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वन रेस्क्यू टीम ने 5 महीने में 575 सांपों और 58 मगरमच्छों को किया रेस्क्यू - 575 sampon ko pakada

वन विभाग की टीम ने स्नेक रेस्क्यू टीम ने पिछले 5 महीने में 575 सांपों और 58 मगरमच्छों को रेस्क्यू किया है. इसकी जानकारी प्रभागीय वन अधिकारी संदीप कुमार ने दी है.

snake and python rescue
सांपों को किया रेस्क्यू
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Published : Nov 20, 2021, 2:16 PM IST

हल्द्वानी: तराई पूर्वी वन प्रभाग के क्षेत्रों में बड़ी संख्या में कई प्रजाति के सांप, अजगर और मगरमच्छ पाए जाते हैं. ऐसे में वन विभाग की टीम ने स्नेक रेस्क्यू टीम गठित की है, जिसने पिछले 7 महीनों में बेहतर काम करते हुए अलग-अलग क्षेत्रों से 517 किंग कोबरा, ब्लैक कोबरा, अजगर सहित कई अन्य प्रजातियों के सांपों को रेस्क्यू कर सुरक्षित जंगल में छोड़ने का काम किया है.

प्रभागीय वन अधिकारी संदीप कुमार ने बताया कि तराई पूर्वी वन प्रभाग के जंगलों में बड़ी संख्या में जहरीले सांप के अलावा मगरमच्छ और कई प्रजातियों के अजगर पाए जाते हैं. यह वन्यजीव जंगलों से निकाल कई बार आबादी वाले इलाकों में पहुंच जाते हैं, जिसके चलते इंसानों को भी खतरा बना रहता है. ऐसे में इसको लेकर रेंज स्तर पर स्नेक रेस्क्यू टीम गठित की गई है, जो इन वन्य जीवों को रेस्क्यू करने का काम करती है. उन्होंने बताया कि अप्रैल से अक्टूबर तक 517 सांपों और अजगर को रेस्क्यू कर सुरक्षित जगह पर छोड़ा गया है.

वन रेस्क्यू टीम ने 5 महीने में 575 सांपों को पकड़ा.

पढ़ें- वन विभाग के पिंजरे में कैद हुआ गुलदार, रानीबाग रेस्क्यू सेंटर भेजा गया

इसके अलावा जंगल और ग्रामीण इलाकों के किनारे नदी और नालों में भी मगरमच्छ पाए जाते हैं. कई बार मगरमच्छ खेतों और ग्रामीण इलाकों में पहुंच जाते हैं. ऐसे में 58 मगरमच्छ को भी टीम द्वारा रेस्क्यू कर दूर ले जाकर छोड़ा गया है.

हल्द्वानी: तराई पूर्वी वन प्रभाग के क्षेत्रों में बड़ी संख्या में कई प्रजाति के सांप, अजगर और मगरमच्छ पाए जाते हैं. ऐसे में वन विभाग की टीम ने स्नेक रेस्क्यू टीम गठित की है, जिसने पिछले 7 महीनों में बेहतर काम करते हुए अलग-अलग क्षेत्रों से 517 किंग कोबरा, ब्लैक कोबरा, अजगर सहित कई अन्य प्रजातियों के सांपों को रेस्क्यू कर सुरक्षित जंगल में छोड़ने का काम किया है.

प्रभागीय वन अधिकारी संदीप कुमार ने बताया कि तराई पूर्वी वन प्रभाग के जंगलों में बड़ी संख्या में जहरीले सांप के अलावा मगरमच्छ और कई प्रजातियों के अजगर पाए जाते हैं. यह वन्यजीव जंगलों से निकाल कई बार आबादी वाले इलाकों में पहुंच जाते हैं, जिसके चलते इंसानों को भी खतरा बना रहता है. ऐसे में इसको लेकर रेंज स्तर पर स्नेक रेस्क्यू टीम गठित की गई है, जो इन वन्य जीवों को रेस्क्यू करने का काम करती है. उन्होंने बताया कि अप्रैल से अक्टूबर तक 517 सांपों और अजगर को रेस्क्यू कर सुरक्षित जगह पर छोड़ा गया है.

वन रेस्क्यू टीम ने 5 महीने में 575 सांपों को पकड़ा.

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इसके अलावा जंगल और ग्रामीण इलाकों के किनारे नदी और नालों में भी मगरमच्छ पाए जाते हैं. कई बार मगरमच्छ खेतों और ग्रामीण इलाकों में पहुंच जाते हैं. ऐसे में 58 मगरमच्छ को भी टीम द्वारा रेस्क्यू कर दूर ले जाकर छोड़ा गया है.

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