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हल्द्वानी के कई गांवों में हाथियों की दस्तक से ग्रामीण खौफजदा, रौंद रहे खड़ी फसल

हल्द्वानी तराई पूर्वी वन प्रभाग (Haldwani Terai Eastern Forest Division) में इन दिनों हाथियों के आतंक से ग्रामीण परेशान हैं. ग्रामीणों का कहना है कि हाथियों का झुंड उनकी खड़ी फसल रौंद रहे हैं, जिससे उनसे काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि वन विभाग के अधिकारियों को समस्या से अवगत कराने के बाद भी गौर नहीं किया जा रहा है.

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Published : Oct 25, 2022, 10:28 AM IST

हल्द्वानी: तराई पूर्वी वन प्रभाग (Haldwani Terai Eastern Forest Division) में इन दिनों हाथियों का आतंक कम होने का नाम नहीं ले रहा है है. शाम ढलते ही जंगली हाथी जंगलों से निकल ग्रामीण इलाकों में पहुंच रहे हैं, जिससे ग्रामीण खौफजदा हैं. वहीं हाथियों का झुंड ग्रामीणों की खड़े फसलों को बर्बाद कर उनको भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं.

वहीं हाथियों से निजात के लिए ग्रामीण बार-बार वन विभाग (Haldwani Forest Department) से गुहार लगा रहे हैं लेकिन विभाग है कि हाथी सुरक्षा के नाम पर केवल खानापूर्ति कर अपना पल्ला झाड़ रहा है. हल्द्वानी के गौलापार,मोटाहल्दू ,बेरीपड़ाव सहित कई ग्रामीण इलाकों में जंगली हाथियों का आतंक छाया है. ग्रामीणों का आरोप है कि शाम ढलते ही हाथियों का झुंड ग्रामीणों के खेत में होता है. हाथियों का झुंड गांव के बीच पहुंच घरों के दीवार, चारदीवारी को भी तोड़ रहे हैं. ग्रामीण पूरी रात जागकर हाथियों को भगाने का काम कर रहे हैं. हाथियों का झुंड ग्रामीणों पर भी हमला बोल रहे हैं, जिससे ग्रामीण दहशत (Haldwani Elephants Terror) में हैं.

हाथियों की दस्तक से ग्रामीण खौफजदा.
पढ़ें-कुत्तों ने भौंका तो डर गए नन्हें गजराज, देखें क्यूट वीडियो

ग्रामीणों का आरोप है कि पूर्व में भी हाथियों के हमले से कई लोगों की जान जा चुकी है, लेकिन वन विभाग कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है. विभाग हाथी से सुरक्षा के नाम पर खानापूर्ति कर रहे हैं. यहां तक कि हाथियों का झंड फसलों को रौंद रहे हैं, लेकिन विभाग द्वारा कोई मुआवजा भी नहीं दिया जाता है. हाथी सुरक्षा के नाम पर जंगल किनारे सोलर फेंसिंग तार और सुरक्षा दीवार बनाई गई है. लेकिन दीवार जगह-जगह क्षतिग्रस्त है और सोलर फेंसिंग केवल शोपीस बनकर रह गया है. सोलर फेंसिंग में करंट भी नहीं है, जिससे हाथी उसको तोड़कर गांव के बीच में पहुंच रहे हैं, जिससे जान-माल का खतरा बना है.
पढ़ें-हाथी दिवस के रूप में मनाया वन्यजीव सप्ताह का चौथा दिन, हाथियों के लिए विशेष आहार

प्रभागीय वन अधिकारी तराई पूर्वी वन प्रभाग संदीप कुमार का कहना है कि हाथियों को जंगल से बाहर आने से रोकने के लिए विभाग द्वारा गश्त बढ़ाई गई है. इस समय गन्ने सहित अन्य फसल ग्रामीण क्षेत्रों में तैयार हो चुकी है, जिससे जंगली हाथी ग्रामीण इलाकों की ओर रुख कर रहे हैं. विभाग की टीम जंगल से लगे ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार गश्त कर रहे हैं. इसके अलावा जंगल के किनारे सोलर फेंसिंग लगाए गए हैं, जिससे हाथी आबादी वाले इलाकों की ओर ना आ सके.

हल्द्वानी: तराई पूर्वी वन प्रभाग (Haldwani Terai Eastern Forest Division) में इन दिनों हाथियों का आतंक कम होने का नाम नहीं ले रहा है है. शाम ढलते ही जंगली हाथी जंगलों से निकल ग्रामीण इलाकों में पहुंच रहे हैं, जिससे ग्रामीण खौफजदा हैं. वहीं हाथियों का झुंड ग्रामीणों की खड़े फसलों को बर्बाद कर उनको भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं.

वहीं हाथियों से निजात के लिए ग्रामीण बार-बार वन विभाग (Haldwani Forest Department) से गुहार लगा रहे हैं लेकिन विभाग है कि हाथी सुरक्षा के नाम पर केवल खानापूर्ति कर अपना पल्ला झाड़ रहा है. हल्द्वानी के गौलापार,मोटाहल्दू ,बेरीपड़ाव सहित कई ग्रामीण इलाकों में जंगली हाथियों का आतंक छाया है. ग्रामीणों का आरोप है कि शाम ढलते ही हाथियों का झुंड ग्रामीणों के खेत में होता है. हाथियों का झुंड गांव के बीच पहुंच घरों के दीवार, चारदीवारी को भी तोड़ रहे हैं. ग्रामीण पूरी रात जागकर हाथियों को भगाने का काम कर रहे हैं. हाथियों का झुंड ग्रामीणों पर भी हमला बोल रहे हैं, जिससे ग्रामीण दहशत (Haldwani Elephants Terror) में हैं.

हाथियों की दस्तक से ग्रामीण खौफजदा.
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ग्रामीणों का आरोप है कि पूर्व में भी हाथियों के हमले से कई लोगों की जान जा चुकी है, लेकिन वन विभाग कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है. विभाग हाथी से सुरक्षा के नाम पर खानापूर्ति कर रहे हैं. यहां तक कि हाथियों का झंड फसलों को रौंद रहे हैं, लेकिन विभाग द्वारा कोई मुआवजा भी नहीं दिया जाता है. हाथी सुरक्षा के नाम पर जंगल किनारे सोलर फेंसिंग तार और सुरक्षा दीवार बनाई गई है. लेकिन दीवार जगह-जगह क्षतिग्रस्त है और सोलर फेंसिंग केवल शोपीस बनकर रह गया है. सोलर फेंसिंग में करंट भी नहीं है, जिससे हाथी उसको तोड़कर गांव के बीच में पहुंच रहे हैं, जिससे जान-माल का खतरा बना है.
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प्रभागीय वन अधिकारी तराई पूर्वी वन प्रभाग संदीप कुमार का कहना है कि हाथियों को जंगल से बाहर आने से रोकने के लिए विभाग द्वारा गश्त बढ़ाई गई है. इस समय गन्ने सहित अन्य फसल ग्रामीण क्षेत्रों में तैयार हो चुकी है, जिससे जंगली हाथी ग्रामीण इलाकों की ओर रुख कर रहे हैं. विभाग की टीम जंगल से लगे ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार गश्त कर रहे हैं. इसके अलावा जंगल के किनारे सोलर फेंसिंग लगाए गए हैं, जिससे हाथी आबादी वाले इलाकों की ओर ना आ सके.

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