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2 साल बाद भी नहीं रखी गई हल्द्वानी रिंग रोड की एक भी ईंट, तीन गुना बढ़ा बजट

2 साल पहले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हल्द्वानी रिंग रोड की घोषणा की थी और 6 महीने पहले प्रस्तावित हल्द्वानी रिंग रोड को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने राष्ट्रीय प्रोजेक्ट घोषित किया था, लेकिन आजतक इसका काम शुरू हो नहीं पाया.

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Published : Jul 19, 2019, 11:09 AM IST

हल्द्वानी

हल्द्वानी: शहर के सबसे बड़े प्रोजेक्ट में शामिल रिंग रोड का बजट लगातार बढ़ता जा रहा है. 2 साल पहले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हल्द्वानी को जाम से छुटकारा दिलाने के लिए रिंग रोड की घोषणा की थी. घोषणा को दो साल हो चुके हैं, लेकिन आजतक रिंग रोड के नाम पर शहर में एक ईंट तक नहीं लगी है. ये अलग बात है कि प्रस्तावित रिंग रोड का बजट 2 सालों में 3 गुना हो गया है. अब एक बार फिर पीडब्ल्यूडी (लोक निर्माण विभाग) ने नए सिरे से डीपीआर तैयार कर शासन को भेजी है.

22 फरवरी 2017 को प्रदेश के मुखिया सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत हल्द्वानी आए थे. तब उन्होंने हल्द्वानी शहर को जाम से निजात दिलाने के लिए 51 किलोमीटर की रिंग रोड बनाए जाने की घोषणा की थी. जिसका काम आज तक शुरू नहीं हो पाया है. गौर हो कि 6 महीने पहले देहरादून आए केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हल्द्वानी के इस प्रस्तावित रिंग रोड को राष्ट्रीय प्रोजेक्ट घोषित किया था, लेकिन आजतक केंद्र से इसका कोई शासनादेश जारी नहीं हुआ.

अधर में लटका रिंग रोड का काम.

पढ़ें- उम्रदराज पेड़ बने लोगों के लिए खतरा, हल्की आंधी में भी गिर रहे हैं

बता दें कि पीडब्ल्यूडी रिंग रोड का डीपीआर एक साल पहले ही शासन को बनाकर भेज दिया गया था. जिसका बजट करीब 400 करोड़ रुपए था, लेकिन समय बीतने के साथ प्रस्तावित रिंग रोड का काम ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. प्रस्तावित रिंग रोड अब फोरलेन बनेगी. जिसका दोबारा डीपीआर तैयार कर पीडब्ल्यूडी विभाग ने शासन को भेजा है. जिसकी लागत करीब 1200 करोड़ रुपए बताई जा रही है. रिंग रोड बनने के बाद बाहर से आने वाले पर्यटकों को जाम से मुक्ति मिलेगी.

पढ़ें- दून में अब यहां बनेगा नया फ्लाईओवर, तैयारियां हुई तेज

अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग हिम्मत सिंह रावत ने बताया कि नए सिरे से डीपीआर तैयार कर शासन को भेजा गया है. प्रथम चरण का काम शुरू करने के लिए 430 करोड़ रुपए के बजट की जरुरत है. इसमें जमीन अधिग्रहण सहित अन्य मुआवजे शामिल हैं.

हल्द्वानी: शहर के सबसे बड़े प्रोजेक्ट में शामिल रिंग रोड का बजट लगातार बढ़ता जा रहा है. 2 साल पहले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हल्द्वानी को जाम से छुटकारा दिलाने के लिए रिंग रोड की घोषणा की थी. घोषणा को दो साल हो चुके हैं, लेकिन आजतक रिंग रोड के नाम पर शहर में एक ईंट तक नहीं लगी है. ये अलग बात है कि प्रस्तावित रिंग रोड का बजट 2 सालों में 3 गुना हो गया है. अब एक बार फिर पीडब्ल्यूडी (लोक निर्माण विभाग) ने नए सिरे से डीपीआर तैयार कर शासन को भेजी है.

22 फरवरी 2017 को प्रदेश के मुखिया सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत हल्द्वानी आए थे. तब उन्होंने हल्द्वानी शहर को जाम से निजात दिलाने के लिए 51 किलोमीटर की रिंग रोड बनाए जाने की घोषणा की थी. जिसका काम आज तक शुरू नहीं हो पाया है. गौर हो कि 6 महीने पहले देहरादून आए केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हल्द्वानी के इस प्रस्तावित रिंग रोड को राष्ट्रीय प्रोजेक्ट घोषित किया था, लेकिन आजतक केंद्र से इसका कोई शासनादेश जारी नहीं हुआ.

अधर में लटका रिंग रोड का काम.

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बता दें कि पीडब्ल्यूडी रिंग रोड का डीपीआर एक साल पहले ही शासन को बनाकर भेज दिया गया था. जिसका बजट करीब 400 करोड़ रुपए था, लेकिन समय बीतने के साथ प्रस्तावित रिंग रोड का काम ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. प्रस्तावित रिंग रोड अब फोरलेन बनेगी. जिसका दोबारा डीपीआर तैयार कर पीडब्ल्यूडी विभाग ने शासन को भेजा है. जिसकी लागत करीब 1200 करोड़ रुपए बताई जा रही है. रिंग रोड बनने के बाद बाहर से आने वाले पर्यटकों को जाम से मुक्ति मिलेगी.

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अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग हिम्मत सिंह रावत ने बताया कि नए सिरे से डीपीआर तैयार कर शासन को भेजा गया है. प्रथम चरण का काम शुरू करने के लिए 430 करोड़ रुपए के बजट की जरुरत है. इसमें जमीन अधिग्रहण सहित अन्य मुआवजे शामिल हैं.

Intro:sammry- प्रस्तावित रिंग रोड का बजट 3 गुना बड़ा ठंडे बस्ते में पड़ा रिंग रोड।
एंकर- शहर के सबसे बड़े प्रोजेक्ट में शामिल रिंग रोड का बजट लगातार बढ़ता जा रहा है। 2 साल पहले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हल्द्वानी को जाम से छुटकारा दिलाने के लिए रिंग रोड की घोषणा की थी लेकिन 2 साल बाद भी रिंग रोड के नाम पर एक ईंट भी नहीं लगा । लेकिन प्रस्तावित रिंग रोड का बजट 2 सालो में 3 गुना हो गया। अब एक बार फिर पीडब्ल्यूडी विभाग नए सिरे से डीपीआर तैयार कर शासन को भेजा है।


Body:प्रदेश के मुखिया त्रिवेंद्र सिंह रावत 22 फरवरी 2017 को अपनी हल्द्वानी दौरे पर हल्द्वानी महानगर को जाम से निजात दिलाने के लिए 51 किलोमीटर की रिंग रोड बनाए जाने की घोषणा की । लेकिन रिंग रोड के नाम पर 2 साल बाद भी 1 इंच काम आगे नहीं बढ़ पाया । रिंग रोड बनाने की डीपीआर 1 साल पहले पीडब्ल्यूडी विभाग ने तैयार कर 400 करोड़ की बजट शासन को भेजा था लेकिन 2 साल से अधिक का समय बीत जाने के बाद रिंग रोड का काम ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है। बताया जा रहा है कि रिंग रोड का बजट अब 1200 से अधिक का हो चुका है।
प्रस्तावित रिंग रोड अब फोरलेन में बनेगा जिसका डीपीआर तैयार कर पीडब्ल्यूडी विभाग ने शासन को भेजा है । रिंग रोड हल्द्वानी शहर से बाहर बाहर बनाया जाएगा। रिंग रोड बन जाने से बाहर से आने वाले पर्यटकों को जाम से मुक्ति मिलेगी साथ ही शहर में लगने वाले जाम से भी छुटकारा मिलेगा।

यही नहीं 6 महीने पहले केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने अपने देहरादून दौरे में हल्द्वानी के इस प्रस्तावित रिंग रोड को राष्ट्रीय प्रोजेक्ट घोषित कर दिया था लेकिन आज भी केंद्र से इसका कोई शासनादेश जारी नहीं हुआ।




Conclusion:अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग हिम्मत सिंह रावत का कहना है कि नए सिरे से फिर से डीपीआर तैयार कर शासन में भेजा गया है। प्रथम चरण के शुरुआत के लिए जमीन अधिग्रहण सहित अन्य मुआवजे के लिए करीब 430 करोड़ की बजट की आवश्यकता की जरूरत है। शासन से बजट अवमुक्त होते ही रिंग रोड का काम शुरू कर दिया जाएगा।

बाइट- हिम्मत सिंह रावत अधिशाषी अभियंता लोक निर्माण विभाग
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