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कॉर्बेट में फोरेस्ट फायर से निपटने के लिए वन महकमे ने बनाया एक्शन प्लान

बीते फरवरी माह से वन विभाग का फायर सीजन शुरू हो चुका है और मौसम में गर्मी बढ़ने के साथ ही फोरेस्ट फायर की घटनाएं भी बढ़ने लगती है. जिससे वन संपदा और वन्यजीवों को भी खासा नुकसान पहुंचता है.

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Published : Mar 24, 2019, 10:18 AM IST

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व

रामनगर: कॉर्बेट टाइगर रिजर्व और वन्यजीवों को फोरेस्ट फायर से सुरक्षित रखने के लिए वन विभाग ने एक्शन प्लान तैयार कर लिया गया है. कॉर्बेट में आग से निपटने के लिए 84 क्रू स्टेशन और 30 वॉच टावर बनाये गये है. जिनमें वनाधिकारियों, कर्मचारियों के अलावा 750 वन श्रमिकों की तैनाती की जाएगी.

फोरेस्ट फायर के लिए बन महकमे ने बनाया प्लान.

बता दें कि बीते फरवरी माह से वन विभाग का फायर सीजन शुरू हो चुका है और मौसम में गर्मी बढ़ने के साथ ही फोरेस्ट फायर की घटनाएं भी बढ़ने लगती है. जिससे वन संपदा और वन्यजीवों को भी खासा नुकसान पहुंचता है. लिहाजा, इन आग की घटनाओं को रोकने के लिए कॉर्बेट प्रशासन ने अपना फायर एक्शन प्लान तैयार कर लिया है.

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व पौड़ी और नैनीताल जिले के अंतर्गत आता है. ऐसे में फोरेस्ट फायर की घटनाओं को रोकने के लिए कॉर्बेट प्रशासन ने दोनों ही जिलाधिकारियों को फायर एक्शन प्लान बनाकर भेज दिया है. इसके अलावा राज्य स्तर पर उत्तराखंड मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक को फायर एक्शन प्लान का अनुमोदन भेजा जा चुका है.

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक राहुल कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि कॉर्बेट में फोरेस्ट फायर से निपटने के लिए 84 क्रू स्टेशन और 30 वॉच टावर बनाये गये है. जिनमें नियमित वन कर्मियों के अलावा वन श्रमिकों को तैनात किया गया है. जिनकी संख्या साढ़े पांच सौ है. इसके अलावा कालागढ़ टाइगर रिजर्व में भी 200 श्रमिकों को रखा जाएगा. साथ ही आग की घटनाओं को देखते हुए अति संवेदनशील क्षेत्रों में वन श्रमिकों की संख्या बढ़ाई जा सकती है.

रामनगर: कॉर्बेट टाइगर रिजर्व और वन्यजीवों को फोरेस्ट फायर से सुरक्षित रखने के लिए वन विभाग ने एक्शन प्लान तैयार कर लिया गया है. कॉर्बेट में आग से निपटने के लिए 84 क्रू स्टेशन और 30 वॉच टावर बनाये गये है. जिनमें वनाधिकारियों, कर्मचारियों के अलावा 750 वन श्रमिकों की तैनाती की जाएगी.

फोरेस्ट फायर के लिए बन महकमे ने बनाया प्लान.

बता दें कि बीते फरवरी माह से वन विभाग का फायर सीजन शुरू हो चुका है और मौसम में गर्मी बढ़ने के साथ ही फोरेस्ट फायर की घटनाएं भी बढ़ने लगती है. जिससे वन संपदा और वन्यजीवों को भी खासा नुकसान पहुंचता है. लिहाजा, इन आग की घटनाओं को रोकने के लिए कॉर्बेट प्रशासन ने अपना फायर एक्शन प्लान तैयार कर लिया है.

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व पौड़ी और नैनीताल जिले के अंतर्गत आता है. ऐसे में फोरेस्ट फायर की घटनाओं को रोकने के लिए कॉर्बेट प्रशासन ने दोनों ही जिलाधिकारियों को फायर एक्शन प्लान बनाकर भेज दिया है. इसके अलावा राज्य स्तर पर उत्तराखंड मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक को फायर एक्शन प्लान का अनुमोदन भेजा जा चुका है.

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक राहुल कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि कॉर्बेट में फोरेस्ट फायर से निपटने के लिए 84 क्रू स्टेशन और 30 वॉच टावर बनाये गये है. जिनमें नियमित वन कर्मियों के अलावा वन श्रमिकों को तैनात किया गया है. जिनकी संख्या साढ़े पांच सौ है. इसके अलावा कालागढ़ टाइगर रिजर्व में भी 200 श्रमिकों को रखा जाएगा. साथ ही आग की घटनाओं को देखते हुए अति संवेदनशील क्षेत्रों में वन श्रमिकों की संख्या बढ़ाई जा सकती है.

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एंकर-कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में जंगलो और वन्यजीवों को आग से सुरक्षित रखने के लिए फायर प्लान तैयार कर लिया गया है।कॉर्बेट में आग पर काबू पाने के लिए साढ़े सात सौ वन श्रमिक कार्य करेंगे। जिसके लिए 84 क्रू स्टेशन और 30 वॉच टावर बनाये गये है।इन सभी पर स्टाफ को नियुक्त कर दिया गया है।आवश्यकता पड़ने पर संवेदनशील क्षेत्रो में श्रमिक बढ़ाये भी जा सकते है।


Body:वीओ- वन विभाग का फायर सीजन फरवरी माह से शुरू हो चुका है। धीरे धीरे गर्मी भी बढ़ने लगी है ऐसे गर्म मौसम में जंगलों के अंदर आग की घटनाएं बढ़ने लगती हैं। आग की घटनाओं से वन संपदा और वन्यजीवों को भी खासा नुकसान होता है ।कॉर्बेट टाइगर रिजर्व वन्यजीवों और वन संपदा के मामले में धनी हैं। जिसको लेकर यहां के जंगलों की सुरक्षा और बढ़ जाती है।इसे देखते हुए कॉर्बेट प्रशासन ने फायर प्लान बना लिया गया है। क्योंकि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व पौड़ी और नैनीताल जनपद के अंतर्गत आता है।जिसे जनपद स्तरीय दोनों कमेटियों के जिलाधिकारियों को फायर प्लान बनाकर भेज दिया गया है ।इसके अलावा राज्य स्तर पर उत्तराखंड मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक को फायर प्लान बनाकर अनुमोदन के लिए भेजा जा चुका है।कॉर्बेट के जंगलों को आग से बचाने के लिए नियमित वन कर्मियों के अलावा ऑपरेशन लार्ड के अंतर्गत आने वाले श्रमिक इसके अलावा अलग अलग योजनाओं के अंतर्गत रखे गए श्रमिक हैं।जिनकी संख्या साढे 500 है।कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के अंतर्गत आने वाले कालागढ़ टाइगर रिजर्व में 200 श्रमिक जंगलों को आग से बचाने का काम करेंगे।आने वाले समय में मौसम के मद्देनजर अति संवेदनशील क्षेत्रों में आग की अधिक संभावनाओं को देखते हुए इन श्रमिकों की संख्या बढ़ाई भी जा सकती है। कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में कुल 84 क्रु स्टेशन बनाए गए हैं ।आग पर नजर रखने के लिए रिजर्व प्रशासन ने 30 वॉच टावर बनाए हैं। जिन पर स्टाफ नियुक्त कर दिया है।आग पर नियंत्रण करने के लिए द्वारका ब्लोअर का प्रयोग भी किया जा रहा है।जिससे कि फायर लाइन से सुखी पत्तियों को हटाया जा सके।

बाइट-राहुल कुमार(निदेशक,कॉर्बेट टाइगर रिजर्व)


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