हल्द्वानीः उत्तराखंड वानिकी प्रशिक्षण अकादमी हल्द्वानी में दीक्षांत समारोह आयोजित की गई. जिसमें 26 वन दरोगा और 77 वन आरक्षी 6 महीने की कड़ी ट्रेनिंग के बाद आज पास आउट हुए. इससे पहले ट्रेनिंग के दौरान उन्हें वन्यजीव संघर्ष, कैमरा ट्रैप, मीडिया मैनेजमेंट, ड्रोन ट्रेनिंग, फील्ड एक्टिविटी के गुर सीखे. वहीं, दीक्षांत समारोह में वन आरक्षी में टिहरी वन प्रभाग की अंजलि रावत को गोल्ड मेडल मिला. जबकि, वन दरोगा में पिथौरागढ़ वन प्रभाग के योगेश कार्की गोल्ड मेडल से नवाजा गया.
दीक्षांत समारोह पर अपर मुख्य वन संरक्षक विवेक पांडेय ने कहा कि वन आरक्षी और वन दरोगा का रोल जंगल के संरक्षण में काफी अहम है. वनों के संरक्षण और संवर्धन के लिए जिस तरह की ट्रेनिंग दी जानी चाहिए, वो ट्रेनिंग इन 6 महीनों के भीतर दी गई है. ट्रेनिंग के दौरान जंगल से जुड़ी सभी विधाओं और आयामों से रूबरू कराया गया. ताकि, वन आरक्षी और वन दरोगा जंगलों के प्रति सच्ची कर्तव्य निष्ठा से काम कर सकें.
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क्या बोलीं निदेशक तेजस्विनी पाटिल: उत्तराखंड वानिकी प्रशिक्षण अकादमी हल्द्वानी की निदेशक तेजस्विनी पाटिल ने कहा कि वन आरक्षी और वन दरोगाओं को फील्ड की कड़ी ट्रेनिंग दी गई है. जिससे वो आने वाले दिनों में जंगलों के प्रति सजगता से काम कर सकें. उन्हें उम्मीद है कि वन आरक्षी और वन दरोगा अपने ड्यूटी पूरे ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा से करेंगे.
वहीं, वन दरोगा योगेश कार्की ने कहा कि वो पिथौरागढ़ डिवीजन से आते हैं. जहां कई चुनौतियां हैं. ऐसे में जंगल को किस तरीके से बचाना है और उनकी उपज के लिए कैसे काम करना है, इसकी बारीकी ट्रेनिंग से सीखी है. उन्होंने कहा कि जो भी ट्रेनिंग में उन्होंने सीखा है, उस पर वो खरा उतरेंगे. वहीं, गोल्ड मेडल हासिल करने पर योगेश ने अपने अनुभव भी साझा किए.