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धान क्रय केंद्रों पर टारगेट पूरा होने से किसान परेशान, बची फसल के लिए विभाग ने की ये व्यवस्था

उत्तराखंड में इन दिनों धान खरीद चल रही है. लेकिन कुछ सेंटर्स पर धान खरीद का टारगेट पूरा हो गया है. ऐसे में किसान परेशान हैं. हालांकि क्षेत्रीय खाद्य नियंत्रक बीएस चलाल (Regional Food Controller BS Chalal) का कहना है कि जिन धान खरीद केंद्रों का टारगेट पूरा हो गया है, उन्हें जहां टारगेट पूरा नहीं हुआ है वहां का कोटा अलॉट किया गया है.

paddy purchase
धान खरीद
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Published : Nov 21, 2022, 9:39 AM IST

Updated : Nov 23, 2022, 6:25 AM IST

हल्द्वानी: प्रदेश के किसानों से सरकार द्वारा धान (paddy purchase centers in Uttarakhand) की खरीद की जा रही है. एक अक्टूबर से धान की खरीद शुरू हो गई थी. कई सरकारी धान क्रय केंद्रों पर उनको दिया गया खरीद टारगेट पूरा हो गया है. ऐसे में सरकारी क्रय केंद्रों पर धान बेचने आ रहे काश्तकार परेशान हैं. काश्तकारों ने सरकार से मांग की है कि सरकारी धान क्रय केंद्रों (paddy purchase target) पर धान खरीद का टारगेट बढ़ाया जाए. जिससे कि किसान अपने धान को सरकारी क्रय केंद्रों पर बेच सकें.

टारगेट पूरा लेकिन बचा है किसानों का धान: किसानों का कहना है कि अगर उनकी धान की बिक्री (sale of paddy) नहीं हुई, तो उनको निजी खरीदारों को औने पौने दामों में धान बेचने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. इस पूरे मामले में क्षेत्रीय खाद्य नियंत्रक अधिकारी बीएस चलाल (Regional Food Controller BS Chalal) का कहना है कि किसानों की धान की खरीद की कार्रवाई चल रही है. पूरे प्रदेश में 9 लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य रखा गया है. इसके सापेक्ष में अभी तक 7 लाख 23 हजार मीट्रिक टन धान की खरीद हो चुकी है.

धान क्रय केंद्रों पर टारगेट पूरा होने से किसान परेशान

धान खरीद के पोर्टल बंद: कुछ धान क्रय केंद्रों पर टारगेट (Target of paddy procurement centers) पूरा हो जाने के चलते धान खरीद का पोर्टल बंद हो गया था. ऐसे में जिन क्रय केंद्रों पर धान की खरीद कम हुई है, उनका कोटा काटकर अन्य क्रय केंद्रों को देने का काम किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि डेढ़ लाख कोटा को अन्य केंद्रों से काटकर टारगेट पूरे हो चुके क्रय केंद्रों को दिया गया है. जहां फिर से धान खरीद शुरू होने जा रही है. बीएस चलाल ने बताया कि 31 जनवरी तक धान की खरीद होनी है.

42 क्रय एजेंसियां खरीद रहीं धान: गौरतलब है कि 42 क्रय एजेंसियों के माध्यम से पूरे प्रदेश से धान की खरीद हो रही, जहां 299 सरकारी खरीद केंद्र बनाए गए हैं. इसके अलावा निजी एजेंसियों और निजी मिलर्स के माध्यम से भी धान की खरीद हो रही है. 471 निजी एजेंसियां भी धान की खरीद कर रही हैं. इस साल धान खरीद सीजन में सरकारी क्रय एजेंसियों के माध्यम से 3 लाख मीट्रिक टन, जबकि निजी एजेंसियों के माध्यम से छह लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य रखा गया है.
ये भी पढ़ें: लक्सर की किसान पंचायत में गन्ने का मूल्य ₹500 प्रति क्विंटल तय करने की मांग

किसानों ने की कोटा बढ़ाने की मांग: किसानों का कहना है कि अभी भी भारी मात्रा में किसानों का धान बिक्री के लिए बचा हुआ है जो क्रय केंद्रों तक पहुंच रहे हैं. सरकार द्वारा इस बार धान खरीद का कोटा कम रखा गया है. ऐसे में सरकार को चाहिए कि धान खरीद का कोटा और बढ़ाया जाए, जिससे किसान अपने धान को सरकारी क्रय केंद्रों पर बेच सकें.

हल्द्वानी: प्रदेश के किसानों से सरकार द्वारा धान (paddy purchase centers in Uttarakhand) की खरीद की जा रही है. एक अक्टूबर से धान की खरीद शुरू हो गई थी. कई सरकारी धान क्रय केंद्रों पर उनको दिया गया खरीद टारगेट पूरा हो गया है. ऐसे में सरकारी क्रय केंद्रों पर धान बेचने आ रहे काश्तकार परेशान हैं. काश्तकारों ने सरकार से मांग की है कि सरकारी धान क्रय केंद्रों (paddy purchase target) पर धान खरीद का टारगेट बढ़ाया जाए. जिससे कि किसान अपने धान को सरकारी क्रय केंद्रों पर बेच सकें.

टारगेट पूरा लेकिन बचा है किसानों का धान: किसानों का कहना है कि अगर उनकी धान की बिक्री (sale of paddy) नहीं हुई, तो उनको निजी खरीदारों को औने पौने दामों में धान बेचने के लिए मजबूर होना पड़ेगा. इस पूरे मामले में क्षेत्रीय खाद्य नियंत्रक अधिकारी बीएस चलाल (Regional Food Controller BS Chalal) का कहना है कि किसानों की धान की खरीद की कार्रवाई चल रही है. पूरे प्रदेश में 9 लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य रखा गया है. इसके सापेक्ष में अभी तक 7 लाख 23 हजार मीट्रिक टन धान की खरीद हो चुकी है.

धान क्रय केंद्रों पर टारगेट पूरा होने से किसान परेशान

धान खरीद के पोर्टल बंद: कुछ धान क्रय केंद्रों पर टारगेट (Target of paddy procurement centers) पूरा हो जाने के चलते धान खरीद का पोर्टल बंद हो गया था. ऐसे में जिन क्रय केंद्रों पर धान की खरीद कम हुई है, उनका कोटा काटकर अन्य क्रय केंद्रों को देने का काम किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि डेढ़ लाख कोटा को अन्य केंद्रों से काटकर टारगेट पूरे हो चुके क्रय केंद्रों को दिया गया है. जहां फिर से धान खरीद शुरू होने जा रही है. बीएस चलाल ने बताया कि 31 जनवरी तक धान की खरीद होनी है.

42 क्रय एजेंसियां खरीद रहीं धान: गौरतलब है कि 42 क्रय एजेंसियों के माध्यम से पूरे प्रदेश से धान की खरीद हो रही, जहां 299 सरकारी खरीद केंद्र बनाए गए हैं. इसके अलावा निजी एजेंसियों और निजी मिलर्स के माध्यम से भी धान की खरीद हो रही है. 471 निजी एजेंसियां भी धान की खरीद कर रही हैं. इस साल धान खरीद सीजन में सरकारी क्रय एजेंसियों के माध्यम से 3 लाख मीट्रिक टन, जबकि निजी एजेंसियों के माध्यम से छह लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य रखा गया है.
ये भी पढ़ें: लक्सर की किसान पंचायत में गन्ने का मूल्य ₹500 प्रति क्विंटल तय करने की मांग

किसानों ने की कोटा बढ़ाने की मांग: किसानों का कहना है कि अभी भी भारी मात्रा में किसानों का धान बिक्री के लिए बचा हुआ है जो क्रय केंद्रों तक पहुंच रहे हैं. सरकार द्वारा इस बार धान खरीद का कोटा कम रखा गया है. ऐसे में सरकार को चाहिए कि धान खरीद का कोटा और बढ़ाया जाए, जिससे किसान अपने धान को सरकारी क्रय केंद्रों पर बेच सकें.

Last Updated : Nov 23, 2022, 6:25 AM IST
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