हल्द्वानी: वर्षा काल को देखते हुए हल्द्वानी वन अनुसंधान केंद्र ने अपनी नर्सरी में करीब दो लाख पौधों को तैयार किया है. यहां से लोग मानसून सीजन में अनुसंधान केंद्र से पौधे खरीद पौधारोपण कर सकेंगे. हल्द्वानी वन अनुसंधान केंद्र के प्रभारी मदन बिष्ट ने बताया कि मानसून सीजन को देखते हुए अनुसंधान केंद्र ने करीब दो लाख पौधों का नर्सरी तैयार की है. इसमें जंगली पौधों के साथ-साथ औषधि और फलदार पौधे भी हैं.
वन अनुसंधान केंद्र में बिक्री के लिए पौधे तैयार: वन अनुसंधान केंद्र के प्रभारी मदन बिष्ट ने कहा कि पौधारोपण को लेकर लोगों में जागरूकता देखी जा रही है. इस बार नर्सरी में तैयार किए गए पौधों की अभी से भारी मात्रा में डिमांड आने लगी है. उन्होंने कहा कि पिछले साल जहां वर्षा काल के दौरान अनुसंधान केंद्र ने करीब एक लाख पौधों की बिक्री की थी, ऐसे में इस बार पौधों की डिमांड को देखते हुए अधिक मात्रा में पौधे तैयार किए गए हैं. उन्होंने कहा कि आम जनमानस अनुसंधान केंद्र से न्यूनतम मूल्य पर पौधा खरीद सकता है.
वन अनुसंधान केंद्र की नर्सरी में 2 लाख पौधे तैयार: अनुसंधान केंद्र के प्रभारी मदन बिष्ट ने बताया कि हल्द्वानी और लालकुआं नर्सरी में करीब 2 लाख पौधे तैयार किए गए हैं. इसमें जंगली पौधों के साथ-साथ फलदार औषधि वाले पौधे शामिल हैं. उन्होंने कहा कि वर्षाकाल में अनुसंधान केंद्र से भारी मात्रा में पौधों की डिमांड कई राज्यों से भी आती है.
वन अनुसंधान केंद्र पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में अहम भूमिका निभा रहा है. इसका नतीजा है कि अनुसंधान केंद्र द्वारा तैयार किए गए पौधे आज आगरा के ताजमहल, दिल्ली यूनिवर्सिटी, लालकिला के अलावा अन्य संस्थानों की शोभा बढ़ा रहे हैं.
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800 प्रजातियों के पेड़-पौधे किए संरक्षित: हल्द्वानी वन अनुसंधान केंद्र भी पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक धरोहर बनकर उभर रहा है. यहां करीब 14 एकड़ में 800 से अधिक प्रजातियों के पेड़ पौधों को संरक्षित करने का काम किया गया है. जैव विविधता के साथ-साथ अनुसंधान केंद्र उत्तराखंड का सबसे बड़ा बायोडायवर्सिटी पार्क भी है. यहां जैव विविधता को बचाने के लिए अनुसंधान केंद्र में काम किया जा रहा है.