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हल्द्वानी: किसानों ने गन्ना समिति के बाहर किया प्रदर्शन - farmer protest outside sugarcane committee

हल्द्वानी स्थित गन्ना समिति के बाहर किसानों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के दौरान पूर्व कैबिनेट मंत्री हरिश्चंद्र दुर्गापाल भी शामिल रहे.

farmer protest
किसानों ने गन्ना समिति के बाहर किया प्रदर्शन
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Published : Dec 9, 2020, 7:04 PM IST

Updated : Dec 17, 2020, 3:52 PM IST

हल्द्वानी: गन्ना किसानों के गन्ना उठान की अवधि को 15 दिन से घटाकर 72 घंटे किए जाने और हाथियों द्वारा गन्ने की फसलों को नुकसान पहुंचाए जाने सहित विभिन्न मांगों को लेकर नाराज किसानों ने प्रदर्शन किया. वहीं, किसानों के समर्थन में पूर्व कैबिनेट मंत्री हरिश्चंद्र दुर्गापाल भी शामिल रहे. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हाथियों द्वारा गन्ने के खेतों में लगातार नुकसान पहुंचाया जा रहा है और हाथी गन्ने के फसलों को रौंद रहे हैं. लेकिन किसान अपने बर्बाद हो चुके फसलों को गन्ना सेंटर में लेकर जा रहा है. लेकिन गन्ने की खरीद नहीं हो पा रही है.

किसानों ने गन्ना समिति के बाहर किया प्रदर्शन

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि गन्ना खरीद के लिए पहले किसानों के लिए दी जाने वाली पर्ची की वैधता 15 दिनों की होती थी. लेकिन गन्ना विभाग ने पर्ची की अवधि को घटाकर 72 घंटे कर दिया है. ऐसे में किसान 72 घंटे में अपनी गन्ने की फसल को नहीं काट पा रहा है, न ही गन्ना सेंटर तक ले जा पा रहा हैं. ऐसे में उसकी पर्ची की अवधि खत्म हो जा रही हैं. गन्ना किसान दोबारा अपनी पर्ची के लिए गन्ना कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं, ऐसे में गन्ना काश्तकार परेशान हैं. किसानों ने प्रदर्शन करते हुए कहा कि गन्ने खरीद की अवधि को 72 घंटे से हटाकर 15 दिनों का किया जाए. जिससे कि किसान अपने गन्ना को समय से बेच सकें.

ये भी पढ़ें : टमाटर की बढ़ती डिमांड से हुआ कमाल, कुमाऊं के किसान हुए मालामाल

किसानों ने प्रदर्शन करते हुए कहा कि हाथियों द्वारा गन्ने के फसलों को लगातार नुकसान पहुंचाया जा रहा है और नुकसान हुए गन्ने को काश्तकार बेचने के लिए गन्ना कार्यालय का चक्कर लगा रहा है. वन विभाग द्वारा गन्ना नुकसान की रिपोर्ट दिए जाने के बाद भी हाथियों द्वारा हुए गन्ने के फसलों को नहीं बेच पा रहा है.

हल्द्वानी: गन्ना किसानों के गन्ना उठान की अवधि को 15 दिन से घटाकर 72 घंटे किए जाने और हाथियों द्वारा गन्ने की फसलों को नुकसान पहुंचाए जाने सहित विभिन्न मांगों को लेकर नाराज किसानों ने प्रदर्शन किया. वहीं, किसानों के समर्थन में पूर्व कैबिनेट मंत्री हरिश्चंद्र दुर्गापाल भी शामिल रहे. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हाथियों द्वारा गन्ने के खेतों में लगातार नुकसान पहुंचाया जा रहा है और हाथी गन्ने के फसलों को रौंद रहे हैं. लेकिन किसान अपने बर्बाद हो चुके फसलों को गन्ना सेंटर में लेकर जा रहा है. लेकिन गन्ने की खरीद नहीं हो पा रही है.

किसानों ने गन्ना समिति के बाहर किया प्रदर्शन

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि गन्ना खरीद के लिए पहले किसानों के लिए दी जाने वाली पर्ची की वैधता 15 दिनों की होती थी. लेकिन गन्ना विभाग ने पर्ची की अवधि को घटाकर 72 घंटे कर दिया है. ऐसे में किसान 72 घंटे में अपनी गन्ने की फसल को नहीं काट पा रहा है, न ही गन्ना सेंटर तक ले जा पा रहा हैं. ऐसे में उसकी पर्ची की अवधि खत्म हो जा रही हैं. गन्ना किसान दोबारा अपनी पर्ची के लिए गन्ना कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं, ऐसे में गन्ना काश्तकार परेशान हैं. किसानों ने प्रदर्शन करते हुए कहा कि गन्ने खरीद की अवधि को 72 घंटे से हटाकर 15 दिनों का किया जाए. जिससे कि किसान अपने गन्ना को समय से बेच सकें.

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किसानों ने प्रदर्शन करते हुए कहा कि हाथियों द्वारा गन्ने के फसलों को लगातार नुकसान पहुंचाया जा रहा है और नुकसान हुए गन्ने को काश्तकार बेचने के लिए गन्ना कार्यालय का चक्कर लगा रहा है. वन विभाग द्वारा गन्ना नुकसान की रिपोर्ट दिए जाने के बाद भी हाथियों द्वारा हुए गन्ने के फसलों को नहीं बेच पा रहा है.

Last Updated : Dec 17, 2020, 3:52 PM IST
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