ETV Bharat / state

अल्मोड़ा नगर पालिका पूर्व अध्यक्ष और ईओ के खिलाफ दर्ज होगी FIR, हाई कोर्ट ने दिया आदेश - नैनीताल हाई कोर्ट

गुरुवार को इस मामले में सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट की खंडपीठ ने घोटाले में शामिल तत्कालीन नगर पालिका अध्यक्ष और अधिशासी अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज कराने के आदेश दिए हैं.

नैनीताल हाई कोर्ट
नैनीताल हाई कोर्ट
author img

By

Published : Dec 6, 2019, 12:06 AM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाई कोर्ट ने अल्मोड़ा नगर पालिका के पूर्व अधिशासी अधिकारी और नगर पालिका अध्यक्ष खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं. इसके साथ कोर्ट ने सीबीसीआईडी को एफआईआर की रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने राज्य सरकार को भी मामले में जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

कोर्ट ने राज्य सरकार के पूछा कि उनके द्वारा टेंडर प्रक्रिया के लिए कोई नियमावली बनाई गई है या नहीं. अगर नहीं बनाई गई तो क्यों? इस बारे में राज्य सरकार कोर्ट को बताए. पूरे मामले की सुनवाई नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में हुई.

पढ़ें- कुंभ 2021: तीर्थयात्रियों को मूलभूत सुविधा देने में असमर्थ हरिद्वार, तो कैसे संभालेगा प्रशासन करोड़ों श्रद्धालुओं का भार?

बता दें कि अल्मोड़ा निवासी एलके पंत ने 2007 में नगर निगम में टेंडर प्रक्रिया में हुए घोटाले और अनियमितताओं को लेकर हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को एक पत्र लिखा था. जिसमें एलके पंत ने अल्मोड़ा नगर पालिका में हो रही अनियमितताओं की शिकायत की थी. उन्होंने कहा था कि नगर पालिका ने अल्मोड़ा में पार्क समेत अन्य कार्यों के लिए टेंडर निकाले थे. निगम ने कम बोली लगाने वाले ठेकेदार को ठेका न देकर दिल्ली की एक बड़ी कंपनी को ठेका दे दिया था. निगम ने नियम विरुद्ध तरीके से उस कंपनी को 50 लाख रुपए दिए थे.

रजिस्ट्रार जूडिशियल ने एलके पंत का शिकायती पत्र तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश बारिन घोष की खंडपीठ को भेजा. कोर्ट ने मामले का संज्ञान लेते हुए इसकी जांच सीबीसीआईडी से कराने के आदेश दिए. सीबीसीआईडी ने नगर पालिका में हुई अनियमितताओं को सही पाया. जिसके बाद से ये मामला नैनीताल हाईकोर्ट में विचाराधीन था.

गुरुवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट की खंडपीठ ने घोटाले में शामिल तत्कालीन नगर पालिका अध्यक्ष और अधिशासी अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज कराने के आदेश दिए हैं.

नैनीताल: उत्तराखंड हाई कोर्ट ने अल्मोड़ा नगर पालिका के पूर्व अधिशासी अधिकारी और नगर पालिका अध्यक्ष खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं. इसके साथ कोर्ट ने सीबीसीआईडी को एफआईआर की रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने राज्य सरकार को भी मामले में जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं.

कोर्ट ने राज्य सरकार के पूछा कि उनके द्वारा टेंडर प्रक्रिया के लिए कोई नियमावली बनाई गई है या नहीं. अगर नहीं बनाई गई तो क्यों? इस बारे में राज्य सरकार कोर्ट को बताए. पूरे मामले की सुनवाई नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन और न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में हुई.

पढ़ें- कुंभ 2021: तीर्थयात्रियों को मूलभूत सुविधा देने में असमर्थ हरिद्वार, तो कैसे संभालेगा प्रशासन करोड़ों श्रद्धालुओं का भार?

बता दें कि अल्मोड़ा निवासी एलके पंत ने 2007 में नगर निगम में टेंडर प्रक्रिया में हुए घोटाले और अनियमितताओं को लेकर हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को एक पत्र लिखा था. जिसमें एलके पंत ने अल्मोड़ा नगर पालिका में हो रही अनियमितताओं की शिकायत की थी. उन्होंने कहा था कि नगर पालिका ने अल्मोड़ा में पार्क समेत अन्य कार्यों के लिए टेंडर निकाले थे. निगम ने कम बोली लगाने वाले ठेकेदार को ठेका न देकर दिल्ली की एक बड़ी कंपनी को ठेका दे दिया था. निगम ने नियम विरुद्ध तरीके से उस कंपनी को 50 लाख रुपए दिए थे.

रजिस्ट्रार जूडिशियल ने एलके पंत का शिकायती पत्र तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश बारिन घोष की खंडपीठ को भेजा. कोर्ट ने मामले का संज्ञान लेते हुए इसकी जांच सीबीसीआईडी से कराने के आदेश दिए. सीबीसीआईडी ने नगर पालिका में हुई अनियमितताओं को सही पाया. जिसके बाद से ये मामला नैनीताल हाईकोर्ट में विचाराधीन था.

गुरुवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट की खंडपीठ ने घोटाले में शामिल तत्कालीन नगर पालिका अध्यक्ष और अधिशासी अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज कराने के आदेश दिए हैं.

Intro:Summry अल्मोड़ा नगरपालिका के पूर्व अधिशासी अधिकारी और नगर पालिका अध्यक्ष के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करने के आदेश। Intro 2007 में अल्मोड़ा नगर पालिका में टेंडर प्रक्रिया में हुए घोटाले के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन न्यायाधीश आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ ने सख्त रुख अपनाते ने सी बी सीआईडी को घोटाले में शामिल नगरपालिका के तत्कालीन अध्यक्ष और नगरपालिका के तत्कालीन अधिशासी अधिकारी, जेई समेत संबंधित लोगों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करने के आदेश दिए हैं, वहीं कोर्ट ने सीबीसीआईडी से f.i.r. की रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने राज्य सरकार को भी मामले में जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि उनके द्वारा टेंडर प्रक्रिया के लिए कोई नियमावली बनाई गई है या नहीं अगर नहीं बनाई गई तो आखिर क्यों...


Body:आपको बता दें कि अल्मोड़ा निवासी एल के पंत द्वारा 2007 में टेंडर प्रक्रिया में हुए घोटाले और अनियमितता को लेकर हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को एक पत्र लिखा था जिसमें एल के पंत अल्मोड़ा नगर पालिका में हो रही अनियमितता की शिकायत की साथ ही याचिकाकर्ता का कहना था कि नगरपालिका द्वारा अल्मोड़ा में पार्क समेत अन्य कार्यों के लिए पालिका द्वारा टेंडर निकाले गए जिसमें कम बोली लगाने वाले ठेकेदार को ठेका ना देकर नगर पालिका द्वारा दिल्ली की एक बड़ी कंपनी को ठेका दे दिया गया, जिसके बाद नियम विरुद्ध तरीके से पालिका द्वारा 50 लाख रुपए भी उस कंपनी को दे दिए गए।


Conclusion:जिसको देखते हुए उनके एल के पंत द्वारा 2007 में नैनीताल हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जुडिशल को शिकायती पत्र लिखा, जिसके बाद रजिस्टार जुडिशल द्वारा तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश बारिन घोष की खंडपीठ में लेटर भेजा गया और कोर्ट ने मामले का संज्ञान लेते हुए, घोटाले की जांच सीबीसीआईडी को कराने के आदेश दिए और सीबीसीआईडी ने नगर पालिका में हुई अनियमितता को सही पाया। जिसके बाद से यह मामला नैनीताल हाईकोर्ट में विचाराधीन था और आज मामले में सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन की खंडपीठ द्वारा घोटाले में शामिल तत्कालीन नगर पालिका अध्यक्ष, अधिशासी अधिकारी नगरपालिका अल्मोड़ा समेत सभी लोगों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करने के आदेश दिए हैं।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.