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रामनगर में लकड़ी से भरी ट्रैक्टर ट्राली लूट ले गए तस्कर, वन कर्मियों की पिटाई भी की - रामनगर लकड़ी तस्कर समाचार

रामनगर के जंगल में लकड़ी तस्कर बेखौफ हो गए हैं. लकड़ी तस्करों की हिम्मत इतनी बढ़ गई है कि वो वन कर्मियों पर हमला करके लड़की की ट्रॉली लूट ले जा रहे हैं. ऐसा ही मामला रामनगर तराई पश्चिमी वन प्रभाग में सामने आया है.

Forest smugglers attack in Ramnagar
रामनगर वन तस्कर
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Published : Jun 20, 2023, 7:55 AM IST

रामनगर: एक ओर जहां अवैध खनन को लेकर लगातार वन विभाग और वन निगम चर्चाओं में रहते हैं, वहीं खनन माफियाओं द्वारा वन कर्मचारियों के साथ मारपीट भी आम बात हो गई है. अब खनन माफियाओं के साथ ही लकड़ी तस्कर भी वन कर्मियों के लिए सिरदर्द बन गए हैं. लकड़ी तस्कर भी खुलेआम जहां एक ओर जंगलों से पेड़ काट कर ले जा रहे हैं, वहीं इन्हें रोकने पर तस्कर वन कर्मचारियों को अपना निशाना भी बना रहे हैं.

लकड़ी तस्करों ने वन कर्मियों को पीटा: ऐसा ही एक मामला रामनगर तराई पश्चिमी वन प्रभाग के ज्वाला वन बीट क्षेत्र से सामने आया है. यहां लकड़ी तस्करों ने वन निगम कर्मचारियों के अलावा निगम ठेकेदार के साथ एवं तराई पश्चिमी वन विभाग के वीट वाचर के साथ मारपीट की. इतना ही नहीं लकड़ी तस्कर लकड़ी से भरी एक ट्रैक्टर ट्रॉली जबरन लूट कर ले गए. वन निगम एवं वन विभाग के कर्मचारियों के साथ हुई इस दुस्साहसिक घटना को लेकर दहशत का माहौल बना हुआ है. हालांकि वन विभाग के कर्मचारियों पर हमला करने आए एक लकड़ी तस्कर की बंदूक वन कर्मियों ने छीन कर पुलिस के हवाले कर दी है.

वन तस्कर लकड़ी से भरी ट्रॉली लूट ले गए: घटना के संबंध में तराई पश्चिमी वन प्रभाग के डीएफओ प्रकाश चंद्र आर्य ने बताया कि लकड़ी तस्करों द्वारा इस क्षेत्र में शनिवार को भी इसी प्रकार की घटना की गई. जब वन निगम कर्मचारी लौट में कटी लकड़ी को लेने वाहनों से जा रहे थे तो तस्करों द्वारा रास्ते में कीलें लगा दी गई थी. इससे कई वाहनों में पंचर हो गया. रविवार की रात फिर से लकड़ी तस्करों ने वन निगम व वन विभाग के कर्मचारियों पर हमला बोल दिया. इस हमले में विभाग का एक कर्मचारी चोटिल हुआ है. इस मामले में पुलिस को तहरीर दी गई है.
ये भी पढ़ें: रामनगर में पेड़ों के अवैध कटान पर फॉरेस्ट गार्ड सहित दो कर्मचारी सस्पेंड

रामनगर के जंगल में लकड़ी तस्करों का राज: डीएफओ ने बताया कि पूर्व में भी विभाग द्वारा पुलिस को दो अलग-अलग तहरीर सौंपी गई थी. डीएफओ ने बताया कि वन विभाग द्वारा तो इस संबंध में पुलिस को तहरीर दी गई है, लेकिन वन निगम द्वारा अभी तक आरोपियों के खिलाफ ना तो कोई तहरीर दी गई है और ना ही कोई कार्रवाई की गई है. इससे मामला संदिग्ध प्रतीत होता है. उन्होंने कहा कि इस मामले में वन निगम के उच्चाधिकारियों को भी अवगत कराने के साथ ही मामले की जांच कराई जाएगी. जो भी दोषी होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा.

रामनगर: एक ओर जहां अवैध खनन को लेकर लगातार वन विभाग और वन निगम चर्चाओं में रहते हैं, वहीं खनन माफियाओं द्वारा वन कर्मचारियों के साथ मारपीट भी आम बात हो गई है. अब खनन माफियाओं के साथ ही लकड़ी तस्कर भी वन कर्मियों के लिए सिरदर्द बन गए हैं. लकड़ी तस्कर भी खुलेआम जहां एक ओर जंगलों से पेड़ काट कर ले जा रहे हैं, वहीं इन्हें रोकने पर तस्कर वन कर्मचारियों को अपना निशाना भी बना रहे हैं.

लकड़ी तस्करों ने वन कर्मियों को पीटा: ऐसा ही एक मामला रामनगर तराई पश्चिमी वन प्रभाग के ज्वाला वन बीट क्षेत्र से सामने आया है. यहां लकड़ी तस्करों ने वन निगम कर्मचारियों के अलावा निगम ठेकेदार के साथ एवं तराई पश्चिमी वन विभाग के वीट वाचर के साथ मारपीट की. इतना ही नहीं लकड़ी तस्कर लकड़ी से भरी एक ट्रैक्टर ट्रॉली जबरन लूट कर ले गए. वन निगम एवं वन विभाग के कर्मचारियों के साथ हुई इस दुस्साहसिक घटना को लेकर दहशत का माहौल बना हुआ है. हालांकि वन विभाग के कर्मचारियों पर हमला करने आए एक लकड़ी तस्कर की बंदूक वन कर्मियों ने छीन कर पुलिस के हवाले कर दी है.

वन तस्कर लकड़ी से भरी ट्रॉली लूट ले गए: घटना के संबंध में तराई पश्चिमी वन प्रभाग के डीएफओ प्रकाश चंद्र आर्य ने बताया कि लकड़ी तस्करों द्वारा इस क्षेत्र में शनिवार को भी इसी प्रकार की घटना की गई. जब वन निगम कर्मचारी लौट में कटी लकड़ी को लेने वाहनों से जा रहे थे तो तस्करों द्वारा रास्ते में कीलें लगा दी गई थी. इससे कई वाहनों में पंचर हो गया. रविवार की रात फिर से लकड़ी तस्करों ने वन निगम व वन विभाग के कर्मचारियों पर हमला बोल दिया. इस हमले में विभाग का एक कर्मचारी चोटिल हुआ है. इस मामले में पुलिस को तहरीर दी गई है.
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रामनगर के जंगल में लकड़ी तस्करों का राज: डीएफओ ने बताया कि पूर्व में भी विभाग द्वारा पुलिस को दो अलग-अलग तहरीर सौंपी गई थी. डीएफओ ने बताया कि वन विभाग द्वारा तो इस संबंध में पुलिस को तहरीर दी गई है, लेकिन वन निगम द्वारा अभी तक आरोपियों के खिलाफ ना तो कोई तहरीर दी गई है और ना ही कोई कार्रवाई की गई है. इससे मामला संदिग्ध प्रतीत होता है. उन्होंने कहा कि इस मामले में वन निगम के उच्चाधिकारियों को भी अवगत कराने के साथ ही मामले की जांच कराई जाएगी. जो भी दोषी होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा.

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