हल्द्वानी: ईटीवी भारत हमेशा से जनता और समाज से जुड़ी खबरों को प्राथमिकता से दिखाता आ रहा है. ऐसे में ईटीवी भारत की खबर का एक बार फिर बड़ा असर हुआ है. हमने हल्द्वानी की एक अनाथ युवती की खबर दिखाई थी. ईटीवी भारत की खबर का राज्य महिला आयोग ने संज्ञान लेते हुए इस खबर को प्रमुखता से दिखाए जाने की सराहना करते हुए पूरे प्रकरण में जिलाधिकारी नैनीताल को जांच करने के निर्देश जारी किए हैं.
ये था पूरा मामला
हल्द्वानी के हल्दूचौड़ स्थित बच्ची धर्मा गांव की 20 साल की ममता डंगवाल बीएससी की अंतिम साल की छात्रा है. ममता डंगवाल जब नौ महीने की थी, तब बच्ची धर्मा गांव के पूर्व सैनिक कमल सिंह डंगवाल और उनकी पत्नी पार्वती देवी ने उसे गोद लिया था. 5 साल पहले ममता की मां पार्वती एक हादसे में दिव्यांग हो गईं. इसके बाद ममता ने अपनी मां की सेवा करते हुए अपनी पढ़ाई भी जारी रखी. 14 मई को पार्वती का स्वास्थ्य खराब होने पर उसकी मौत हो गई. 2 दिन बाद पिता कमल सिंह डंगवाल का भी ऑक्सीजन लेवल कम हो गया. जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. उनकी भी मौत हो गई. माता-पिता की मौत के बाद ममता अनाथ हो गई.
आसपास के लोगों ने ममता को हौसला दिया. मगर अब कुछ दिन बाद अपरिचित रिश्तेदार ममता के घर पहुंचे. खुद को कमल सिंह डंगवाल का करीबी रिश्तेदार बताते हुए उनके पीपल-पानी और अन्य क्रिया कर्म में शामिल हुए. इसके बाद तथाकथित रिश्तेदारों ने उनकी संपत्ति पर अपना दावा किया. उन्होंने ममता को घर छोड़कर अपने जन्मदाता माता-पिता के घर जाने को भी कह दिया.
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अपरिचित रिश्तेदार ने ममता की मां पार्वती के जेवरात आलमारी से निकाल कर अपने पास रख लिये. उसके पिता की बैंक की पासबुक और अन्य कागजात भी अपने साथ लेकर जाने लगे. तब ममता ने विरोध किया. जिसके बाद अपरिचित रिश्तेदारों ने उसे धमकाना शुरू कर दिया. इसके बाद ममता ने अपने साथ हो रहे अन्याय को लेकर ईटीवी भारत से गुहार लगाई थी.
ईटीवी भारत ने ममता की इस दर्दनाक कहानी को प्रमुखता से प्रकाशित-प्रसारित किया था. इस पर राज्य महिला आयोग ने पूरे प्रकरण को संज्ञान में लिया है.