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रामनगर: वन्यजीवों के लिए मिश्रित वनों की बुवाई कर रहा है वन विभाग

रामनगर में वन प्रभाग वन्यजीवों की तादाद में इजाफा करने के लिए मिश्रित वनों की बुवाई कर रहा है. 384 हेक्टेयर वन भूमि से सागौन के पेड़ काटकर यहां हरड़, बहेड़ा, जामुन और आंवला आदि विभिन्न तरह के बीजों से बुवाई की जा रही है.

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रामनगर मिश्रित वन
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Published : Aug 27, 2020, 11:42 AM IST

Updated : Aug 27, 2020, 12:00 PM IST

रामनगर: नैनीताल जनपद में रामनगर के वन अपनी जैव विविधता के लिए देश-विदेश में जाने जाते हैं. कॉर्बेट नेशनल पार्क के पास होने के कारण यहां वन्यजीवों की भी अच्छी तादाद है. ऐसे में वन महकमा अब इन वन्यजीवों के लिए मिश्रित वनों की बुवाई कर रहा है, जिससे इनकी तादात में और इजाफा हो सके.

वन्यजीवों के लिए मिश्रित वनों की बुवाई कर रहा है वन विभाग.

रामनगर कॉर्बेट नेशनल पार्क की वजह से देश-विदेश में प्रसिद्ध है. रामनगर के जंगलों में कई प्रजातियों के पेड़ पौधों के होने की वजह से भी इसे जाना जाता है. मिश्रित वनों की बुवाई के विषय में जानकारी देते हुए तराई पश्चिमी के प्रभागीय वन अधिकारी हिमांशु बागड़ी ने बताया कि विभाग की ओर से वन्यजीवों के लिए मिश्रित वनों की बुवाई की जा रही है.

रामनगर वन क्षेत्र कॉर्बेट नेशनल पार्क से सटा होने के कारण यहां कई प्रकार के पौधों को रोपित किया जा रहा है. इसमें कंजू, हरड़, बहेड़ा, जामुन और आंवला आदि विभिन्न तरह के बीजों से बुवाई हो रही है.

पढ़ें- बेरीनाग: गलवान का 'शेर' पहुंचा घर, लोगों ने किया अभिनंदन

हिमांशु बागड़ी ने बताया कि वन प्रभाग 384 हेक्टेयर वन भूमि से सागौन के पेड़ों को काटकर मिश्रित वनों के जंगल तैयार कर रहा है. क्योंकि, सागौन यहां की नेटिव प्रजाति नहीं है. इसके नीचे कोई भी वृक्ष नहीं हो पनप सकता. यहां अब सागौन की जगह मिश्रित वन तैयार किए जा रहे हैं, जिससे कि वन्य जीव आबादी का रुख न करें. साथ ही मानव वन्यजीव संघर्ष को भी कम किया जा सके.

रामनगर: नैनीताल जनपद में रामनगर के वन अपनी जैव विविधता के लिए देश-विदेश में जाने जाते हैं. कॉर्बेट नेशनल पार्क के पास होने के कारण यहां वन्यजीवों की भी अच्छी तादाद है. ऐसे में वन महकमा अब इन वन्यजीवों के लिए मिश्रित वनों की बुवाई कर रहा है, जिससे इनकी तादात में और इजाफा हो सके.

वन्यजीवों के लिए मिश्रित वनों की बुवाई कर रहा है वन विभाग.

रामनगर कॉर्बेट नेशनल पार्क की वजह से देश-विदेश में प्रसिद्ध है. रामनगर के जंगलों में कई प्रजातियों के पेड़ पौधों के होने की वजह से भी इसे जाना जाता है. मिश्रित वनों की बुवाई के विषय में जानकारी देते हुए तराई पश्चिमी के प्रभागीय वन अधिकारी हिमांशु बागड़ी ने बताया कि विभाग की ओर से वन्यजीवों के लिए मिश्रित वनों की बुवाई की जा रही है.

रामनगर वन क्षेत्र कॉर्बेट नेशनल पार्क से सटा होने के कारण यहां कई प्रकार के पौधों को रोपित किया जा रहा है. इसमें कंजू, हरड़, बहेड़ा, जामुन और आंवला आदि विभिन्न तरह के बीजों से बुवाई हो रही है.

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हिमांशु बागड़ी ने बताया कि वन प्रभाग 384 हेक्टेयर वन भूमि से सागौन के पेड़ों को काटकर मिश्रित वनों के जंगल तैयार कर रहा है. क्योंकि, सागौन यहां की नेटिव प्रजाति नहीं है. इसके नीचे कोई भी वृक्ष नहीं हो पनप सकता. यहां अब सागौन की जगह मिश्रित वन तैयार किए जा रहे हैं, जिससे कि वन्य जीव आबादी का रुख न करें. साथ ही मानव वन्यजीव संघर्ष को भी कम किया जा सके.

Last Updated : Aug 27, 2020, 12:00 PM IST
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