हल्द्वानी: गौलापार के टमाटर की पहचान देश दुनिया में की जाती है. उत्तराखंड के साथ-साथ अन्य मंडियों में हल्द्वानी के टमाटर की डिमांड रहती है. गौलापार क्षेत्र में इन दिनों भरपूर मात्रा में टमाटर की पैदावार हुई है. ऐसे में किसानों के चेहरे भी पैदावार देख खिल गये हैं. किसानों का कहना है कि पिछले 3 सालों से टमाटर की खेती में काफी गिरावट आई थी. इस बार पैदावार में थोड़ी वृद्धि हुई है.
विदेश तक सब्जियों का स्वाद बढ़ाता है गौलापार का टमाटर: गौलापार क्षेत्र टमाटर उत्पादन के लिए मशहूर है. पिछले 20 सालों से यहां के टमाटर की पहचान देश की मंडियों के साथ-साथ पाकिस्तान, बांग्लादेश और अरब कंट्री में भी खूब हुआ करती थी. लेकिन चार-पांच सालों से टमाटर की पैदावार में गिरावट के चलते यहां के किसानों ने टमाटर की खेती करना कम कर दिया था. अब फिर से यहां के किसान टमाटर की खेती की ओर रुख कर रहे हैं.
इस बार हुई है टमाटर की बंपर फसल: टमाटर काश्तकार ललित सिंह मेहरा का कहना है कि पिछले तीन-चार सालों से किसानों ने टमाटर की खेती करना कम कर दिया था. जिसका मुख्य कारण था किसानों को उचित रेट, खेती में अधिक लागत और टमाटर की फसल खराब होना. किसान अब फिर से टमाटर की खेती की ओर बढ़ रहे हैं. जिसका नतीजा है कि इस बार टमाटर की पैदावार अच्छी हुई है. मंडियों में भी वाजिब दाम मिल हैं. इसके अलावा हॉर्टिकल्चर विभाग भी टमाटर लगाने वाले किसानों का सहयोग कर रहा है.
हल्द्वानी में पैदा होता है ऑर्गेनिक टमाटर: गौलापार के बहुत से ऐसे किसान हैं जो ऑर्गेनिक टमाटर का उत्पादन करते हैं. ऑर्गेनिक टमाटर स्वाद के साथ-साथ सेहत के लिए भी अच्छा माना जाता है. टमाटर काश्तकारों का कहना है कि यहां का टमाटर हल्द्वानी बड़ी मंडी तक लेकर जाते हैं. हल्द्वानी मंडी से दिल्ली के आजादपुर मंडी में ये टमाटर पहुंचता है. आजादपुर मंडी से पूरे देश की अलग-अलग मंडियों तक हल्द्वानी के टमाकर की सप्लाई होती है.
टमाटर के किसान हैं खुश: किसानों का कहना है कि वर्तमान समय में खेत पर ₹10 से 12 रुपए प्रति किलो के दाम से टमाटर का रेट मिल रहा है. इसके अलावा इस बार सिंचाई के उचित प्रबंध भी कृषि विभाग द्वारा किये गये हैं. इसके चलते टमाटर का उत्पादन बढ़ा है. गौलापार के टमाटर की खासियत यह है टमाटर पेस्टीसाइड मुक्त है जो स्वाद के साथ-साथ सेहत के लिए भी अच्छा माना जाता है.
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पेस्टीसाइड फ्री है गौलापार का टमाटर: बताया जाता है कि अन्य राज्यों में उत्पादित होने वाले टमाटर पूरी तरह से पेस्टीसाइड से तैयार किए हुए होते हैं. लेकिन यहां के किसान ऑर्गेनिक टमाटर तैयार करते हैं. जानकारी के मुताबिक गौलापार का टमाटर हल्द्वानी मंडी से हर साल करीब 50 हजार क्विंटल सप्लाई होता है. इस बार अच्छी पैदावार होने के चलते किसानों के चेहरे पर भी रौनक है.