नैनीताल: उत्तराखंड हाई कोर्ट ने अल्मोड़ा नगर पालिका के पूर्व अधिशासी अधिकारी और नगर पालिका अध्यक्ष खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं. इसके साथ कोर्ट ने सीबीसीआईडी को एफआईआर की रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने राज्य सरकार को भी मामले में जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.
कोर्ट ने राज्य सरकार के पूछा कि उनके द्वारा टेंडर प्रक्रिया के लिए कोई नियमावली बनाई गई है या नहीं. अगर नहीं बनाई गई तो क्यों? इस बारे में राज्य सरकार कोर्ट को बताए. पूरे मामले की सुनवाई नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में हुई.
बता दें कि अल्मोड़ा निवासी एलके पंत ने 2007 में नगर निगम में टेंडर प्रक्रिया में हुए घोटाले और अनियमितताओं को लेकर हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को एक पत्र लिखा था. जिसमें एलके पंत ने अल्मोड़ा नगर पालिका में हो रही अनियमितताओं की शिकायत की थी. उन्होंने कहा था कि नगर पालिका ने अल्मोड़ा में पार्क समेत अन्य कार्यों के लिए टेंडर निकाले थे. निगम ने कम बोली लगाने वाले ठेकेदार को ठेका न देकर दिल्ली की एक बड़ी कंपनी को ठेका दे दिया था. निगम ने नियम विरुद्ध तरीके से उस कंपनी को 50 लाख रुपए दिए थे.
रजिस्ट्रार जूडिशियल ने एलके पंत का शिकायती पत्र तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश बारिन घोष की खंडपीठ को भेजा. कोर्ट ने मामले का संज्ञान लेते हुए इसकी जांच सीबीसीआईडी से कराने के आदेश दिए. सीबीसीआईडी ने नगर पालिका में हुई अनियमितताओं को सही पाया. जिसके बाद से ये मामला नैनीताल हाईकोर्ट में विचाराधीन था.
गुरुवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट की खंडपीठ ने घोटाले में शामिल तत्कालीन नगर पालिका अध्यक्ष और अधिशासी अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज कराने के आदेश दिए हैं.