दी है.

मुखानी निवासी नरेंद्र सिंह ने पुलिस में तहरीर दी है. तहरीर में नरेंद्र ने कहा है कि उत्तराखंड में ई-राशन कार्ड प्रोजेक्ट के ठेके को लेकर लखनऊ की एक कथित कंपनी के दो निदेशक भाइयों और अन्य से संपर्क हुआ था. जिन्होंने बागेश्वर, चमोली और हरिद्वार में ई-राशन कार्ड के लिए लिखित करार किया था.

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जिसके एवज में नरेंद्र ने कंपनी के खाते में बतौर पेशगी 15 लाख की रकम जमा करवाई. लेकिन न तो ठेका मिल पाया और न ही पैसा वापस मिला. नरेंद्र का आरोप है कि रकम वापस मांगने पर कथित कंपनी के निदेशक दोनों भाई पहले तो पैसा देने के लिए टालमटोल करने लगे, फिर जान से मारने की धमकी देकर फोन उठाना ही बंद कर दिया. जिसके बाद पीड़ित ने SSP से मुलाकात कर पूरे मामले में मुखानी थाने में तहरीर देते हुए कार्रवाई की मांग की है.

ये भी पढ़ें: वैक्सीनेशन के लिहाज से यह हफ्ता बेहद अहम, 4 लाख से ज्यादा लोगों को लगी वैक्सीन

वहीं, मुखानी SO सुशील कुमार ने बताया कि तहरीर के आधार पर पूरे मामले की जांच की जा रही है. जांच के उपरांत ही मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी. बताया जा रहा है कि पीड़ित को आरोपियों से एक नगर निगम के कर्मचारी ने मिलवाया था.

हल्द्वानी: ई-राशन कार्ड बनाने के ठेके के नाम पर शहर के कारोबारी से 15 लाख की ठगी का मामला सामने आया है. ठगी करने वालों ने खुद को लखनऊ की एक कंपनी का संचालक बताकर कारोबारी से पैसे हड़प लिए. इस मामले में पीड़ित ने मुखानी थाना में तहरीर दी है और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. तहरीर मिलने के बाद पुलिस ने इस पूरे प्रकरण की जांच शुरू कर दी है.

मुखानी निवासी नरेंद्र सिंह ने पुलिस में तहरीर दी है. तहरीर में नरेंद्र ने कहा है कि उत्तराखंड में ई-राशन कार्ड प्रोजेक्ट के ठेके को लेकर लखनऊ की एक कथित कंपनी के दो निदेशक भाइयों और अन्य से संपर्क हुआ था. जिन्होंने बागेश्वर, चमोली और हरिद्वार में ई-राशन कार्ड के लिए लिखित करार किया था.

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जिसके एवज में नरेंद्र ने कंपनी के खाते में बतौर पेशगी 15 लाख की रकम जमा करवाई. लेकिन न तो ठेका मिल पाया और न ही पैसा वापस मिला. नरेंद्र का आरोप है कि रकम वापस मांगने पर कथित कंपनी के निदेशक दोनों भाई पहले तो पैसा देने के लिए टालमटोल करने लगे, फिर जान से मारने की धमकी देकर फोन उठाना ही बंद कर दिया. जिसके बाद पीड़ित ने SSP से मुलाकात कर पूरे मामले में मुखानी थाने में तहरीर देते हुए कार्रवाई की मांग की है.

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वहीं, मुखानी SO सुशील कुमार ने बताया कि तहरीर के आधार पर पूरे मामले की जांच की जा रही है. जांच के उपरांत ही मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जाएगी. बताया जा रहा है कि पीड़ित को आरोपियों से एक नगर निगम के कर्मचारी ने मिलवाया था.

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