रामनगर: उत्तराखंड के सुर सम्राट स्वर्गीय गोपाल बाबू गोस्वामी की समाधि को लेकर राजनीति शुरू हो गई है. जैसे यह खबर समाचार पत्रों के जरिए गोस्वामी परिवार तक पहुंची तो उन्होंने इस पर कड़ी आपत्ति जताई.पिछले दिनों गोपाल बाबू गोस्वामी सांस्कृतिक कला समिति के एक शिष्टमंडल ने अल्मोड़ा जिलाधिकारी नितिन भदौरिया को ज्ञापन सौंपकर कहा कि लोकगायक स्वर्गीय गोपाल बाबू गोस्वामी की स्मृति में चौखुटिया के चांदीखेत में संगीत भवन बना है. मगर, ये शासन की उपेक्षा के चलते जीर्ण शीर्ण हो गया है. इस मामले को लेकर गोपाल बाबू गोस्वामी के पुत्र ने नाराजगी जताई है.
स्वर्गीय गोपाल बाबू की समाधि में सफाई न होने की खबर समाचार-पत्र में हुई तो समूचे गोस्वामी समाज में रोष देखने को मिला. आज उनके पुत्र लोक गायक रमेश बाबू गोस्वामी ने इस मामले में बयान दिया. जिसमें उन्होंने कहा उनके पिता के नाम पर लोग राजनीति कर रहे हैं. बरसात के चलते चांदीखेत संगीत भवन में घास उग चुकी थी, जिसकी उन्होंने सफाई की है. उनका परिवार हर साल उनके जन्म दिवस को उसी स्थान पर मनाता आया है. जिस भवन को समाचार पत्र जीर्ण-शीर्ण बता रहे हैं.
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उन्होंने कहा ये संगीत भवन सही स्थिति में है. गोपाल बाबू गोस्वामी के अलावा वह पूरे गोस्वामी समाज के लोगों की समाधि है. रमेश बाबू ने कहा कि यह स्थान गोस्वामी समाज की आस्था का प्रतीक है. ऐसे में गोस्वामी समाज के लोगों की आस्था को गहरी चोट पहुंची है.
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उन्होंने कड़े शब्दों में ऐसी खबर की निंदा की है. उन्होंने कहा गोस्वामी समाधि की देखरेख उनके परिवार के साथ-साथ पूरा गोस्वामी समाज करता है. हर साल उनके जन्मोत्सव में उत्तराखंड के बड़े-बड़े लोग गायक शामिल होते हैं. यहां तक कि मुंबई और दुबई से लोग उनके जन्मोत्सव पर पहुंचते हैं.
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उन्होंने ऐसी भ्रामक खबरों की निंदा करते हुए कहा कि अगर भविष्य में गोस्वामी परिवार को गोस्वामी समाज की आस्था को लेकर कोई गलत बयान दिया तो पूरा गोस्वामी समाज कार्रवाई करने के लिए बाध्य होगा.