हल्द्वानी: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वन भूमि पर अतिक्रमण को लेकर सख्त निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद वन विभाग लगातार अपनी अतिक्रमण की गई भूमि को खाली करवाने में लगा हुआ है. कुमाऊं मंडल के सबसे बड़े तराई पूर्वी वन प्रभाग में बड़े पैमाने पर वन भूमि पर अतिक्रमणकारी बैठे हुए थे. जिसपर वन विभाग ने बीते दिनों कार्रवाई करते हुए करीब 80 हेक्टेयर वन भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया है.
प्रभागीय वनाधिकारी तराई पूर्वी वन प्रभाग संदीप कुमार ने बताया कि वन भूमि पर किसी भी तरह का अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. विभाग द्वारा अभी तक अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत 80 हेक्टेयर से अधिक भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया है. उन्होंने बताया कि तराई एरिया होने के चलते वन भूमि पर अतिक्रमण चुनौती भी है. लेकिन विभाग द्वारा लगातार अतिक्रमण की गई भूमि को चिन्हित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अतिक्रमण के तहत स्थायी और अस्थायी अतिक्रमण को लगातार हटाने की कार्रवाई चल रही है. जिसमें धार्मिक स्थलों के नाम पर भी जगह-जगह अतिक्रमण किया गया था. जिसको खाली कराया गया है.
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उन्होंने कहा कि कुछ अन्य जगहों पर अभी भी पक्के अतिक्रमण हैं, जिनको नोटिस दिए गए हैं. अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी कर जल्द खाली करने के निर्देश भी दिए गए हैं. समय रहते अतिक्रमण नहीं हटाने पर इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए अतिक्रमण ध्वस्त किया जाएगा. उन्होंने बताया कि जंगलों के अंदर में भारी संख्या में रजिस्टर्ड गुर्जर रहते हैं. जिनको पशु चुगान के लिए रजिस्टर्ड किया गया है. लेकिन जंगल में रजिस्टर्ड गुर्जर की आड़ में अवैध तरीके से भी कई गुर्जर रह रहे हैं. जिनके द्वारा वन भूमि पर कब्जा कर उस पर खेती की गई है. उनको भी चिन्हित कर हटाने की कार्रवाई की जा रही है. साथ ही कुछ लोगों ने स्वतः ही वन भूमि को खाली कर दिया है. उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा अब अवैध तरीके से रहने वाले वन गुर्जरों के ऊपर भी करवाई की जा रही है. जहां अवैध तरीके से बनाई गई उनकी पशुशाला और खेतों को नष्ट करने की कार्रवाई की जाएगी.