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वन विभाग के कर्मचारियों का द्विवर्षीय प्रांतीय अधिवेशन, हर्षवर्धन बने वन बीट अधिकारी संघ के अध्यक्ष

उत्तराखंड वन विभाग अधिकारी, वन आरक्षी संघ का द्विवार्षिक प्रांतीय अधिवेशन मंगलवार को रामनगर में हुआ. अधिवेशन में संघ पदाधिकारियों ने चार सूत्रीय मांग पत्र वन संरक्षक पश्चिमी वृत्त को सौंपा. इस दौरान हर्षवर्धन गड़िया वन बीट अधिकारी संघ के प्रांतीय अध्यक्ष बनाएं गए.

Uttarakhand Forest Department
उत्तराखंड वन विभाग अधिकारी
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Published : Nov 24, 2021, 12:02 PM IST

Updated : Nov 24, 2021, 1:36 PM IST

रामनगर: उत्तराखंड वन विभाग अधिकारी व वन आरक्षी का द्विवर्षीय प्रांतीय अधिवेशन नगर पालिका ऑडिटोरियम हॉल (Municipality Auditorium) में मंगलवार को हुआ. जिसमें प्रदेश के जगह-जगह से पंद्रह सौ से ज्यादा वन आरक्षी रामनगर पहुंचे. अधिवेशन में संघ पदाधिकारियों ने चार सूत्रीय मांग पत्र वन संरक्षक पश्चिमी वृत्त को सौंपा. संख्या बल के आधार पर उत्तराखंड वन आरक्षी की कार्यकारिणी का गठन किया गया.

इस दौरान हर्षवर्धन गड़िया वन बीट अधिकारी संघ के प्रांतीय अध्यक्ष बनाएं गए. वहीं, अध्यक्ष के दूसरे उम्मीदवार काका कश्यप ने फर्जी लोगों को बुलाकर संख्या बल के आधार पर जीतने का हर्षवर्धन गड़िया पर आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि वे न्याय न मिलने पर कोर्ट जाएंगे.

वन विभाग के कर्मचारियों का द्विवर्षीय प्रांतीय अधिवेशन.

गैस गोदाम रोड स्थित नगर पालिका ऑडिटोरियम हॉल में अधिवेशन का शुभारंभ कॉर्बेट पार्क के निदेशक एवं वन संरक्षक पश्चिमी वृत्त राहुल कुमार, उपनिदेशक कल्याणी, डीएफओ तराई पश्चिमी बलवंत शाही एवं विधायक प्रतिनिधि मदन जोशी ने किया. अधिवेशन के दौरान क्रांति कार्यकारिणी का भी चुनाव संपन्न कराया गया. अधिवेशन में मौजूद कर्मचारियों ने अपनी समस्याओं को लेकर सरकार से मांगे पूरी करने का अनुरोध किया. तो वहीं संघ द्वारा 4 सूत्रीय मांगों का मांग पत्र भी वन संरक्षक पश्चिमी व्रत को सौंपा गया.

पढ़ें: मांगों पर गौर न होने से खफा नर्सिंग एसोसिएशन, स्वास्थ्य मंत्री को दिखाएंगी 'ताकत'

सौंपे गए पत्र में कर्मचारियों ने वन आरक्षी सेवा नियमावली 2018 में संशोधन कर वन दरोगा पद पर शत प्रतिशत वन आरक्षी की पदोन्नति किए जाने व वन आरक्षियों की पदोन्नति के लिए 10 वर्षीय निरंतर सेवा की बाध्यता को समाप्त कर 6 वर्ष की निरंतर सेवा किए जाने के साथ ही उनका 2800 ग्रेड पे के अनुसार वेतन उंचीकृत किए जाने सहित चार सूत्रीय मांगों को रखा. वहीं, 4 सूत्रीय मांग पत्र को कॉर्बेट पार्क के निदेशक एवं वन संरक्षक पश्चिमी व्रत राहुल कुमार को सौंपा. राहुल कुमार ने कहा कि वह इन मांगों को शासन को भेजकर इस पर कार्रवाई करने की मांग करेंगे.

बता दें कि, रामनगर के गैस गोदाम रोड स्थित नगर पालिका ऑडिटोरियम हॉल में उत्तराखंड वन बीट अधिकारी वन आरक्षी संघ का प्रांतीय अधिवेशन का कार्यक्रम था. जिसमें उत्तराखंड के कार्यकारिणी का गठन भी किया जाना था. जिसमें उत्तराखंड के सभी क्षेत्रों से लगभग पंद्रह सौ से ज्यादा वन आरक्षी रामनगर पहुंचे. जिसमें उत्तराखंड वन बीट अधिकारी, वन आरक्षी संघ उत्तराखंड का कार्यकारिणी का गठन भी किया जाना था, जिस क्रम में अध्यक्ष के 2 उम्मीदवार खड़े थे जिसमें पहला नाम हर्षवर्धन गड़रिया व दूसरा नाम काका कश्यप का था. जिसमें संख्या बल के आधार पर हर्षवर्धन गड़िया वन बीट अधिकारी संघ के प्रांतीय अध्यक्ष बने.

पढ़ें: कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक आज, 5 चरणों में तय होगा टिकट फॉर्मूला

वहीं, दूसरे अध्यक्ष पद के उम्मीदवार काका कश्यप ने आरोप लगाया कि फर्जी संख्या बल के आधार पर चुनाव कराया गया, जिसका वे बहिष्कार करते हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में 12सौ के लगभग वन आरक्षी है. जबकि हॉल में 15सौ से ज्यादा लोग थे. उन्होंने कहा कि यहां पर आसपास के विभाग के बाहर के लोगों को भी बुलाया गया था, जिसमें हमारे लोगों द्वारा उन्हें पकड़ा भी गया था. उन्होंने कहा कि हमारे द्वारा वोटिंग के जरिए भी मतदान कराने के लिए कहा गया पर संरक्षक इंद्र मोहन कोठारी द्वारा हमारी बात को नहीं सुना गया.

उन्होंने कहा कि अगर वोट डालकर मतदान होता तो वन आरक्षी का कार्ड भी जमा होता. ऐसे में जो विभाग के बाहर के लोग थे वह कार्ड कहां से लाते. उन्होंने आरोप लगाया कि कई दर्जन लोग बाहर से लाए गए थे. इसलिए उन्होंने कहा कि वह चुनाव का पूर्ण बहिष्कार करते हैं और वह जरूरत पड़ी तो न्याय न मिलने पर कोर्ट की शरण लेंगे.

रामनगर: उत्तराखंड वन विभाग अधिकारी व वन आरक्षी का द्विवर्षीय प्रांतीय अधिवेशन नगर पालिका ऑडिटोरियम हॉल (Municipality Auditorium) में मंगलवार को हुआ. जिसमें प्रदेश के जगह-जगह से पंद्रह सौ से ज्यादा वन आरक्षी रामनगर पहुंचे. अधिवेशन में संघ पदाधिकारियों ने चार सूत्रीय मांग पत्र वन संरक्षक पश्चिमी वृत्त को सौंपा. संख्या बल के आधार पर उत्तराखंड वन आरक्षी की कार्यकारिणी का गठन किया गया.

इस दौरान हर्षवर्धन गड़िया वन बीट अधिकारी संघ के प्रांतीय अध्यक्ष बनाएं गए. वहीं, अध्यक्ष के दूसरे उम्मीदवार काका कश्यप ने फर्जी लोगों को बुलाकर संख्या बल के आधार पर जीतने का हर्षवर्धन गड़िया पर आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि वे न्याय न मिलने पर कोर्ट जाएंगे.

वन विभाग के कर्मचारियों का द्विवर्षीय प्रांतीय अधिवेशन.

गैस गोदाम रोड स्थित नगर पालिका ऑडिटोरियम हॉल में अधिवेशन का शुभारंभ कॉर्बेट पार्क के निदेशक एवं वन संरक्षक पश्चिमी वृत्त राहुल कुमार, उपनिदेशक कल्याणी, डीएफओ तराई पश्चिमी बलवंत शाही एवं विधायक प्रतिनिधि मदन जोशी ने किया. अधिवेशन के दौरान क्रांति कार्यकारिणी का भी चुनाव संपन्न कराया गया. अधिवेशन में मौजूद कर्मचारियों ने अपनी समस्याओं को लेकर सरकार से मांगे पूरी करने का अनुरोध किया. तो वहीं संघ द्वारा 4 सूत्रीय मांगों का मांग पत्र भी वन संरक्षक पश्चिमी व्रत को सौंपा गया.

पढ़ें: मांगों पर गौर न होने से खफा नर्सिंग एसोसिएशन, स्वास्थ्य मंत्री को दिखाएंगी 'ताकत'

सौंपे गए पत्र में कर्मचारियों ने वन आरक्षी सेवा नियमावली 2018 में संशोधन कर वन दरोगा पद पर शत प्रतिशत वन आरक्षी की पदोन्नति किए जाने व वन आरक्षियों की पदोन्नति के लिए 10 वर्षीय निरंतर सेवा की बाध्यता को समाप्त कर 6 वर्ष की निरंतर सेवा किए जाने के साथ ही उनका 2800 ग्रेड पे के अनुसार वेतन उंचीकृत किए जाने सहित चार सूत्रीय मांगों को रखा. वहीं, 4 सूत्रीय मांग पत्र को कॉर्बेट पार्क के निदेशक एवं वन संरक्षक पश्चिमी व्रत राहुल कुमार को सौंपा. राहुल कुमार ने कहा कि वह इन मांगों को शासन को भेजकर इस पर कार्रवाई करने की मांग करेंगे.

बता दें कि, रामनगर के गैस गोदाम रोड स्थित नगर पालिका ऑडिटोरियम हॉल में उत्तराखंड वन बीट अधिकारी वन आरक्षी संघ का प्रांतीय अधिवेशन का कार्यक्रम था. जिसमें उत्तराखंड के कार्यकारिणी का गठन भी किया जाना था. जिसमें उत्तराखंड के सभी क्षेत्रों से लगभग पंद्रह सौ से ज्यादा वन आरक्षी रामनगर पहुंचे. जिसमें उत्तराखंड वन बीट अधिकारी, वन आरक्षी संघ उत्तराखंड का कार्यकारिणी का गठन भी किया जाना था, जिस क्रम में अध्यक्ष के 2 उम्मीदवार खड़े थे जिसमें पहला नाम हर्षवर्धन गड़रिया व दूसरा नाम काका कश्यप का था. जिसमें संख्या बल के आधार पर हर्षवर्धन गड़िया वन बीट अधिकारी संघ के प्रांतीय अध्यक्ष बने.

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वहीं, दूसरे अध्यक्ष पद के उम्मीदवार काका कश्यप ने आरोप लगाया कि फर्जी संख्या बल के आधार पर चुनाव कराया गया, जिसका वे बहिष्कार करते हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में 12सौ के लगभग वन आरक्षी है. जबकि हॉल में 15सौ से ज्यादा लोग थे. उन्होंने कहा कि यहां पर आसपास के विभाग के बाहर के लोगों को भी बुलाया गया था, जिसमें हमारे लोगों द्वारा उन्हें पकड़ा भी गया था. उन्होंने कहा कि हमारे द्वारा वोटिंग के जरिए भी मतदान कराने के लिए कहा गया पर संरक्षक इंद्र मोहन कोठारी द्वारा हमारी बात को नहीं सुना गया.

उन्होंने कहा कि अगर वोट डालकर मतदान होता तो वन आरक्षी का कार्ड भी जमा होता. ऐसे में जो विभाग के बाहर के लोग थे वह कार्ड कहां से लाते. उन्होंने आरोप लगाया कि कई दर्जन लोग बाहर से लाए गए थे. इसलिए उन्होंने कहा कि वह चुनाव का पूर्ण बहिष्कार करते हैं और वह जरूरत पड़ी तो न्याय न मिलने पर कोर्ट की शरण लेंगे.

Last Updated : Nov 24, 2021, 1:36 PM IST
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