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ONGC और रक्षा मंत्रालय की नौकरी छोड़ अपनाया स्वरोजगार, अब मशरूम की खेती कर बनाई पहचान - हल्द्वानी नौकरी छोड़कर शुरू की खेती

हल्द्वानी में एक युवा इंजीनियर ने लाखों की नौकरी छोड़कर मशरूम की खेती शुरू की है. युवा अश्वनी मेहरा हर साल करीब 100 टन मशरूम की उत्पादन कर रहे हैं. साथ ही क्षेत्र के 20 से 25 युवाओं को रोजगार भी दे रहे हैं.

Haldwani Mushroom Farming
Haldwani Mushroom Farming
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Published : Feb 6, 2021, 4:13 PM IST

Updated : Feb 6, 2021, 9:42 PM IST

हल्द्वानी: उत्तराखंड के कुछ युवा इन दिनों मिसाल बने हुए हैं. लाखों की नौकरी छोड़कर युवा अपनी कर्मभूमि में स्वरोजगार अपनाने के साथ-साथ दूसरों को भी रोजगार दे रहे हैं. ऐसे ही एक युवा हैं अश्वनी मेहरा. हल्द्वानी के गौलापार के रहने वाले अश्वनी मेहरा ओएनजीसी और मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस की लाखों की नौकरी छोड़कर मशरूम की खेती कर रहे हैं. इसके साथ ही अश्वनी दूसरों को भी रोजगार दे रहे हैं और बटन मशरूम के उत्पादन में लगातार कामयाबी की ओर बढ़ रहे हैं.

अश्वनी मेहरा ने सरकारी नौकरी छोड़ अपनाया स्वरोजगार.

बता दें, हल्द्वानी के गौलापार निवासी 28 वर्षीय अश्वनी मेहरा ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद इंडियन ऑयल एंड नेचुरल गैस कारपोरेशन में नौकरी शुरू की. एक साल बाद उन्होंने ओएनजीसी की नौकरी छोड़ मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस में (क्लास वन) सहायक पद पर अधिकारी के तौर पर नियुक्त हुए, लेकिन साल 2017 में अश्वनी मेहरा नौकरी छोड़ उत्तराखंड वापस लौट आए.

उन्होंने अपनी जन्मभूमि को कर्मभूमि मानते हुए बटन मशरूम की खेती करनी शुरू की. आज अश्वनी मेहरा हर साल करीब 100 टन से अधिक मशरूम का उत्पादन कर रहे हैं. साथ ही मशरूम की खेती में आसपास के करीब 25 लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं.

अश्वनी मेहरा ने बताया कि शुरुआती दौर में उनको मशरूम की खेती करने में कुछ तकनीकी दिक्कतें आईं. उन्होंने ट्रेनिंग लेते हुए छोटे स्तर पर मशरूम की खेती की जिसके बाद उन्होंने बैंक से करीब डेढ़ करोड़ का लोन लेकर वातानुकूलित प्लांट लगाया है, जिससे कि पूरे साल मशरूम की खेती की जा सके.

पढ़ें- किसानों के लिये ₹3 लाख का ब्याज मुक्त ऋण वितरण शुरू, CM त्रिवेंद्र ने किया शुभारंभ

अश्वनी ने बताया कि हर महीने करीब 10 टन से अधिक मशरूम का उत्पादन कर रहे हैं. उनकी बटन मशरूम की की पहचान उत्तराखंड के कई मंडियों सहित उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, लखनऊ सहित कई मंडियों में की जा रही है. अश्वनी ने बताया कि बचपन से ही उनको खेती करने का शौक था. अपने चाचा प्रगतिशील किसान नरेंद्र मेहरा से प्रेरणा लेते हुए उन्होंने मशरूम की खेती की शुरुआत की. आज वह मशरूम की खेती में अपनी पहचान बना चुके हैं. साथ ही उत्तराखंड के युवाओं को मशरूम की खेती कर स्वरोजगार अपनाने के लिए जागरूक भी कर रहे हैं.

हल्द्वानी: उत्तराखंड के कुछ युवा इन दिनों मिसाल बने हुए हैं. लाखों की नौकरी छोड़कर युवा अपनी कर्मभूमि में स्वरोजगार अपनाने के साथ-साथ दूसरों को भी रोजगार दे रहे हैं. ऐसे ही एक युवा हैं अश्वनी मेहरा. हल्द्वानी के गौलापार के रहने वाले अश्वनी मेहरा ओएनजीसी और मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस की लाखों की नौकरी छोड़कर मशरूम की खेती कर रहे हैं. इसके साथ ही अश्वनी दूसरों को भी रोजगार दे रहे हैं और बटन मशरूम के उत्पादन में लगातार कामयाबी की ओर बढ़ रहे हैं.

अश्वनी मेहरा ने सरकारी नौकरी छोड़ अपनाया स्वरोजगार.

बता दें, हल्द्वानी के गौलापार निवासी 28 वर्षीय अश्वनी मेहरा ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद इंडियन ऑयल एंड नेचुरल गैस कारपोरेशन में नौकरी शुरू की. एक साल बाद उन्होंने ओएनजीसी की नौकरी छोड़ मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस में (क्लास वन) सहायक पद पर अधिकारी के तौर पर नियुक्त हुए, लेकिन साल 2017 में अश्वनी मेहरा नौकरी छोड़ उत्तराखंड वापस लौट आए.

उन्होंने अपनी जन्मभूमि को कर्मभूमि मानते हुए बटन मशरूम की खेती करनी शुरू की. आज अश्वनी मेहरा हर साल करीब 100 टन से अधिक मशरूम का उत्पादन कर रहे हैं. साथ ही मशरूम की खेती में आसपास के करीब 25 लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं.

अश्वनी मेहरा ने बताया कि शुरुआती दौर में उनको मशरूम की खेती करने में कुछ तकनीकी दिक्कतें आईं. उन्होंने ट्रेनिंग लेते हुए छोटे स्तर पर मशरूम की खेती की जिसके बाद उन्होंने बैंक से करीब डेढ़ करोड़ का लोन लेकर वातानुकूलित प्लांट लगाया है, जिससे कि पूरे साल मशरूम की खेती की जा सके.

पढ़ें- किसानों के लिये ₹3 लाख का ब्याज मुक्त ऋण वितरण शुरू, CM त्रिवेंद्र ने किया शुभारंभ

अश्वनी ने बताया कि हर महीने करीब 10 टन से अधिक मशरूम का उत्पादन कर रहे हैं. उनकी बटन मशरूम की की पहचान उत्तराखंड के कई मंडियों सहित उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, लखनऊ सहित कई मंडियों में की जा रही है. अश्वनी ने बताया कि बचपन से ही उनको खेती करने का शौक था. अपने चाचा प्रगतिशील किसान नरेंद्र मेहरा से प्रेरणा लेते हुए उन्होंने मशरूम की खेती की शुरुआत की. आज वह मशरूम की खेती में अपनी पहचान बना चुके हैं. साथ ही उत्तराखंड के युवाओं को मशरूम की खेती कर स्वरोजगार अपनाने के लिए जागरूक भी कर रहे हैं.

Last Updated : Feb 6, 2021, 9:42 PM IST
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