हल्द्वानी: लालकुआं पहुंचे कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रदेश की भाजपा सरकार को घेरते हुए कर्मकार कल्याण बोर्ड में गड़बड़ी का मामला उठाया. पूर्व सीएम ने मामले की न्यायिक जांच की मांग की ताकि भाजपा का असली चेहरा लोगों के सामने आ सके.
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत पूर्व कैबिनेट मंत्री हरीश चंद्र दुर्गापाल के हल्दुचौड़ स्थित आवास पर पहुंचे थे. इस दौरान त्रिवेंद्र सरकार को घोटालेबाज सरकार करार देते हुए हरदा ने कहा कि कर्मकार कल्याण बोर्ड में चार सौ करोड़ का घोटाला सामने आया है, जिसमें राज्य सरकार की आंतरिक जांच में बात सामने आ रही है कि खरीद-फरोख्त में अनियमितता या गड़बड़ी हुई है.
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उन्होंने कहा कि यह गरीबों का पैसा है, श्रमिकों के मन में आशंका है कि उनके पैसे का दुरुपयोग हुआ है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के समय में बोर्ड में पंजीकरण का काम शुरू हुआ था. उनके समय दो लाख लोग पंजीकृत हुए थे, जिसमें श्रमिकों को स्वास्थ, बच्चों की पढ़ाई, शौचालय निर्माण आदि के लिए राशि मिलती है. उनकी सरकार बोर्ड में ढाई सौ करोड़ छोड़कर गई थी. हरीश रावत ने पूरे मामले की न्यायिक जांच की मांग की है साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को सीधे-सीधे घोटालेबाज बताया.
फ्री बिजली-पानी पर सफाई
वहीं, अपने फ्री बिजली-पानी देने वाले बयान पर सफाई देते हुये हरीश रावत ने उसे अपना व्यक्तिगत बयान बताया और कहा कि उनके द्वारा कई मेगा प्लांट बिजली के साथ-साथ वाटर प्लांट भी लगाए गये हैं, जिसके तहत उन्होंने प्रदेशवासियों को निशुल्क बिजली पानी देने की बात कही थी.
बागियों की वापसी पर ना
वहीं, कांग्रेस में बागियों की वापसी को लेकर ना कहते हुये हरीश रावत ने कहा कि वो बागियों की वापसी के बिल्कुल भी पक्ष में नहीं हैं. पहले बागी नेताओं को सार्वजनिक रूप से प्रदेश की जनता से माफी मांगनी चाहिए, तब कहीं वापसी की सोचें.
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कांग्रेस में कलह?
वर्तमान में कांग्रेस में चल रही अंदरूनी गुटबाजी और कलह को सिरे से नकारते हुये हरदा ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस पार्टी में किसी तरह की कलह नहीं है. सब के बयान और मत अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन सभी लोग एकजुट हैं. सभी का अपना आभामंडल है और सभी मिलकर कांग्रेस को मजबूत करने का काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि 2022 वर्ष कांग्रेस का है, क्योंकि वर्तमान भाजपा की सरकार द्वारा प्रदेश के विकास के लिए कुछ नहीं किया गया है और ऐसे में 2022 में प्रदेश की जनता प्रदेश की सत्ता कांग्रेस को सौंपने जा रही है.