हल्द्वानी: गर्मी का सीजन आने में अभी समय बाकी है, लेकिन हल्द्वानी में अभी से ही कई इलाकों में पेयजल संकट पैदा हो गया है. वर्तमान में 80 एमएलडी के जगह पर शहर के लोगों को मात्र 69 एमएलडी ही पानी उपलब्ध हो पा रहा है. यहां तक कि शहर की कई पेयजल लाइनें जर्जर स्थिति में है, जो दशकों पुरानी हैं. ऐसे में पेयजल के लिए सप्लाई होने वाले पानी का 25 फीसदी से अधिक पानी की बर्बादी लीकेज के कारण हो रही है.
हल्द्वानी में पेयजल की समस्या जल संस्थान के लिए सबसे बड़ी चुनौती है. शहर के लिए उपलब्ध होने वाले पानी के लिए जल संस्थान ने 62 नलकूप और तीन फिल्टर प्लांट का उपयोग करता है. उसके बावजूद भी शहर में पेयजल की समस्या बनी रहती है, शहर में करीब 80 हजार के आसपास पेयजल के कनेक्शन हैं. अधिकतर पेयजल की मुख्य लाइन 1970 के आसपास की बिछाई हुई हैं. ऐसे में कई जगह पर पेयजल लाइनें क्षतिग्रस्त हैं और पानी की भारी बर्बादी हो रही है. यहां तक की शहर की मुख्य सड़कों पर कई जगहों पर पेयजल लाइनें टूटी हुई हैं. पानी सड़कों पर बह रहा है. जिसके चलते पानी की बर्बादी के साथ-साथ सड़कों को भी नुकसान पहुंच रहा है.
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जल संस्थान के अधिशासी अभियंता संजय श्रीवास्तव ने बताया कि ठंड की वजह से पानी की खपत कम होने के चलते पाइपों में पानी का फोर्स अधिक होने के चलते पेयजल लाइन क्षतिग्रस्त हो रही हैं. जहां भी पेयजल लाइनें क्षतिग्रस्त हैं, गर्मी के सीजन आने से पहले उनको दुरुस्त किया जाएगा.