हल्द्वानी: भारतीय सेना में भर्ती पर केंद्र सरकार ने बड़ा बदलाव किया है. अग्निपथ योजना के तहत अब 4 साल के लिए सेना में युवाओं की भर्ती होनी है. केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा इस योजना की घोषणा के बाद से ही देशभर में विरोध (Protest Against Agnipath) प्रदर्शनों का दौर देखने को मिल रहा है. हालांकि, सरकार इसे ऐतिहासिक कदम बता रही है. इसी कड़ी में ईटीवी भारत ने इस स्कीम को लेकर केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट से बात की.
केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट (Union Minister of State for Defense Ajay Bhatt) ने इस योजना को बेहतर बताया है. अजय भट्ट ने कहा कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) ने तीनों सेनाओं के साथ बैठक कर इस पर विचार विमर्श के बाद ही इस तरह का निर्णय लिया है, जिससे युवाओं को अधिक से अधिक संख्या में सेना में जाने की मौका मिल सके. इस स्कीम के तहत युवाओं को सेना में बेहतरीन मौका मिलेगा क्योंकि रक्षा विभाग को अब पहले से ज्यादा मजबूत किया गया है.
भट्ट ने कहा कि, इस कार्यक्रम के तहत युवाओं को 4 साल तक सेना में नौकरी करने का मौका मिलेगा, जिन लोगों की नौकरी के दौरान बेहतर काम होगा उनकी नौकरी आगे भी जारी रहेगी. 25 फीसदी युवाओं को सेना में आगे नौकरी करने का मौका मिलेगा. उन्होंने बताया कि 4 साल की नौकरी के बाद भी युवाओं का विशेष ख्याल भी रखा गया है. उनको एक मुश्त धनराशि के साथ-साथ अन्य जगहों पर नौकरियों के अवसर भी प्रदान होंगे.
अजय भट्ट ने कहा कि सेना में बहुत ऐसे भर्ती कार्यालय हैं जहां पर भारी संख्या में सेना के जवानों की आवश्यकता है. कोविड-19 के बाद से सेना में कोई भर्ती नहीं हुई थी, ऐसे में इस स्कीम के तहत बहुत से युवाओं को सेना में नौकरी करने का अवसर भी मिलेगा, साथ ही 4 साल बाद उसको एक मुश्त राशि के साथ-साथ अन्य स्थानों पर नौकरी करने का अवसर प्राप्त होगा.
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उन्होंने कहा कि, कई ऐसी राज्य सरकारें हैं जो 4 साल बाद सेना की नौकरी से वापस आने वालों के लिए राज्य में नौकरी में छूट देने की भी बात कह रही है. ऐसे में सेना में जो भी युवा नौकरी करके आएगा उसको अन्य जगहों पर भी प्राथमिकता मिलेगी.
विपक्ष हमलावर, युवा सड़कों पर: उधर, सेना में 4 साल की नौकरी दिए जाने पर विपक्ष केंद्र सरकार पर हमलावर हो चुका है. ऐसे में अजय भट्ट ने विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि, उनके पास कोई मुद्दा नहीं है. वो केवल लोगों को गुमराह करने का काम कर रहे हैं. अजय भट्ट ने लोगों से अपील की है कि केंद्र सरकार ने जो भी फैसला लिया है वो देशहित और जनहित में लिया है, इसलिए किसी भी तरह का विरोध प्रदर्शन न करें जिससे राज्य और देश की छवि खराब हो.
उत्तराखंड में युवाओं ने किया विरोध: उत्तराखंड के खटीमा में भी सैकड़ों युवाओं ने खटीमा नगर की सड़कों पर उतर कर केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना का पुरजोर विरोध किया. सैकड़ों की संख्या में युवाओं ने खटीमा नगर में जुलूस निकाला और विरोध जताया. युवाओं ने खटीमा तहसील पहुंचकर प्रशासन के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा और इस योजना को जल्द से जल्द वापस लिए जाने की मांग की. इस मौके पर आक्रोशित युवाओं ने कहा कि पूरे देश में युवा सरकार की अग्निपथ योजना का विरोध कर रहे हैं. देशभर का युवा सरकार से मांग करता है कि इस योजना को जल्द से जल्द वापस लिया जाए. युवाओं का कहना है कि पिछले 2 साल से वह सेना भर्ती की लिखित परीक्षा का भी इंतजार कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने लिखित परीक्षा को रद्द कर पूरे देश में अग्निपथ योजना को लागू कर दिया है जो कि देश के युवाओं के विरोध में है.
बिहार समेत अन्य राज्यों में स्थिति बिगड़ी: बिहार, उत्तराखंड, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली समेत देश के कई राज्यों में स्थिति हिंसक हो गई है. बिहार में केंद्र सरकार की सैन्य बलों में भर्ती की नई योजना 'अग्निपथ' के खिलाफ लगातार दूसरे दिन विरोध-प्रदर्शन जारी रहा. इस दौरान कई प्रदर्शनकारियों ने ट्रेनों में आग लगा दी और पथराव किया. प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और रेलवे पटरियों पर धरना देने वाले युवाओं को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया.
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वहीं, नवादा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की विधायक अरुणा देवी एक अदालत जा रही थीं, तभी उनके वाहन पर प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया, जिसमें विधायक सहित पांच लोग घायल हो गए. प्रदर्शनकारियों ने भभुआ और छपरा स्टेशन पर बोगियों में आग लगा दी और कई जगहों पर डिब्बों के शीशे तोड़ दिए. भोजपपुर जिला मुख्यालय आरा में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों ने रेलवे स्टेशन को घेर लिया, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे. हाजीपुर में पूर्व मध्य रेलवे के मुख्यालय से प्राप्त जानकारी के मुताबिक इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर रेल सेवाएं बाधित हुईं. पटना-गया, बरौनी-कटिहार और दानापुर-डीडीयू जैसे व्यस्त मार्ग सबसे ज्यादा प्रभावित हुए.
दिल्ली समेत उत्तर भारत से आने वाली ट्रेनों को रोका गया. ग्वालियर में हिंसक विरोध हो रहा है. छात्र सड़क पर जमकर तोड़फोड़ कर रहे हैं. हजारों युवाओं का उग्र प्रदर्शन जारी है. गोला का मंदिर चौराहे पर आगजनी करने के बाद छात्र बिरला नगर रेलवे स्टेशन पर पहुंचे, जहां उन्होंने जमकर तोड़फोड़ की. ट्रेनों पर हमले किए गए. पटरियां उखाड़ी गईं और सिग्नल भी तोड़े दिए गए. रेल यातायात पूरी तरह बाधित हो गया है. छात्र मेन रेलवे स्टेशन तक पहुंच गए हैं.
क्या है अग्निपथ योजना? दरअसल, केंद्र सरकार ने बीती 14 जून को एक बड़ी महत्वाकांक्षी योजना लॉन्च की. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय युवाओं के लिए सशस्त्र बलों में सेवा के लिए एक आकर्षक भर्ती योजना 'अग्निपथ' (Agnipath) को मंजूरी दी. इसमें अग्निवीर (Agniveer) युवाओं को कम उम्र में सैन्य प्रशिक्षण के साथ-साथ स्वरोजगार के काबिल भी बनाया जाएगा. इस दौरान उन्हें शानदार वेतन भी मिलेगा. पहले साल 46 हजार युवक-युवतियों की भर्ती जाएगी. यहां संख्या हर साल कम या ज्यादा हो सकती है. यह योजना सेना भर्ती रैलियों की जगह लेगी.
अग्निपथ योजना के तहत अग्निवीर बनने के मानदंड? इच्छुक युवक-युवती का भारतीय नागरिक होना जरूरी है. आवेदक की उम्र साढ़े 17 साल से 21 साल के मध्य होना चाहिए. साथ ही आवेदक उम्मीदवार का 10वीं या 12वीं पास होना जरूरी है. जो 10वीं पास होंगे, उन्हें प्रशिक्षण के दौरान कक्षा 12वीं पढ़ाई भी कराई जाएगी. चार साल के कार्यकाल में पहले छह महीने ट्रेनिंग दी जाएगी. इसके बाद सेना के जवानों के साथ देश सेवा का मौका मिलेगा.
वहीं, अग्निवीरों का चार वर्षीय सेवाकाल खत्म होने के बाद वे इच्छानुसार रेगुलर काडर के लिए आवेदन कर सकेंगे. रेगुलर काडर में कुल अग्निवीरों में से अधिकतम 25 फीसदी को जगह मिलेगी. प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके बाकी 75 फीसदी अग्निवीरों को चार साल की सेवा के बाद घर भेज दिया जाएगा. जिन जवानों को सेवा से मुक्त किया जाएगा, उन्हें स्वरोजगार के काबिल बनाया जाएगा. साथ ही सशस्त्र बलों और अन्य सरकारी सेवाओं की भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी. इसके साथ ही अग्निवीर को पूर्व सैनिक कोटे का भी लाभ मिलेगा.