हल्द्वानी: शहर के सबसे बड़े प्रोजेक्ट में शामिल रिंग रोड का बजट लगातार बढ़ता जा रहा है. 2 साल पहले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हल्द्वानी को जाम से छुटकारा दिलाने के लिए रिंग रोड की घोषणा की थी. घोषणा को दो साल हो चुके हैं, लेकिन आजतक रिंग रोड के नाम पर शहर में एक ईंट तक नहीं लगी है. ये अलग बात है कि प्रस्तावित रिंग रोड का बजट 2 सालों में 3 गुना हो गया है. अब एक बार फिर पीडब्ल्यूडी (लोक निर्माण विभाग) ने नए सिरे से डीपीआर तैयार कर शासन को भेजी है.
22 फरवरी 2017 को प्रदेश के मुखिया सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत हल्द्वानी आए थे. तब उन्होंने हल्द्वानी शहर को जाम से निजात दिलाने के लिए 51 किलोमीटर की रिंग रोड बनाए जाने की घोषणा की थी. जिसका काम आज तक शुरू नहीं हो पाया है. गौर हो कि 6 महीने पहले देहरादून आए केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हल्द्वानी के इस प्रस्तावित रिंग रोड को राष्ट्रीय प्रोजेक्ट घोषित किया था, लेकिन आजतक केंद्र से इसका कोई शासनादेश जारी नहीं हुआ.
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बता दें कि पीडब्ल्यूडी रिंग रोड का डीपीआर एक साल पहले ही शासन को बनाकर भेज दिया गया था. जिसका बजट करीब 400 करोड़ रुपए था, लेकिन समय बीतने के साथ प्रस्तावित रिंग रोड का काम ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. प्रस्तावित रिंग रोड अब फोरलेन बनेगी. जिसका दोबारा डीपीआर तैयार कर पीडब्ल्यूडी विभाग ने शासन को भेजा है. जिसकी लागत करीब 1200 करोड़ रुपए बताई जा रही है. रिंग रोड बनने के बाद बाहर से आने वाले पर्यटकों को जाम से मुक्ति मिलेगी.
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अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग हिम्मत सिंह रावत ने बताया कि नए सिरे से डीपीआर तैयार कर शासन को भेजा गया है. प्रथम चरण का काम शुरू करने के लिए 430 करोड़ रुपए के बजट की जरुरत है. इसमें जमीन अधिग्रहण सहित अन्य मुआवजे शामिल हैं.