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रामनगर: हथिनी लक्ष्मी की बिगड़ी तबीयत, इलाज के बाद भी नहीं आया सुधार

रामनगर वन प्रभाग में लक्ष्मी नाम की निजी हाथिनी की तबीयत फिर बिगड़ गई है. पैर में इन्फेक्शन होने के कारण हाथिनी चल-फिर नहीं पा रही है. वन विभाग द्वारा हाथिनी का इलाज करवाया जा रहा है.

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Published : Jul 25, 2019, 10:24 AM IST

Updated : Jul 25, 2019, 10:29 AM IST

हथिनी लक्ष्मी की तबीयत फिर बिगड़ी

रामनगर: हाइकोर्ट के निर्देश के बाद रामनगर वन प्रभाग में 8 निजी पालतू हाथी रखे गए हैं, जिसमें 55 साल की लक्ष्मी नाम की हथिनी की तबीयत लंबे समय से खराब है. वन विभाग द्वारा हाथिनी को बार-बार खड़े होने में मदद की जा रही है लेकिन इन्फेक्शन होने के कारण टांगों की मांस पेशियां कमजोर पड़ चुकी हैं, जिससे वह खड़ी भी नहीं हो पा रही हैं.

हथिनी लक्ष्मी की तबीयत फिर बिगड़ी

पढ़ें- ये है उत्तराखंड की हाईटेक CPU, शराबियों के मुंह सूंघकर करती है कार्रवाई

रामनगर वन प्रभाग के डीएफओ बीपी सिंह का कहना है कि एक बार इसका लेजर ट्रीटमेंट हो चुका है, जिससे कुछ समय तक ठीक रही. लेकिन बारिस होने के कारण इन्फेक्शन फिर बढ़ गया. उन्होंने इस संबंध में मथुरा एसओएस के निदेशक से भी बात की है, लेकिन अभी तक एसओएस मथुरा की टीम इसको नहीं ले जा पाई है.

रामनगर: हाइकोर्ट के निर्देश के बाद रामनगर वन प्रभाग में 8 निजी पालतू हाथी रखे गए हैं, जिसमें 55 साल की लक्ष्मी नाम की हथिनी की तबीयत लंबे समय से खराब है. वन विभाग द्वारा हाथिनी को बार-बार खड़े होने में मदद की जा रही है लेकिन इन्फेक्शन होने के कारण टांगों की मांस पेशियां कमजोर पड़ चुकी हैं, जिससे वह खड़ी भी नहीं हो पा रही हैं.

हथिनी लक्ष्मी की तबीयत फिर बिगड़ी

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रामनगर वन प्रभाग के डीएफओ बीपी सिंह का कहना है कि एक बार इसका लेजर ट्रीटमेंट हो चुका है, जिससे कुछ समय तक ठीक रही. लेकिन बारिस होने के कारण इन्फेक्शन फिर बढ़ गया. उन्होंने इस संबंध में मथुरा एसओएस के निदेशक से भी बात की है, लेकिन अभी तक एसओएस मथुरा की टीम इसको नहीं ले जा पाई है.

Intro:summary- लक्ष्मी हथिनी लंबी बीमारी के चलते कष्टमर जीवन जी रही है। अब इस बेजुबान जानवर ने अपनी बीमारी से लगता है। जैसे हार मान ली है। टांगों में खड़ा रहने की ताकत की कमी के चलते जमीन पर लेट चुकी है। और अपनी मौत का इंतजार कर रही है। इसके साथ ही वन विभाग भी जैसे हार मान चुका हो बस उसकी सेवा करके उसे जिंदा रखने का प्रयास किया जा रहा है।

intro- रामनगर वन प्रभाग द्वारा जब्त किए गए आठ हाथियों में से लक्ष्मी नामक हथिनी काफी लंबे समय से बीमार है। काफी उपचार के बाद भी लक्ष्मी स्वस्थ नहीं हो पाई अब तो ऐसा लगता है कि अपनी बीमारी से तंग आकर लक्ष्मी अब हिम्मत हार चुकी है और उसे पल-पल नजदीक आती मौत का उसे इंतजार है। लक्ष्मी का इंतजार करते-करते वन विभाग भी जैसे थक चुका है।


Body:vo.- रामनगर वन प्रभाग ने हाईकोर्ट के आदेश पर निजी रिसोर्ट द्वारा सैलानियों को सफारी कराए जाने वाले ज़ब्त हाथियों में से 55 साल की लक्ष्मी नामक हथिनी का स्वास्थ्य बहुत दयनीय है। उसके दोनों अगली टांगों में इंफेक्शन होने के कारण टांगों की मांस पेशियां कमजोर पड़ चुकी है। और घाव भरने का नाम नहीं ले रहा है वन विभाग ने इसका उपचार कराने के लिए भारत से लेकर दक्षिण अफ्रीका के पशु चिकित्सकों की सेवाएं तक ले जा चुकी है। परंतु लक्ष्मी के स्वास्थ्य में कोई लाभ नहीं हो रहा है वर्तमान में लक्ष्मी ने अपनी लंबी बीमारी के चलते जिंदगी और मौत की लड़ाई में जैसे हिम्मत हार दी है। लगता है कि लक्ष्मी की टांगों में खड़े होने की ताकत जवाब दे गई है,और उसने जमीन को शायद मृत्यु सय्या बना लिया है। लक्ष्मी अब जमीन पर लेट गई है। लगता है कि जैसे पल-पल उसकी ओर आने वाली मौत का अब उसे इंतजार हो। वहीं वन विभाग द्वारा लक्ष्मी के उपचार की लाख कोशिशों के बाद भी सफल नहीं हो पाया। लक्ष्मी को इस हालत में पहुंचाने में कहीं ना कहीं वन विभाग भी जिम्मेदार है। क्योंकि शुरू में जब लक्ष्मी इस बीमारी की गिरफ्त में आई थी तो तुरन्त ही उसे बेहतर इलाज के लिए एसओएस मथुरा उत्तर प्रदेश भेजा जा सकता था। क्योंकि वहाँ जाकर उसे वह सभी चीजें उपचार के लिए उपलब्ध हो सकती थी जो यहां नहीं हो पाई। उस समय लक्ष्मी के पैरों में जान भी थी जो मथुरा तक का सफर तय कर सकती थी। परंतु अब उसकी टांगों में इतनी भी ताकत नहीं है जो स्वयं खड़ी हो सके। वही वन महकमे के जिम्मेदार अधिकारी का कहना है कि हर प्रकार से लक्ष्मी का उपचार किया जा चुका है। वर्तमान समय में बारिश अधिक होने के कारण लक्ष्मी के घाव जो सूख चुके थे वह फिर से हरे हो गए हैं। उनका मानना है कि स्पेशलिस्ट डॉक्टरों का उपचार लक्ष्मी को मिल जाए तो उसके स्वास्थ में सुधार हो सकता है उसे अधिक समय तक जिंदा रखने के लिए उसकी सेवा की जा सकती है।

byte- बी.पी. सिंह (डीएफओ,वन प्रभाग रामनगर)


Conclusion:fvo.- वन विभाग द्वारा लक्ष्मी हथिनी का लाख उपचार कराया गया देश से लेकर विदेश तक के स्पेशलिस्टो की राय ली गई। परंतु यदि सही समय पर वन विभाग लक्ष्मी को एसओएस मथुरा उपचार के लिए भेजने का सही निर्णय ले लेता तो आज ऐसी स्तिथि शायद नहीं आती। बहरहाल लक्ष्मी का जीवन मौत के मुहाने पर है।
Last Updated : Jul 25, 2019, 10:29 AM IST
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