रामनगर: रामनगर आमडंडा से लेकर मोहान के बीच लंबे समय से एक जंगली हाथी आतंक का पर्याय बना हुआ है. ये हाथी लगातार राशन से भरे वाहनों को अपना निशाना बना रहा है. साथ ही उसमें रखा राशन खाकर जमकर तोड़फोड़ भी कर रहा है. उधर, वन विभाग ने देसी नुस्खा अपनाया है. जिसके तहत अब इस जंगली हाथी के लिए खास तौर पर मिर्ची के गोले बनाए जा रहे हैं.
इस जंगली हाथी के आतंक की कहानी को शुरू हुए 9 माह से अधिक का वक्त बीत चुका है. रामनगर से पहाड़ों की ओर व्यापारी अपने वाहनों में सब्जी, राशन और गुड़ भरकर बेचने के लिए ले जाते हैं. करीब 9 माह पहले एक जंगली हाथी ने एक राशन से लदे वाहन को अपना निशाना बनाया. उसके बाद उसमें रखे राशन को खा लिया. तब से लेकर जंगली हाथी भोजन की तलाश में वाहनों पर हमला करने लगा. इतना ही नहीं, अगर हाथी को वाहन में खाने को नहीं मिलता तो उसे पलट देता है. राशन से भरी पिकअप के अलावा कार और रोडवेज बसें भी इस हाथी के आतंक का शिकार हो चुकी हैं.
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हाथी के बढ़ते आतंक को देखते हुए वन विभाग ने कुछ उपाय अपनाए हैं. वन विभाग के कर्मचारी रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक हाईवे पर मशालें जलाकर और ढोल बजाकर पैदल गश्त कर रहे हैं. हाथी के पास आने पर पटाखों की आवाज से उन्हें भगाने का प्रयास किया जा रहा है. इतना ही नहीं राशन खाने की आदत को छुड़वाने के लिए आटे के गोले बनाकर उनके बीच में मिर्ची पाउडर भरकर हाथी को खिलाया जा रहा है, ताकि वो आटे के गोले खाए और उसे मिर्च लगे तो राशन खाने की आदत छोड़ दें.
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वन विभाग की मानें तो जबसे जंगल में गश्त शुरू की गई है, तब से हाथी ने किसी भी वाहन पर हमला नहीं किया है. उम्मीद है कि आटे से बने मिर्ची के गोले वाला उपाय कारगार सिद्ध होगा.