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सुशीला तिवारी अस्पताल में नवजात की मौत, परिजनों ने किया हंगामा

नवजात की मौत पर परिजनों ने सुशीला तिवारी अस्पताल में जमकर हंगामा किया. परिजनों ने डॉक्टरों की लापरवाही से नवजात की मौत होने का आरोप लगाया.

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सुशीला तिवारी अस्पताल में नवजात की मौत
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Published : Sep 18, 2021, 4:58 PM IST

हल्द्वानी: सुशीला तिवारी अस्पताल में एक नवजात की मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया. परिजनों का आरोप है कि नवजात की हालत खराब होने पर पूरी रात वे वॉर्ड स्टाफ और जूनियर डॉक्टरों को बाल विशेषज्ञ चिकित्सक को बुलाने की गुहार लगाते रहे, लेकिन किसी का दिल नहीं पसीजा. वहीं, डॉक्टर के नहीं आने से नवजात की मौत हो गई.

बता दे कि रानीखेत जोनोली गांव की रहने वाली दीपा मेहरा को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन उसको रानीखेत अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे सुशीला तिवारी अस्पताल भेजा दिया. 15 सितंबर को महिला की डिलीवरी होने के बाद नवजात की हालत खराब होने लगी, लेकिन डॉक्टरों ने नवजात को परिजन के हवाले कर दिया. वहीं, 16 सितंबर की देर रात नवजात की हालत गंभीर हो गई, लेकिन रात में कोई भी बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर मौजूद नहीं था.

नवजात की मौत पर हंगामा

ये भी पढ़ें: परिवर्तन यात्रा में लोगों की पॉकेट साफ कर रहे थे 'हाथ', लोगों ने जेबकतरे को जमकर धुना

परिजनों की गुहार के बावजूद अस्पताल प्रशासन ने डॉक्टर को नहीं बुलाया, जिससे इलाज के अभाव में नवजात ने दम तोड़ दिया. जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया. साथ ही डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया. फिलहाल अस्पताल प्रशासन इस पूरे मामले में कुछ भी कहने से बच रहा है. वहीं, परिजन मृत नवजात को अपने साथ ले गए.

हल्द्वानी: सुशीला तिवारी अस्पताल में एक नवजात की मौत के बाद परिजनों ने जमकर हंगामा किया. परिजनों का आरोप है कि नवजात की हालत खराब होने पर पूरी रात वे वॉर्ड स्टाफ और जूनियर डॉक्टरों को बाल विशेषज्ञ चिकित्सक को बुलाने की गुहार लगाते रहे, लेकिन किसी का दिल नहीं पसीजा. वहीं, डॉक्टर के नहीं आने से नवजात की मौत हो गई.

बता दे कि रानीखेत जोनोली गांव की रहने वाली दीपा मेहरा को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन उसको रानीखेत अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे सुशीला तिवारी अस्पताल भेजा दिया. 15 सितंबर को महिला की डिलीवरी होने के बाद नवजात की हालत खराब होने लगी, लेकिन डॉक्टरों ने नवजात को परिजन के हवाले कर दिया. वहीं, 16 सितंबर की देर रात नवजात की हालत गंभीर हो गई, लेकिन रात में कोई भी बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर मौजूद नहीं था.

नवजात की मौत पर हंगामा

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परिजनों की गुहार के बावजूद अस्पताल प्रशासन ने डॉक्टर को नहीं बुलाया, जिससे इलाज के अभाव में नवजात ने दम तोड़ दिया. जिसके बाद परिजनों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया. साथ ही डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया. फिलहाल अस्पताल प्रशासन इस पूरे मामले में कुछ भी कहने से बच रहा है. वहीं, परिजन मृत नवजात को अपने साथ ले गए.

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