हल्द्वानी: उत्तराखंड परिवहन विभाग द्वारा वाहनों की टैक्स चोरी रोकने के लिए प्रदेश के सभी चेक पोस्टों पर ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकग्नाजेशन (ANPR) कैमरे लगने थे, लेकिन 4 महीने बीत जाने के बाद भी विभाग प्रदेश के चेक पोस्टों पर कैमरे नहीं लगा पाये हैं. जिससे वाहनों की टैक्स और सैस चोरी की निगरानी नहीं हो पा रही है. इस कारण विभाग को हर महीने महीने डेढ़ करोड़ से लेकर 2 करोड़ तक राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है.
पूर्व में परिवहन विभाग बॉर्डर चेक पोस्ट पर विभागीय निगरानी के तहत मैनुअल तरीके से टेक्स की वसूली करता था, लेकिन दिसंबर माह से चेक पोस्ट को बंद कर दिए जाने के बाद से सरकार को मिलने वाला राजस्व नहीं मिल पा रहा है.
गौरतलब है कि उत्तराखंड सरकार ने दिसंबर माह में उत्तराखंड के सीमा पर बने परिवहन विभाग के चेक पोस्ट को खत्म कर दिया है. परिवहन विभाग चेक पोस्ट पर वाहनों को रोककर उससे टैक्स नहीं लेगा. वाहनों की टेक्स चोरी रोकने के लिए एनपीआर कैमरे के माध्यम से निगरानी करने की योजना बनाई गई. चेकपोस्ट बंद होने के 4 महीने बाद भी योजना धरातल पर नहीं आई है. चेक पोस्ट पर अभी तक कैमरे नहीं लगाए गए हैं. जिससे टैक्स चोरी से सरकार को हर महीने डेढ़ से दो करोड़ का राजस्व नुकसान हो रहा है.
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आरटीओ हल्द्वानी संभाग संदीप सैनी ने बताया कि एनपीआर (automatic number plate recognition) कैमरे लगाने की कार्यवाही चल रही है. एनपीआर कैमरे लग जाने के बाद बॉर्डर पर किसी तरह के वाहनों से टैक्स चोरी नहीं हो पाएगी. कैमरों से बाहरी राज्यों से आने जाने वाले वाहनों की निगरानी की जाएगी. अगर कोई भी वाहन टैक्स चोरी कर उत्तराखंड में प्रवेश करता है तो का पूरा डाटा परिवहन विभाग के पास उपलब्ध होगा.
गौरतलब है कि उत्तराखंड की सीमा पर परिवहन विभाग के 10 चेकपोस्ट हैं, जहां कैमरे लगाए जाने हैं. अब तक यहां कैमरे नहीं लगने से परिवहन विभाग टैक्स चोरी करने वाले वाहनों की जानकारी नहीं जुटा पा रहा है. ऐसे में प्रदेश सरकार को राजस्व के नुकसान के साथ-साथ टैक्स चोरी की भी बढ़ावा मिल रहा है.