हल्द्वानी : तराई सेंट्रल प्रभाग के टांडा वन क्षेत्र के अंतर्गत पीपल पड़ाव में एक दिवसीय सांप पकड़ने का प्रशिक्षण का आयोजन किया गया. इस दौरान वन कर्मियों को सांप पकड़ने, उनको संरक्षित करने और सुरक्षित स्थान पर छोड़े जाने का प्रशिक्षण दिया गया.
प्रशिक्षण के दौरान विभिन्न प्रकार के वन कर्मियों ने विभिन्न अधिनियमों की भी जानकारी दी गई. साथ ही सांप पकड़ने का प्रशिक्षण, सर्पदंश उपचार का प्रशिक्षण और वन पंचायत नियमावली की जानकारी दी गई. इस मौके पर द स्नेक एंड वाइल्ड लाइफ वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष और सर्प विशेषज्ञ चंद्रसेन कश्यप की अध्यक्षता में प्रशिक्षण हुआ. चंद्रसेन कश्यप ने बताया कि सांपों के डसने के दौरान सामाजिक और असामाजिक धर्म झाड़-फूंक आदि से दूर रहना चाहिए और तुरंत उपचार कराना चाहिए.
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वहीं, प्रभागीय वन अधिकारी अभिलाषा सिंह ने बताया कि भोजन की तलाश में चूहे और मेंढक के पीछे सांप चले जाते हैं. उन्होंने कहा कि सांप अक्सर लोगों के घरों में चले जाते हैं. ऐसे में लोगों को सांपों को प्रति जागरूक होने की जरूरत है. सांप को देखते ही तुरंत वन कर्मियों को सूचित करना चाहिए, जिससे कि वन कर्मी समय रहते रेस्क्यू कार्य कर सकें जिससे कि सांप से कोई हानि न हो.