नैनीताल: देश के अन्य जगहों की तरह नैनीताल में भी दुर्गा पूजा की धूम मची हुई है. नैनीताल में भी दुर्गा महोत्सव कुछ सालों से मनाया जाने लगा है. जोकि अब यहां विशेष महत्व रखता है. सुबह से ही मां दुर्गा के भक्त मां के दर्शन के लिए मंदिर पहुंच रहे हैं. स्थानीय लोगों के साथ-साथ नैनीताल आने वाले पर्यटक भक्त भी मां दुर्गा महोत्सव का लुत्फ उठा रहे हैं. मंदिर भक्तों के जयकारों से गूंज रहा है. वहीं मंदिर में लगी भीड़ देखकर ऐसा लग रहा था कि सरोवर नगरी नैनीताल में छोटा बंगाल बस गया हो.
सरोवर नगरी नैनीताल में मां दुर्गा देवी की मूर्तियों की पूरी रीति-रिवाज और परंपराओं के अनुसार प्राण प्रतिष्ठा कर भक्तों के दर्शनों के लिए पंडाल खोल दिये गए हैं. जिसके साथ ही मां नयना देवी के मंदिर में पूजा करने के लिए सैकड़ों की संख्या में भक्तों का तांता लग गया. मां की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा से पहले मां को 9 जल स्रोतों की धाराओं से स्नान कराया गया. जिसके बाद बंगाली रीति-रिवाज और वाद्य यंत्रों के साथ मां की आरती की गई. जिसके साथ ही मां दुर्गा महोत्सव का भी आगाज हो गया है. महोत्सव 15 अक्टूबर तक चलेगा और दशहरे के दिन मां के डोले को मंदिर प्रांगण में भ्रमण कराया जाएगा. जिसके बाद डोले को नैनीझील में विसर्जित कर दिया जाएगा.
बता दें कि, बीते वर्षों तक दुर्गा देवी के डोले को नगर भ्रमण कराया जाता था. इस बार कोरोना संक्रमण के चलते मां के डोले को नगर भ्रमण नहीं कराया जाएगा. वैसे तो दुर्गा पूजा बंगाल में ज्यादा लोकप्रिय है. मगर नैनीताल में रह रहे बंगाली परिवारों ने मां नयना देवी मंदिर से इस पूजा को शुरू किया. आज ये नैनीताल की संस्कृति का एक हिस्सा बन गयी है. कुछ लोगों द्वारा शुरू की गई इस पूजा में आज पूरा नैनीताल अपनी हिस्सेदारी निभाता है.
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नैनीताल के साथ-साथ यहां आने वाले पर्यटक भी दुर्गा पूजा का हिस्सा बनते हैं. मां दुर्गा की पूजा अर्चना कर उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. बंगाल के साथ-साथ ही सरोवर नगरी नैनीताल में इन दिनों दुर्गा पूजा की धूम मची है. इसमें बंगाली समुदाय के साथ-साथ स्थानीय लोग बढ़-चढ़ कर प्रतिभाग कर रहे हैं.