हल्द्वानी: चोरगलिया क्षेत्र के काश्तकारों की कई हेक्टेयर कृषि भूमि पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. दरअसल, मॉनसून के चलते नंधौर नदी उफान पर है. ऐसे में किसानों के खेतों में लगातार भू-कटाव के कारण बाढ़ का संकट मंडरा रहा है. साथ ही नदी के उफान के कारण नंदौर वाइल्फ लाइफ सेंचुरी के वन्यजीवों पर भी असर पड़ रहा है.
बता दें कि मॉनसून और पहाड़ों में हो रही लगातार बारिश के कारण नंधौर नदी उफान पर है. ऐसे में सेंचुरी के वन्यजीवों पर भी खतरा मंडरा रहा है. हालांकि, वन विभाग के अधिकारी नंदौर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी के बाहरी हिस्से में तटबंध बनाने की बात कर रहे हैं. जिससे नंधौर और कैलाश नदी के मुहाने पर लगी कृषि योग्य भूमि को बचाया जा सके.
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वहीं, ग्रामीणों तटबंध को लेकर एक लंबा आंदोलन चलाया था. जिसके बाद नंधौर और कैलाश नदी पर कुछ तचबंध बनाए गए थे. लेकिन नदियों का बहाव तेज होने के कारण ये तटबंध भी भू-कटा वरोकने में सफल नहीं हो रहे हैं. लिहाजा ग्रामीण फिर से तटबंध बनाने की मांग कर रहे हैं.