नैनीताल: पूरे देश भर के विभिन्न स्थानों पर दुर्गा महोत्सव बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाया गया. वहीं, नैनीताल में आयोजित होने वाला दुर्गा महोत्सव भी अपने आप में विशेष महत्व रखती है. मूल रूप से बंगाल में होने वाला यह बंगाली त्योहार अब नैनीताल में भी कुछ सालों से हर्षोउल्लास के साथ मनाया जा रहा है. ऐसे में बंगाली समुदाय के लोग मंदिरों में उमड़ रहे है और भीड़ को देखकर मानों ऐसा लग रहा है कि सरोवर नगरी में एक छोटा बंगाल समा गया हो.
देश के अन्य जगहों की तरह नैनीताल में भी दुर्गा पूजा की धूम है. भक्त मां दुर्गा के दर्शनों के लिए मंदिर पहुंच रहे हैं. नैना देवी मंदिर में बने मां दुर्गा के पंडाल में जयकारों के साथ घंटों और मंत्रों की गूंज सुबह से ही मंदिर प्रांगण में सुनाई दे रही है, लेकिन शाम होते ही मां की पंच आरती भक्तों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. पंच आरती के बाद धुनुची आरती दुर्गा महोत्सव में सबसे बड़ा आकर्षण का केंद्र है. इस धुनुची आरती में मिट्टी के दिए में नारियल जलाकर मां दुर्गा की पूजा की जाती है. जो यहां आने वाले पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र है.
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मान्यताओं के अनुसार मां दुर्गा अपने बच्चों कार्तिकेय, गणेश, लक्ष्मी व सरस्वती के साथ इन दिनों धरती यानी अपने ससुराल आती हैं. जहां उनके स्वागत में भक्त मां दुर्गा पूजा का आयोजन करते हैं. नैनीताल में दुर्गा पूजा आमतौर पर बंगाली समुदाय द्वारा आयोजित की जाती है. हर साल दुर्गा पूजा के अवसर पर बंगाली समुदाय के लोग बंगाल से नैनीताल घूमने और इस पूजा में सम्मिलित होने आते थे, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के चलते बंगाली समुदाय के लोग नहीं आ सकें. जिस वजह से दुर्गा पूजा का रंग फीका सा दिख रहा है.