नैनीताल: देहरादून में सरकारी भूमि पर हुए अवैध निर्माण को लेकर तात्कालिक डीएम देहरादून राधा रतूड़ी द्वारा आदेश जारी किया गया था. लेकिन पूर्व डीएम के आदेशों का पालन न करने के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट के न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी की एकल पीठ द्वारा डीएम देहरादून डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव को सोमवार 24 फरवरी को नैनीताल हाईकोर्ट में व्यक्तिगत रूप से जवाब देने के आदेश जारी किए गए हैं.
देहरादून निवासी अधिवक्ता रीता सूरी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर किया. जिसमें कहा गया कि देहरादून की 48 बलबीर रोड पर भू माफिया फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सरकार की 2.75 एकड़ भूमि को सरकार को ही बेच दिया. जिस पर वर्तमान में भागीरथी एनक्लेव कॉलोनी, समेत अन्य वीआईपी आवासीय क्षेत्र बन चुके हैं. याचिकाकर्ता का कहना है कि 2003 में देहरादून की तत्कालीन डीएम राधा रतूड़ी ने उक्त भूमि को बेचने पर रोक लगाई थी. जिसके बाद भूमि को कुर्क भी कर दिया गया था. तत्कालीक डीएम द्वारा एमडीडीए को निर्देश भी जारी किया गया था कि भूमि पर किसी भी प्रकार के निर्माण का नक्शा पास ना किया जाए.
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लेकिन, इस भूमि पर बेतहाशा निर्माण किया गया. साथ ही, जजेज क्वार्टर निर्माण में घोटाला भी किया गया. ऐसा बताया जाता है कि इसी घोटाले को उजागर करने के कारण भू माफिया द्वारा अधिवक्ता रीता सूरी के भाई राजेश सूरी की जहर देकर हत्या कर दी गई थी.
वहीं रीता सुरी ने कहा कि डीएम, सीबीआई और विजिलेंस की जांच में भी घोटाला स्पष्ट हो चुका है. आरोपी रवि कांत क्रियाना और आनंद प्रकाश जैन को सीबीआई द्वारा सजा भी सुनाई जा चुकी है. लेकिन, तत्कालीन डीएम राधा रतूड़ी के आदेश का पालन नहीं किया गया. लिहाजा, तत्कालीन डीएम के आदेश का पालन कर दोषियों पर कार्रवाई की जाए.