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पर्यटकों की गाड़ी पर हाथियों के झुंड ने किया हमला, वीडियो VIRAL

हाथियों के झुंड ने पर्यटकों की जिप्सी पर हमला कर दिया. दरअसल, पर्यटक हाथियों के झुंड की फोटो खींचने के चक्कर में अपनी सुरक्षा को भी अनदेखा कर देते हैं.

elephant, हाथियों का आतंक
पर्यटकों की गाड़ी पर हाथियों के झुंड ने किया हमला.
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Published : Dec 5, 2019, 8:27 PM IST

Updated : Dec 5, 2019, 9:12 PM IST

कालाढूंगी: रामनगर के कॉर्बेट पार्क में हाथियों द्वारा पर्यटकों की जिप्सी पर लगातार हमलों की घटनाएं बढ़ रही हैं. ऐसी ही एक घटना तब घटित हुई, जब पर्यटकों से भरी जिप्सी फोटो खींचने के लिए झुंड के नजदीक चली गई. इसके बाद हाथी के हमलावर होने से पर्यटकों ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई.

दरअसल, पर्यटक हाथियों के झुंड की फोटो खींचने के चक्कर में अपनी सुरक्षा को भी अनदेखा कर देते हैं. वहीं, इन घटनाओं के पीछे लापरवाही पर्यटकों के अलावा जिप्सी चालक और गाइड की भी होती है, जो गाड़ियों को इतने नजदीक ले जाते हैं.

पर्यटकों की गाड़ी पर हाथियों के झुंड ने किया हमला.

कॉर्बेट पार्क में घूमते वन्य जीवों से पर्यटकों को एक निश्चित दूरी बनाकर रखनी होती है. ऐसे पर्यटकों ने हाथियों के झुंड की फोटो खींचने और वीडियो बनाने के चक्कर में इस निश्चित दूरी को अनदेखा कर दिया है. इसके बाद हाथियों के झुंड ने पर्यटकों की गाड़ी कर हमला कर दिया.

ये भी पढ़ें:विधानसभा सत्र: अपनी ही पार्टी के विधायकों से घिरे शिक्षा मंत्री, सवालों की बौछार

सीटीआर के एसडीओ रमाकांत तिवारी ने बताया कि किसी भी ईको टूरिज्म के लिए जिम्मेदार पर्यटक का होना सबसे ज्यादा जरूरी है. पर्यटकों को वन्य जीवों के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी अन्यथा वन्य जीव हमलावर होंगे.

रामनगर कॉर्बेट पार्क में पर्यटक जिप्सी से सफारी करते हैं, लेकिन सफारी के निर्धारित रूटों पर कॉर्बेट प्रशासन ने पर्यटकों की मॉनिटरिंग की कोई व्यवस्था नहीं की है. जिस वजह से पर्यटक वन्य जीवों के नजदीक पहुंच जाते है. कई बार पार्क प्रशासन जिप्सी चालकों पर कार्रवाई भी कर चुका है.

कालाढूंगी: रामनगर के कॉर्बेट पार्क में हाथियों द्वारा पर्यटकों की जिप्सी पर लगातार हमलों की घटनाएं बढ़ रही हैं. ऐसी ही एक घटना तब घटित हुई, जब पर्यटकों से भरी जिप्सी फोटो खींचने के लिए झुंड के नजदीक चली गई. इसके बाद हाथी के हमलावर होने से पर्यटकों ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई.

दरअसल, पर्यटक हाथियों के झुंड की फोटो खींचने के चक्कर में अपनी सुरक्षा को भी अनदेखा कर देते हैं. वहीं, इन घटनाओं के पीछे लापरवाही पर्यटकों के अलावा जिप्सी चालक और गाइड की भी होती है, जो गाड़ियों को इतने नजदीक ले जाते हैं.

पर्यटकों की गाड़ी पर हाथियों के झुंड ने किया हमला.

कॉर्बेट पार्क में घूमते वन्य जीवों से पर्यटकों को एक निश्चित दूरी बनाकर रखनी होती है. ऐसे पर्यटकों ने हाथियों के झुंड की फोटो खींचने और वीडियो बनाने के चक्कर में इस निश्चित दूरी को अनदेखा कर दिया है. इसके बाद हाथियों के झुंड ने पर्यटकों की गाड़ी कर हमला कर दिया.

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सीटीआर के एसडीओ रमाकांत तिवारी ने बताया कि किसी भी ईको टूरिज्म के लिए जिम्मेदार पर्यटक का होना सबसे ज्यादा जरूरी है. पर्यटकों को वन्य जीवों के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी अन्यथा वन्य जीव हमलावर होंगे.

रामनगर कॉर्बेट पार्क में पर्यटक जिप्सी से सफारी करते हैं, लेकिन सफारी के निर्धारित रूटों पर कॉर्बेट प्रशासन ने पर्यटकों की मॉनिटरिंग की कोई व्यवस्था नहीं की है. जिस वजह से पर्यटक वन्य जीवों के नजदीक पहुंच जाते है. कई बार पार्क प्रशासन जिप्सी चालकों पर कार्रवाई भी कर चुका है.

Intro:रामनगर के कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व मैं घूमने गए पर्यटकों के पीछे पड़ा हाथी। पर्यटकों ने समय रहते भागकर बचाई जान इससे पहले की कुछ अनहोनी होती पर्यटकों ने भागकर अपनी जान बचाई।
घूमने आए पर्यटकों ने हाथियों के झुंड के नजदीक जाकर वीडियो बनाने लगे जिससे हाथी गुस्सा होकर पर्यटकों की तरफ दौड़ पड़ा।Body:रामनगर के कॉर्बेट पार्क में निश्चित दूरी को तोड़ने से हाथी पर्यटकों की जिप्सी पर हमलावर हो रहे हैं। बार-बार दोहराई जा रही ऐसी लापरवाही किसी भी पर्यटक या उसमें सवार लोगों की जिंदगी पर भारी पड़ सकती है। इन घटनाओं के पीछे लापरवाही सीधे तौर पर पर्यटकों के अलावा उस जिप्सी के चालक व गाइड की भी होती है।
कॉर्बेट पार्क में स्वछंद घूमते वन्य जीवों से पर्यटकों की एक निश्चित दूरी होना जरूरी है। पर्यटक हाथियों के झुंड की फ़ोटो खींचने व वीडियो बनाने के लिए इस निश्चित दूरी की अनदेखी कर उनके नजदीक पहुंच रहे हैं। जिससे वन्य जीव खुद को असुरक्षित समझकर पर्यटकों पर हमलावर हो रहे हैं। जबकि पहले इस तरह की घटनाएं नहीं होती थी। विभागीय अधिकारी भी इन हमलों के लिए गैरजिम्मेदार पर्यटकों को सबसे बड़ी वजह मानते है। अधिकांश पर्यटक अब केवल मौजमस्ती के लिए ज्यादा पहुंच रहे है।पिछले कुछ समय से कॉर्बेट में जिम्मेदार पर्यटकों का अभाव बनता जा रहा है। ऐसे पर्यटक वन्य जीव दिखने पर जिप्सी चालक व गाइड पर वाहन को नजदीक ले जाने के लिए दबाव बनाते हैं। जबकि जंगल मे वन्य जीव एक निश्चित दूरी पर खुद को सुरक्षित समझता है। अमूमन सौ मीटर की दूरी वन्य जीवों से बनाए रखना जरूरी है। यदि पर्यटक उस दूरी को पार करते है तो वन्य जीव खुद को असहज व असुरक्षित समझते हुए हमला कर देते हैं। जिस वजह से वन्य जीवों का हमलावर व्यवहार सामने आ रहा है। यह लापरवाही कभी भी पर्यटकों पर भारी पड़ सकती है। इतना ही नहीं गाइड की भी जिम्मेदारी होती है कि वह पर्यटकों को निश्चित दूरी का पालन कराए। बावजूद ऐसी घटनाओं से कॉर्बेट में वन्य जीवों की असुरक्षा के प्रति एक गलत संदेश भी जा रहा है।Conclusion:सीटीआर के एसडीओ रमाकांत तिवारी बताते हैं कि किसी भी इको टुरिज्म के लिए जिम्मेदार पर्यटक का होना सबसे ज्यादा जरूरी है। पर्यटकों को वन्य जीवों के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। अन्यथा वन्य जीव हमलावर होंगे।
-सफारी की नहीं होती मॉनिटरिंग-
रामनगर: कॉर्बेट पार्क में पर्यटक जिप्सी से सफारी करते हैं। लेकिन सफारी के निर्धारित रूटों पर कॉर्बेट प्रशासन ने पर्यटकों की मॉनिटरिंग की कोई व्यवस्था नहीं की है। जिस वजह से पर्यटक वन्य जीवों के नजदीक पहुंच जाते है। कई बार पार्क प्रशासन जिप्सी चालकों पर कार्रवाई भी कर चुका है।
Last Updated : Dec 5, 2019, 9:12 PM IST
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