हल्द्वानी: गौलापार का क्षेत्र उन्नत खेती के लिए जाना जाता है. यहां के किसानों का धान और गेहूं के साथ-साथ टमाटर की खेती मुख्य खेती है. कभी गौलापार का टमाटर की पहचान देश के साथ विदेश में भी की जाती है, लेकिन अब यहां के किसान अब पारंपरिक खेती छोड़ अन्य खेती की ओर जा रहे हैं. गौलापार के रहने वाले किसान रामपाल टमाटर और पारंपरिक की खेती को छोड़ पिछले तीन सालों से गुलाब की खेती कर रहे हैं. जहां खेती से हर साल लाखों रुपए कमा रहे हैं. यहां तक की अपने खेत में करीब एक दर्जन से अधिक लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं.
किसान रामपाल का कहना है कि पिछले कई सालों से वह पारंपरिक खेती के साथ-साथ टमाटर की खेती करते आ रहे थे, लेकिन बढ़ती महंगाई और लागत अधिक व उत्पादन कम होने के चलते अब उन्होंने गुलाब और गेंदे के फूलों की खेती करना शुरू किया. कोरोनाकाल से वह गुलाब की फूलों की खेती करते आ रहे हैं. तीन एकड़ में गुलाब की फूलों की खेती की है. जिससे वह हर साल लाखों रुपए कमा रहे हैं. यही नहीं इस खेती करने के लिए अन्य किसानों को भी वह प्रेरित कर रहे हैं. रामपाल के मुताबिक कम जमीन, कम लागत और कम समय में अधिक से अधिक मुनाफा कमाने के लिए फूलों की खेती सबसे उत्तम है.
पढ़ें-बेहतर क्वालिटी और ग्रेडिंग ना होने से सेब के नहीं मिल रहे दाम, किसान मायूस
क्योंकि फूलों की डिमांड हर समय रहती है और इसकी बिक्री नगद होती है. रामपाल के मुताबिक वह फूलों की खेती से रोजाना 1500 से लेकर 2000 तक कमाते हैं.फूलों को हल्द्वानी मंडी के साथ-साथ बरेली के मंडी तक भेजते हैं. रामपाल ने आगे कहा कि गुलाब की फूलों की बिक्री नहीं होने की स्थिति में गुलाब के फूलों को सुखाकर उसकी पंखुड़ी को बाहर के बाजारों में बेचते हैं. जहां कई कंपनियां सूखे गुलाब के पंखुड़ी को खरीद कई तरह के उत्पादन तैयार करती हैं. रामपाल अब गुलाब की खेती के साथ-साथ गेंदे के फूल की भी खेती को बढ़ावा दे रहे हैं, जहां उन्होंने उन्नत क्वालिटी के गंदे के फूल को भी लगाया है.
पढ़ें-कुमाऊं में किसानों को नहीं मिल रहा सब्सिडी युक्त आलू बीज, किसान परेशान
जिनकी बाजार में खूब डिमांड हो रही है. किसान रामपाल के मुताबिक बाजार में गुलाब का फूल 70 से 80 रुपए प्रति किलो रुपए तक बिकता है, जबकि सूखे गुलाब की पंखुड़ी डेढ़ सौ रुपए से लेकर ₹200 प्रति किलो तक बिक्री होती है.