हल्द्वानी: पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही लगातार बारिश से नदी नाले उफान पर हैं. गौला नदी के तेज बहाव के चलते नदी किनारे किसानों की कृषि भूमि का कटाव हो रहा है. लेकिन जिला प्रशासन किसानों की भूमि के कटाव को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है. ऐसे में जिला प्रशासन हर साल कृषि भूमि के बचाव की बात तो करता है, लेकिन हर साल किसानों को मायूसी ही हाथ लगती है.
जानकारी देते जिलाधिकारी सविन बंसल. पहाड़ों पर हो रही बरसात के चलते गौला नदी लगातार ग्रामीण इलाके हल्दुचौड़, बिन्दुखत्ता, शांतिपुरी के इलाकों में भूमि कटान कर तबाही मचा रही है. किसानों का कहना है कि हर साल इसी तरह से नदी उनके कृषि भूमि का कटान कर अपने आगोश में ले लेती है. यहां तक की अब घरों को भी खतरा पैदा हो गया है. नदी अपना रुख ग्रामीण इलाकों को ओर कर रही है. लेकिन सिंचाई विभाग द्वारा हर साल नदी में भूमि कटान रोकने के लिए तटबंध तो बनाए जाते हैं. लेकिन गुणवत्ता खराब होने के चलते तटबंध भी बह जाते हैं. यही नहीं इस साल सिंचाई विभाग ने बजट नहीं होने के चलते तटबंध भी नहीं बनाए. जिसके चलते इस बार नदी किसानों की भूमि को ज्यादा नुकसान पहुंचा रही है.ये भी पढ़ें: नैनीताल में आशा वर्कर निकली कोरोना संक्रमितजिलाधिकारी सविन बंसल का कहना है कि कृषि भूमि बचाव के लिए समय-समय पर नदियों में तटबंध बनाने का काम किया जाता है. यह प्रक्रिया हमेशा चलती है. नदी किनारे रहने वाले लोगों से अपील की गई है कि अगर कोई खतरा पैदा हो तो सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं. उनके रहने की व्यवस्था जिला प्रशासन करेगा.