रामनगर: नैनीताल के रामनगर वन प्रभाग के अंतर्गत पड़ने वाले कालाढूंगी क्षेत्र में आतंक का पर्याय बन चुके गुलदार को पकड़ने के लिए वन विभाग के कर्मचारियों ने 3 पिंजरे लगा दिए हैं. विभाग ने इसके लिए चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन ने अनुमति मांगी थी. अनुमति मिलने के बाद वन विभाग ने पिंजरा लगाने की कार्रवाई की है. वहीं क्षेत्र में लगातार गुलदार की धमक से लोगों में भय का माहौल है. ग्रामीणों ने विभाग से गुलदार को ट्रेंकुलाइज करने की मांग की है.
बता दें कि 2 दिन पूर्व गुलदार ने घर के आंगन में खेल रही 4 वर्षीय बच्ची गौरी पर हमला कर दिया था. गुलदार बच्ची को उठाकर 500 मीटर दूर जंगल की तरफ ले गया था. लोगों ने गुलदार का काफी पीछा किया. इससे घबराकर गुलदार बच्ची को जंगल में छोड़कर भाग गया. हालांकि, तब तक बच्ची की मौत हो गई थी.
वहीं विभाग द्वारा घटना वाले क्षेत्र में तीन पिंजरे अलग-अलग जगह पर लगाए गए हैं. साथ ही गुलदार की मॉनिटरिंग के लिए क्षेत्र में लाइव कैमरा ट्रैक भी लगाए गए हैं. वहीं, रामनगर वन प्रभाग के डीएफओ दिगंत नायक ने बताया कि चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन की तरफ से हमें गुलदार को ट्रेंकुलाइज करने की अनुमति मिल चुकी है. डॉक्टरों की एक्सपर्ट टीम वहां पर मौजूद है. जल्द ही गुलदार को ट्रेंकुलाइज कर उसकी जांच करते हुए उसे कोर एरिया में छोड़ा जाएगा. साथ ही दिगंत नायक में क्षेत्र के लोगों से यह भी अपील की है कि वह अंधेरे में अकेले घर से बाहर ना निकले. जरूरी कार्य होने पर समूह बनाकर घर से बाहर निकलें.
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जानवर के हमले से महिला घायल: गढ़वाल डिवीजन के अंतर्गत लैंसडाउन वन प्रभाग से लगे सीमावर्ती गांवों में बाघ और गुलदार आतंक बना हुआ है. लैंसडाउन वन प्रभाग की सीमा से लगे गांव कलवाड़ी में घर के नजदीक चारा पत्ती लेने गई महिला मंजू देवी पर भरी दोपहरी में गुलदार या बाघ ने हमला कर दिया. महिला के साथ गई अन्य महिलाओं के शोर मचाने पर जानवर जंगल की ओर भाग गया. महिला का कहना है कि हमला करने के बाद वह गिर गई, उसे पता भी नहीं चला कि हमला बाघ या गुलदार किसने किया. फिलहाल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रिखणीखाल में डाक्टरों ने उपचार के बाद घर भेज दिया है. महिला के सिर पर चोट के निशान आए हैं.